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Prince uday Shukla
White मन के किवाड़ खोल दिल में उमंग भर धरती के श्रृंगार के पावन सिंदूर का छतरी को खोल आनंद लो इन बूंदों का स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का..... जलती धरा में गिरे धार बन के बह चली पेड़ो के पत्तियों को उजल धवल करती है जड़ों में गिरे पेड़ो के प्राण फलो में मिठास मानव और जीव को ह्रदय प्रिय लगती है काहे बंद छतरी में घूमते हो आप सब छतरी को खोल आनंद लो इन बूंदों का स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का..... बड़ी दूर से हैं आई अपनो को छोड़ आई तेरे पाप धोने को धरा पर आई है करो श्रृंगार अपनी घरणी और मात का लगाओ पेड़ और सजाओ इस धरा को जीवन का आधार है जो धरा पेड़ बाग वन जल बिन नही कल मानो इस बात को व्यर्थ न बहाओ जल सहेजो हर बूंदों का छतरी को खोल आनंद लो इन बूंदों का स्वागत करो इन प्यारी प्यारी बूंदों का..... ©Prince uday Shukla #cg_forest #वर्षा #जल #पेड़
#cg_forest #वर्षा #जल #पेड़ #कविता
read moreGanesh joshi
White यह मौसम हैं, बसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशर या शीत ऋतु। ©Ganesh joshi #good_morning यह मौसम हैं, बसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशर या शीत ऋतु।21 Apr 2023
#good_morning यह मौसम हैं, बसंत ऋतु, ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, शरद ऋतु, हेमंत ऋतु और शिशर या शीत ऋतु।21 Apr 2023 #Life
read moreवंदना ....
धाकड़ है हरियाणा
#बहुजन मुक्ति पार्टी की उम्मीदवार वर्षा सोलंकी ने रोड़ शो कर दिखाई ताकत #केलकुलेटर के सामने वाला बटन दबाने की अपील #वीडियो
read moreधाकड़ है हरियाणा
Vandana Rana
White धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब जान रहे हैं.....कि कहां हमें वर्षा जल सा है बरसना, और कहां पतझड़ में शाखाओं सा गिरना! ©Vandana Rana धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब जान रहे हैं........कि कहां हमें वर्षा जल सा है बरसना, और कहां पतझड़ में शाखाओं सा गिरना!
धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब जान रहे हैं........कि कहां हमें वर्षा जल सा है बरसना, और कहां पतझड़ में शाखाओं सा गिरना! #Quotes
read moreरणजीत राही देवास
Black आप मेरे प्यार में मुसलाधार वर्षा हो जाओ, मैं भी तुम्हारी मुहब्बत में अभिषेक हो जाऊं! ©रणजीत राही देवास #Thinking #वर्षा #अभिषेक #कविता #शायरी
Thinking वर्षा अभिषेक कविता शायरी
read moreवरुण तिवारी ~*मुसाफिरखाना*~
Black मिलकर हमने साथ गढ़े थे,सपनो के सोपान। बीच डगर में टूटा नाता,कैसा यह व्यवधान॥ प्रायः वक्त सिखा ही देता,जीवन की हर सीख। आवश्यकता गहरी जितनी,उतनी महंगी भीख॥ सुखद पलों में दिखे हमेशा,बहुधा सुंदर चित्र। विपदा में जो साथ निभाए,वही हमारा मित्र॥ सुई अगर डोरे से लड़ ले,और ठान ले बैर। फिर दर्जी कैसे सिल पाए,आकर्षक परिधान॥ मिलकर हमने,,,,,, कलह,द्वंद्व से कोमल उर भी,हो जाते पाषाण। जीवन नीरस हो जाता बस,नहीं निकलते प्राण॥ सुख आने पर तरह तरह के,मानव भोगे भोग। दुख में साथ खड़े होते जो,याद नहीं वे लोग॥ आज भावना संग हमेशा,होता है खिलवाड़। अपनों से ही छल कर बैठे,कैसा वह इंसान॥ मिलकर हमने,,,,,, ~वरुण तिवारी ~ ©वरुण तिवारी ~*मुसाफिरखाना*~ #Thinking Chocolate सचिन सारस्वत M.k.kanaujiya Kumar Shaurya RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित'
बादल सिंह 'कलमगार'
अब क्या सोच रही है जिन्दगी जब सब कुछ हार चुका हू.. ©बादल सिंह 'कलमगार' #boatclub #badalsinghkalamgar #Nojoto ****#शुन्य***** Suraj Maurya mauryajibhawalpur wale अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Sethi Ji
#boatclub #badalsinghkalamgar ****#शुन्य***** Suraj Maurya mauryajibhawalpur wale अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Sethi Ji #कोट्स
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