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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
©हमारी ही*बुनियाद पर जो खड़ी इमारत करते हैं,वो अब हमसे ही मालिकाना सवालात की बात करते है//१*नींव हमारे खात्मे को,जो एकदिन रात करते है,वो ऐसे दोस्त है,के अब*अदू को भी मात की बात करते है//२*शत्रु जो हमको*खाकसारी खुद को*बरतरी देके,रब से नहीं डरते है,वो*हश्र में खुदके *आला मकामात की बात करते है/३ *तुच्छता*बड़प्पन*न्याय के दिन *सर्वोपरि तमाम हुकूमते*कायनात उस रब की ही है,वो कैसे लोग है जो मेरा*आईन मेरी हुकूमत की बात करते है//४ *सृष्टि*कानून जो*गद्दीनशीन बदलके तेवर तानाशाही की बात करते है,वो अहले*अहमक भी *कयामत की बात करते है//५ *सत्ताधारी*दीवाना*विनाश जो जुबां को*खंजर सी और दामन को मजलुमों के खूँ से *सनी लिए फिरते है,वो*बेज़ा *सरकश भी*अदले करामात की बात करते है//६ *चाकू*हद से पर *क्रूर*भरी हुई*न्यायिक चमत्कार करने दो उनको हमारी बुनियाद पे सवालात जिनका कोई अता पता नहीं,के वो*सनम भी अब "शमा"से जवाबात की बात करते है//७*बुत #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #hibiscussabdariffa ©हमारी ही*बुनियाद पर जो खड़ी इमारत करते हैं,वो अब हमसे ही मालिकाना सवालात की बात करते है//१*नींव हमारे खात्मे को,जो ए
Tafizul Sambalpuri
इमारत इमारत बस इमारत नहीं होते इनमें कुछ उम्मीद, कुछ लगन कुछ जज्बा होते हैं मेहनत ओर मोहब्बत से सज संवर कर जब एक दीवार अपने सर पे छत रखकर हमें पन्हा देती है उसे इमारत कहते हैं महलों कि चाहत तुम्हें मुबारक अकसर हम जमीन पर लेटकर खिड़की से जब जिंदगी को तलाशते हैं सर्दी, गर्मी, बारिश आके हमें गले लगाते हैं तुम्हें याद हो शायद इस धरती को हम मां बुलाते हैं इमारत के ईट ओर पत्थरों से ज़मीं पर पड़े चटाई से इस तरह मोहब्बत है हमें अकसर चांद सितारे भी हमें अपने रोशनी से आबाद करते हैं तुम क्या जानो इन रिश्तों के ताने-बाने को हम इसे अपनी मिल्कियत मानते हैं ।। ©Tafizul Sambalpuri #इमारत shamawritesBebaak_शमीम अख्तर Anshu writer Yogendra Nath Yogi Sk Manjur दुर्लभ "दर्शन"
Sarfaraj idrishi
बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्से में रहती है। बहुत ऊंची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है। ©Sarfaraj idrishi #Architecture बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्से में रहती है। बहुत ऊंची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है।Ashutosh Tripathi Prajwal Bhalerao Anik
वंदना ....
💙💙💙 🩵🩵🩵🩵 ©वंदना .... धन्यवाद#yqfamily...🙏🙏🙏 इतनी सुंदर अनमोल भेंट मुझे वहां से मिली है ..🥺 इसका नाम कुलभूषण दीप है और एक जिंदादिल इंसान है ..हमें यह प्रेम से
Rukhsar Khanam
मोहब्बत की इमारत को हम ढहने नही देगे, मोहब्बत की बगीया को हम उजड़ने नही देगे, रौशन रहेगी हमारी भी मोहब्बत ताजमहल की तरह, अपनी मोहब्बत को हम किसी की नजर लगने नही देंगे..!! ✍️मेरे अल्फाज़✍️ ©Rukhsar Khanam #UskePeechhe #मोहब्बत की इमारत को हम ढहने नही देगे, मोहब्बत की बगीया को हम उजड़ने नही देगे, रौशन रहेगी हमारी भी मोहब्बत ताजमहल की तरह, अपनी
DR. LAVKESH GANDHI
चकाचौँध शहर की शहर की चकाचौँध में खो जाते हैं लोग तभी तो गुमनामियों में खो जाते हैं लोग बड़ी-बड़ी सजी इमारतों के बीच में रहते हैं संकुचित दिलवाले लोग ©DR. LAVKESH GANDHI #Sheher # # ऊंँची इमारत में रहते हैं छोटे दिलवाले लोग#
मोहित "बेख़बर"
परिवार एक इमारत है तो उसमें मां-बाप मजबूत नींव है । अगर नींव को कमजोर करोगे तो इमारत ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएगी। ©Mohit Sharma ❤️❤️ परिवार एक इमारत 🏙️🏛️❤️
Archana Tiwari Tanuja
बहता लम्हा :- *************** पानी की तरह बहता लम्हा न मिले दुबारा, मुर्झा गए जो फूल इक बार न खिलें दुबारा। जो लिखा था मुकद्दर में उससे न भाग पाए, खुले जो ज़ख्म पुराने उन्हें हम सिले दुबारा। दरमियां ढ़ह चुकी है जो भरोसे की इमारत, मरम्मत से न होगें पहले से वो किले दुबारा। पथरीली राहों से भरा है सफ़र ज़िन्दगी का, भरे जो घाव बर्षो में वो! आज छिले दुबारा। भूली बिसरी यादों पे चढ़ी थी ये गर्द कब से, हमें याद आ गये हैं वहीं शिकवे-गिले दुबारा। छोड़ आए जिस कहानी को अंधेरे मोड़ पर! अब नहीं करना हमें शुरू!सिलसिले दुबारा। लगा रहता था कभी हुज़ूम इर्द-गिर्द मेरे भी! कहां मिलते हैं! बिछड़े हुए काफ़िले दुबारा। अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️ ©Archana Tiwari Tanuja #BehtaLamha #Nojoto #kavita #MyThoughts 12/08/2023 बहता लम्हा :- ************ पानी की तरह बहता लम्हा न मिले दुबारा, मुर्झा गए जो फूल इक ब
Manjeet
खून पसीने और मेहनत से नींव #कलाम की सींची है, यूं आंखें दिखाने से डर थोड़े ही जायेंगे! शिक्षा देकर लाखों घरों में रोशनी कर विश्वास रूपी ईंटों से ये इमारत की ऊंची है, चंद लोगों की घटिया हरकतों से हौंसले हमारे मर थोड़े ही जायेंगे!! #StandWithKalam ©Manjeet खून पसीने और मेहनत से नींव #कलाम की सींची है, यूं आंखें दिखाने से डर थोड़े ही जायेंगे! शिक्षा देकर लाखों घरों में रोशनी कर विश्वास रूपी ईंटो