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Saurabh Summer
जो छाया है मुझ पर वो तेरा साया है क्या इश्क़ में गर तूने ही सब खोया है तो बता इश्क़ में मैंने कुछ पाया है क्या तुझे दिल से कभी भुलाया है क्या अगर सारा कसूर मेरा ही है तो तूने वफ़ा की झूठी कसमे नही खाया है क्या किसी गैर को दिल मे कभी लाया है क्या हर बार मैं ही रोता हूँ बता मैंने तूझे कभी रुलाया है क्या दिल मे कभी नफरत जगाया है क्या तू तो हमेशा दुदकारति है तेरे जैसा कभी तुझको भगाया है क्या तेरे सिवा कोई और मुझे भाया है क्या जिस तरह तूने बना लिया है उस तरह दिल को पत्थर बनाया है क्या जालिम
Saurabh Summer
सुनो! मेरे कहानी का किरदार हो तुम मेरे चाहत का इजहार हो तुम जो खुशीया बहुत देती थी वो बचपन की इतवार हो तुम जालिम
Raone
जान हीं लेनी थी साफ़ कह देते ओ बेदर्द यूँ मुस्कुराने की ज़रूरत हीं क्या थी यूँ तो सरेराह लुट हीं गये थे हम पर यूँ मीठी बातों में फ़ंसाने की ज़रूरत हीं क्या थी हम तो कब से मदहोश हुए पड़े हैं इश्क़ में आपके तो फ़िर यूँ आँखों से ज़ाम पिलाने की ज़रूरत हीं क्या थी जाने कितनी जानें ख़ुद गँवा दी लोगों ने आपके सज़दे में तो फ़िर यूँ हुश्न दिखाकर कत्ले-आम करने की ज़रूरत हीं क्या थी राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी #जालिम
shree Krishna yadav
जनवरी से भी ठंड है तेरी जुल्फ कीसाया, जी चाहता है की जून तेरे पास आके गूजारू..। ©shree Krishna yadav जालिम
Pooja Rai
इतने जालिम ना बनो कुछ तो रहम करो तुम पे मरते हैं तो क्या मार ही डालोगे। © Pooja Rai जालिम
ANITA SINGH
मैं उसे भुला दू इतना आसान नहीं है. और वो मुझे भुला कर रह ले. जालिम. दिल है उसका कोई कब्रिस्तान नहीं है..... जालिम....
Jogi Sarkar H.S.
वो जालिम मेरी हर सायरी पढ़ता हे, पर ना आह करता हे, ना वाह करता हे। जोगी सरकर राधे राधे मेरी वेन्डी बेन जालिम
Saurabh Summer
तेरे ख्वाइशों का मैं आश बन जाऊंगा तेरे सीने की मैं सांस बन जाऊंगा अगर तैयार हो तू कफन बनने को खुदा कसम मैं लाश बन जाऊंगा जालिम
Guruji
ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है, बहुत सर्द होती है, मगर इनमें दिल सुलगता है। Dil_da_nai_mada143 #जालिम
Neophyte
जख्म देकर मेरे दिल पर नये-नये निशान करती है वो लड़की जो परेशान करती थी,परेशान करती है खामियां ही खामियां दिखता था जिसे मेरे गाँव मे वो अपने शहर पर गुमान करती थी,गुमान करती है मेरे हर अज़ीज़ से शिकायत रहती थी जिसे अपने हर अज़ीज़ का बखान करती थी,बखान करती है मैं कितना जालिम हु,मुझे इश्क़ के तौर-तरीके नही आते वो ये बात हर किसी से बयान करती थी,बयान करती है -(क्षत्रियंकेश) जालिम!