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KP EDUCATION HD

KP NEWS for the रात्रि में चंद्रोदय होने पर चंद्र की पूजा कर, अर्घ्य दें और जल पीकर व्रत खोलें। गणेशजी की पूजा सर्वसिद्धिदायक होती है। आज रव #न्यूज़

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N S Yadav GoldMine

#delhiearthquake ⏰जय श्री नारायण हरि⏰ {Bolo Ji Radhey Radhey} कभी भी घमंड न करें :- ⏰ एक बार एक गाय जंगल में घास चरने के लिए गई वह घास बड़े #प्रेरक

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Vedantika

वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम, सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या

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अभिव्यक्ति-27

वर्षों तक वन में घूम-घूम,
बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,
सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,
पांडव आये कुछ और निखर।
सौभाग्य न सब दिन सोता है,
देखें, आगे क्या होता है।

मैत्री की राह बताने को,
सबको सुमार्ग पर लाने को,
दुर्योधन को समझाने को,
भीषण विध्वंस बचाने को,
भगवान् हस्तिनापुर आये,
पांडव का संदेशा लाये।

‘दो न्याय अगर तो आधा दो,
पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,
रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे,
परिजन पर असि न उठायेंगे!

“रामधारी सिंह दिनकर” वर्षों तक वन में घूम-घूम,
बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,
सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,
पांडव आये कुछ और निखर।
सौभाग्य न सब दिन सोता है,
देखें, आगे क्या

Sarita Shreyasi

किसान के खेतों में नयी फसल लहलहाती है, कच्चेपन की सौंधी खुश्बू पशुता को ललचाती है, हमारे यहाँ बेलगाम पशु बाड़े में बाँधे नहीं जाते,वो खेत चर #Sex

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किसान के खेतों में नयी फसल लहलहाती है,
कच्चेपन की सौंधी खुश्बू पशुता को ललचाती है,
हमारे यहाँ बेलगाम पशु बाड़े में बाँधे नहीं जाते,वो
खेत चर जाए तो गलती किसान की मानी जाती है। किसान के खेतों में नयी फसल लहलहाती है,
कच्चेपन की सौंधी खुश्बू पशुता को ललचाती है,
हमारे यहाँ बेलगाम पशु बाड़े में बाँधे नहीं जाते,वो
खेत चर

Pooja Navale

प्रिय मित्र आणि मैत्रिणीनों आपणा सर्वांना नवरात्रीच्या खुप खुप शुभेच्छा. आज पासुन नवरात्रीचा उत्साहाला सुरुवात झालीय. अश्विन महिन्याच्या पह #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai #thirdquote #नवरात्र2022 #नवरात्री2022

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नवरात्री ला नऊ रूपे 
               देवीला मागणे घालते 
                      ठेव सर्वांना सुखी आई 

                                 एवढंच तुला प्रेमानं सांगते  प्रिय मित्र आणि मैत्रिणीनों 
आपणा सर्वांना नवरात्रीच्या खुप खुप शुभेच्छा.
आज पासुन नवरात्रीचा उत्साहाला सुरुवात झालीय.
अश्विन महिन्याच्या पह

Author Munesh sharma 'Nirjhara'

शिव कभी संततियों में भेद नहीं रखते, उनके लिए देव, दानव, मनुज, चर, जलचर, भूमिचर, कीट इत्यादि सब एक समान हैं, कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏 #writer emot #Shiva #Emotions #yqbaba #yqdidi

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शिवत्व को जिसने समा लिया
फिर वही शिव सम हो जाता है
काल और महाकाल फिर क्या
वह स्वयं ही शिव बन जाता  है
🌹 शिव कभी संततियों में भेद नहीं रखते, उनके लिए देव, दानव, मनुज, चर, जलचर, भूमिचर, कीट इत्यादि सब एक समान हैं, कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏

#writer #emot

Pooja Navale

प्रिय मित्र आणि मैत्रिणीनों आपणा सर्वांना नवरात्रीच्या खुप खुप शुभेच्छा. आज पासुन नवरात्रीचा उत्साहाला सुरुवात झालीय. अश्विन महिन्याच्या पह #Collab #YourQuoteAndMine #yqtaai #thirdquote #नवरात्र2022 #नवरात्री2022

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नवरात्री ला नऊ रूपे 
               देवीला मागणे घालते 
                      ठेव सर्वांना सुखी आई 

                                 एवढंच तुला प्रेमानं सांगते  प्रिय मित्र आणि मैत्रिणीनों 
आपणा सर्वांना नवरात्रीच्या खुप खुप शुभेच्छा.
आज पासुन नवरात्रीचा उत्साहाला सुरुवात झालीय.
अश्विन महिन्याच्या पह

विष्णुप्रिया

मैं मृत्तिका हूं हाँ, वही.. जिसे आधार बना ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है... जिसके गर्भ में रोपित हो, प्रकृति ने विस्तार किया है... समस्त च #मिट्टी #yqdidi #हिंदीqoutes #विष्णुप्रिया

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मैं मृत्तिका हूं
हाँ, वही..
जिसे आधार बना
ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है...
जिसके गर्भ में रोपित हो,
प्रकृति ने विस्तार किया है...

समस्त चर अचर,
मेरे ही वृस्तृत वक्ष स्थल पर,
जीवन पाता...
और अंत में मुझमे ही
विलीन हो...मुक्त हो जाता ।

फिर तुम,
क्यों भूल गए मुझे
और मेरी अस्मिता को,

क्यों तोड़ लिया है अपने को,
इस विराट अस्तित्व से....?
कैसा यह अहंकार है...?,
आखिर कैसी यह जड़ता है...?

झुको..... और ..अर्पित हो जाओ....💐
अस्तित्व से आलिंगन को🌸🌿🌷 मैं मृत्तिका हूं
हाँ, वही..
जिसे आधार बना
ईश्वर ने सृष्टि को आकार दिया है...
जिसके गर्भ में रोपित हो,
प्रकृति ने विस्तार किया है...

समस्त च

विष्णुप्रिया

कभी महसूस किया है... ऊर्जा के वरतूल को....हर् जगह व्याप्त है और कहीं भी नही...समस्त चर अचर को बांधे पर बंधी किसी से भी नही.... पूर्ण शाश्वत

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सम्पूर्ण ऊर्जा
तटस्थ और आयामहीन है... कभी महसूस किया है...
 ऊर्जा के वरतूल को....हर् जगह व्याप्त है और कहीं भी नही...समस्त चर अचर को बांधे पर बंधी किसी से भी नही....
पूर्ण शाश्वत

विष्णुप्रिया

जिस दिन मैंने यह अनुभव कर लिया कि, मैं सृष्टि से भिन्न नही, उस दिन मैं पूर्णतः विलुप्त हो जाएगा....और जीव अद्वैत.... फिर ईश्वर मंदिर में ही #पूजा #yqdidi #आरती #आत्मबोध #विष्णुप्रिया

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चलो पूजा करें
बिन धूप और दिए के,

आरती करे,
भीतर समाहित उस
शाश्वत कंपायमान ऊर्जा से,
दीप दान करे,
चेतना के समस्त रागों का
सृष्टि की परिधि से,
गुंजायमान करें,
अंतस के अनाहत से
स्वयं को...

चलो जोड़े,
हाथ नही,
सृष्टि के स्रोत को
स्वयं से..... जिस दिन मैंने यह अनुभव कर लिया कि, मैं सृष्टि से भिन्न नही, उस दिन मैं पूर्णतः विलुप्त हो जाएगा....और जीव अद्वैत....
फिर ईश्वर मंदिर में ही
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