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Mahesh Patel
White सहेली.... ज्ञानी होने से शब्द समझ आने लगते हैं.. अनुभवी होने से अर्थ... लाला..... ©Mahesh Patel सहेली.....अर्थ... लला....
सहेली.....अर्थ... लला.... #Shayari
read moreRan Singh Guru
White मेरी मुसीबतों ने भी कमाल कर दिखाया, मुझें परेशान तो किया, बहुत चहरों से नक़ाब हटाया, मुझें मिटाने कि हसरत में, मुसीबतों ने बहुत से लोगों का वज़ूद तक मिटा डाला... ©Ran Singh Guru #car #मुसीबत # वजूद
Deependra Dubey
White बस कुछ ऐसा कर जाऊं की, इस दुनियां में अपनी वजूद छोड़ जाऊं। कुछ लोगो में ही सही, थोड़ा मोहब्बत छोड़ जाऊं। अपनो से अपनो तक, अपनी याद छोड़ जाऊं। ©Deependra Dubey #वजूद
Ganesh joshi
White अल्पविद्या भयङ्करी। अर्थ : अल्पविद्या भयंकर होती है । ©Ganesh joshi #Buddha_purnima #अल्पविद्या भयङ्करी।#अर्थ : #अल्पविद्या #भयंकर होती है । #story #status #kavita
#Buddha_purnima #अल्पविद्या भयङ्करी।अर्थ : #अल्पविद्या #भयंकर होती है । #story #status #kavita #Motivational
read moreSatish Kumar Meena
मैं तुम्हें ढूंढता हूं तो, प्यार में जिंदादिल हो जाता हूं। तुम मुझे ढूंढती हो तो,, मैं सच में अपना वजूद पाता हूं।। ©Satish Kumar Meena वजूद
वजूद #कोट्स
read moreGanesh joshi
White प्कृति पृथ्वी की सुदंरता है ©Ganesh joshi #Lake #अर्थ #Earth #prakriti #ganeshjoshibkn
Manish Raaj
वजूद ------ ज़रें-ज़रें में ज़िंदगी समाई है फिर क्यों ये तन्हाई जितनी, समंदर में गहराई है वाक़िफ़ हैं हक़ीक़त से मगर फिर भी ज़िंदगी, आज़माई है आज़माए इतने गए की अब भरोसे पर ही, शक़ घिर आई है ख़ामोशी एक जवाब और सवाल भी है, कितनों को समझ आई है नज़र, नज़ारे देखती है क्या ख़ुद की नज़र को देख पाई है पैसों के लिए अश्क़, पसीने और खून मगर खून के लिए जान किसने गंवाई है इंसान की हवस ऐसी की हैवानियत और मौत भी शर्माई है मौके की तलाश में रहनेवालों की नीयत साफ़ नज़र आई है जज़्बात, अलफ़ाज़ और शर्म-ओ-लिहाज़ नहीं फिर क्यों, आँख भर आई है आसमानी परिंदों ने अपनी जड़ ज़मीं पर ही बनाई है पौधों को पानी से सीचे और दूसरी तरफ कटे जड़ समझो अब, उसकी जान पर बन आई है मनीष राज ©Manish Raaj #वजूद
Rashmi Vats
हर दर्द को अपना है बना लेतीं । हम स्त्रियां तकलीफ में भी हैं मुस्कुरा लेतीं। खुद रहती हैं बिखरी हुई, पर अपना आशियाना है बखूबी सजा लेतीं। एक आस लिए जीवन है जीती। खुश रखना है सभी को यही है चाहतीं। और कोई चाहत नही है उनकी, बस रिश्तों को सहेजना है जानती। अपनी ख्वाइशों को करती है दफ़न। निभाती हैं मान सम्मान और चलन। इन सबके बावजूद भी जब नही मिलता प्रेम, तो दो आसूं बहा गुजार देती हैं सारा जीवन। हर दर्द को अपना...। रश्मि वत्स । ©Rashmi Vats #स्त्री #प्रेम #वजूद #समर्पण
RAJ KP
White कभी - कभी वो रिश्ते निभाने में लग जाते हैं, जिस रिश्ते का कोई वजूद ही नहीं। ©RAJ KP कभी - कभी वो रिश्ते निभाने में लग जाते हैं, जिस रिश्ते का कोई वजूद ही नहीं। #रिश्ते
कभी - कभी वो रिश्ते निभाने में लग जाते हैं, जिस रिश्ते का कोई वजूद ही नहीं। #रिश्ते
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