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Pratik
.जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छा ही होगा।.हे अर्जुन ! तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा, क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है। ©Pratik B भगवत गीता
भगवत गीता #Thoughts
read moreTanu Pandey
भगवत गीता कहती हैं जो व्यक्ति संदेह करता है उसे कहीं भी खुशी नहीं मिलती इसीलिए रिस्तो को शक से नहीं प्यार से देखो 🌹❤️💯✍️ ©tanu Pandey भगवत गीता
भगवत गीता
read moreVatan Jangid
किसी को गाली देना, अभद्र भाषा का प्रयोग करना, अपने द्वारा किये गए 100 धर्मो को नष्ट करने के बराबर है। इसका मतलब अभद्र भाषा भी कर्म का ही एक रूप है , अगर स्वयं द्वारा धर्म न किया जाये तो मीठी वाणी से भी हम भगवान एवं मोक्ष की प्राप्ति कर सकते है। - भगवत गीता !! भगवत गीता
भगवत गीता
read morePratik
गीता कहती है, जिसका मन सदा आसक्ति से मुक्त है, जिसने मन और इंद्रियों को वश में कर लिया है, और जो इच्छाओं से मुक्त है, वह त्याग के माध्यम से कर्म से मुक्ति की परम सिद्धि को प्राप्त करता है। ©Pratik B #Ray भगवत गीता
#Ray भगवत गीता #Knowledge
read moreRajeev Kumar
अपने पुत्र का भविष्य सवाँरने के बजाए उसका चरित्र सवाँरना चाहिए। ©Rajeev Kumar #भगवत गीता #together
@nil J@in R@J
हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है। • तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो? तुम क्या लाए थे, जो तुमने खो दिया? तुमने क्या पैदा किया था, जो नाश हो गया? न तुम कुछ लेकर आए, जो लिया यहीं से लिया। जो दिया, यहीं पर दिया। जो लिया, इसी (भगवान) से लिया। जो दिया, इसी को दिया। • खाली हाथ आए और खाली हाथ चले। जो आज तुम्हारा है, कल और किसी का था, परसों किसी और का होगा। तुम इसे अपना समझ कर मग्न हो रहे हो। बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दु:खों का कारण है। • परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है। एक क्षण में तुम करोड़ों के स्वामी बन जाते हो, दूसरे ही क्षण में तुम दरिद्र हो जाते हो। मेरा-तेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है, तुम सबके हो। • न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जायेगा। परन्तु आत्मा स्थिर है – फिर तुम क्या हो? • तुम अपने आपको भगवान को अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है। जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त है। • जो कुछ भी तू करता है, उसे भगवान को अर्पण करता चल। ऐसा करने से सदा जीवन-मुक्त का आनंन्द अनुभव करेगा। #NojotoQuote भगवत गीता उपदेश #nojoto#
भगवत गीता उपदेश #Nojoto#
read moreShubham Hage
आपल्याला दगडात देव दिसतो, गाईंमध्ये माता दिसते आणि कावळ्या मध्ये तर सर्व पूर्वज दिसतात मग माणसात माणुसकी का दिसत नाही. जेव्हा आपल्याला माणसात माणुसकी दिसेल त्या दिवशी आपल्या जीवनात तेज दिसेल. #khabar भगवत गीता ज्ञान
#khabar भगवत गीता ज्ञान
read moreN.S. RATHOR
गीता का ज्ञान गीता से बढकर विश्व भर में कोई ज्ञान नहीं श्री कृष्ण कहते है कर्तव्य से बढकर दुनिया में कोई मान नहीं । क्या खोया क्या पाया,कोंन है अपना कोंन पराया । क्यों व्यर्थ चिंता करते हो किससे व्यर्थ डरते हो ना शोक करना,नही नाही अधिक प्रसन्नता ।बस गीता का सार यही कहता है कि जीवन मध्यमता से व्यतीत करना ना अल्प ना अत्यधिक । कर्म करना श्रेष्ठ है परन्तु उससे भी अधिक श्रेष्ठ है कर्तव्य के प्रति डटे रहना । अपने आप को मत देखो बस कर्तव्य का निर्वहन करते रहों धन संपत्ति मोह माया साथ न जायेगा । कर्तव्य ओर कर्मो का फल युगों युगों तक पायेगा ।। श्री कृष्ण शरणम् श्री मद् भगवत गीता
श्री मद् भगवत गीता
read moreAB SINGH YADAV 007
krishna vani अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः। नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः॥ भावार्थ: और भी मेरे लिए जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत-से शूरवीर अनेक प्रकार के शस्त्रास्त्रों से सुसज्जित और सब-के-सब युद्ध में चतुर हैं ॥9॥ ©AB SINGH 007 भगवत गीता श्लोक -9 #God
भगवत गीता श्लोक -9 #God
read more@nil J@in R@J
Lessons learned in life 🌷🌷🌷🌷– (Geeta Saar) Geeta Updesh. हे अर्जुन जब जब संसार में धर्म हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब – तब अच्छे लोगों की रक्षा, दुष्टों का संहार और धर्म की स्थापना करने के लिए मैं हर युग में अवतरित होता हूँ| हे अर्जुन, मेरे जन्म और कर्म दिव्य हैं, इसे जो मनुष्य भली भांति जान लेता है, उसका मरने के बाद पुनर्जन्म नहीं होता तथा वह मेरे लोक, परमधाम को प्राप्त होता है। हे अर्जुन, जो भक्त जिस किसी भी मनोकामना से मेरी पूजा करते हैं, मैं उनकी मनोकामना की पूर्ति करता हूँ। #NojotoQuote भगवत गीता उपदेश हे अर्जुन
भगवत गीता उपदेश हे अर्जुन
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