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Babli BhatiBaisla
अपने मन की बेचैन अमीरी को पंख लगाए हैं मेरे पापा ने पैसों की तंगी में पुराने पेड़ कटवाए है इस पेड़ पर मेरा हैलिकॉप्टर बना कर समझाया है एक दिन मुझे हैलिकॉप्टर को चलाकर घर ले आना है मेरी क्षमताओं अपनी परिकल्पनाओं को ववो दिखा चुके हैं पैसे बगैर भी खिलौने मेरे अनमोल बना चुके हैं बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla क्षमता Lalit Saxena Neel Sethi Ji Ashutosh Mishra Mili Saha Bhardwaj Only Budana
Vandana Rana
माना कि मेरे दिमाग की हर बात याद रखने की क्षमता 2.5 जी.बी है लेकिन जरूरी तो नहीं मैं सबकी करतुते याद रखो! ©Vandana Rana माना कि मेरे दिमाग की हर बात याद रखने की क्षमता 2.5 जी.बी है लेकिन जरूरी तो नहीं मैं सबकी करतुते याद रखो!
भारद्वाज
White शिक्षा उसे कहते हैं जो सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने की क्षमता को विकसित करती हैं।। ©भारद्वाज #emotional_sad_shayari #शिक्षा उसे कहते हैं जो सही को सही और ग़लत को ग़लत कहने की क्षमता को विकसित करती हैं।।
रोहन बिष्ट
पिता का प्रेम दिखाई नहीं देता, स्नेह और समर्पण में छुपा जाता है वो सच्चा व्यक्तित्व। उनकी कठिनाइयों और संघर्षों के पीछे, हमें सबक सिखाने की क्षमता छिपी होती है। उनकी ममता और चिंता का अहसास, हमें जीवन की महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति जागरूक करता है। पिता का प्रेम स्थायी और अथक होता है, हमें हर कदम पर साथ देने का आशीर्वाद देता है। ©रोहन बिष्ट #पिता पिता का प्रेम दिखाई नहीं देता, स्नेह और समर्पण में छुपा जाता है वो सच्चा व्यक्तित्व। उनकी कठिनाइयों और संघर्षों के पीछे, हमें सबक सिखा
Sudha Tripathi
White आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्यों अपनी क्षमता, किसमें है तेरा कल्याण।। न हो सके जो तुमसे बोलो, कठिन कौन सा ऐसा काम। नहीं जगत में तुमसा कोई,दूजा स्वीकारो हनुमान।। दीर्घकाय पर्वत से होकर,लिए शक्ति अपनी पहचान। चुका सके ऋण अनुदानों का, जीवन कर अपना बलिदान।। जो कुछ भी कर पाए उसका , नहीं कभी मन में हो दम्भ । सिंहनाद करके फौलादी,ले संकल्प किये प्रस्थान।। *सुधा त्रिपाठी* ©Sudha Tripathi #ramnavmi आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्य
Vinod Mishra
Shashi Bhushan Mishra
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. क्षमता बोध ज़रूरी है, कुछ गतिरोध ज़रूरी है, मजबूती की ख़ातिर ही, कुछ अवरोध ज़रूरी है, चलो मनायें रूठा यार, कुछ अनुरोध ज़रूरी है, आए काम डराने में जो, फिर तो क्रोध ज़रूरी है, नई सोच दिखलाने को, हर दिन शोध ज़रूरी है, ख़तरा बन मंडराये कोई, फिर प्रतिशोध ज़रूरी है, निर्णायक नेतृत्व चुनेंगे, 'गुंजन' प्रबोध ज़रूरी है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #क्षमता बोध ज़रूरी है#
ज़ख्मी दिल
आपका मूल्य इससे तय नहीं होता कि आप क्या हैं, यह इससे तय होता है की, आप खुद को क्या बनाने की क्षमता रखते हैं. ©Kumar Vinod #क्षमता रखते हैं.