Find the Latest Status about लौटकर आऊँगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लौटकर आऊँगा.
Vickram
अगर आपने हमेशा कयी लोगों को धौंके में रखा हो। या फिर हमेशा कयी लोगों का दिल दुखाया हो । तो जिन्दगी में किसी से भी वफा की उम्मीद मत रखना । हो सकता है कल आपके अपने भी आपके साथ यही सब दौहराए। ये वो हकीकत है जिसे सब मजाक समझते हैं,,, मैंने खुद देखा है,, ©Vickram #CrescentMoon सब कुछ लौटकर आता है एक दिन,,,,
Gopal Pandit
Shivkumar
दुनिया का सबसे अच्छा तोहफा “ वक्त ” है। क्योंकि जब आप किसी को अपना वक्त देतें है, तो आप उसे अपनी “। जिंदगी ” का वह पल देतें हैं, जो कभी लौटकर नहीं आता… ©Shivkumar #Love #love❤ #Life #Nojoto दुनिया का सबसे अच्छा #तोहफा “ #वक्त ” है। क्योंकि जब आप किसी को #अपना वक्त देतें है, तो आप उसे अपनी “। #ज
Bhanu Priya
Black गहरी निशा खटखट किबाड़ बदली मेरी दिशा वो पल बनाएं छल को निश्चल बताएं उल्टे पन्नों को सुलटाएं मिटे अक्षरों को लिख जाएं कल्पनाओं से भी अदभुत कहानी वो रच जाएं चिमनी से निकलकर पल को साथ लेकर उस धुएं में मिलकर जो राख बन जाएं ऐसा स्वपन पुनः लौटकर न आएं । ©Bhanu Priya गहरी निशा खटखट किबाड़ बदली मेरी दिशा वो पल बनाएं छल को निश्चल बताएं उल्टे पन्नों को सुलटाएं मिटे अक्षरों को लिख जाएं कल्पनाओं से भी अदभुत
Ravindra Singh
हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बेटा समझ कर । उठाया ज़मीन से ,इस लायक़ बनाया , ज़रूरतें हुई पूरी, माँ तूने रास्ता दिखाया । टूट गया था एक रोज़ मैं माँ , थे दरवाज़े सभी के, मेरे लिये बंद यहाँ । एक तू ही थी जो मेरे साथ खड़ी थी , थामी मेरी अंगुली जब मेरी कठिन घड़ी थी । तेरा उपकार माँ मैं सदैव याद रखूँगा , तेरे बुलाने पर तेरे दरबार आऊँगा ,मैंने है ठानी । हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा, दिल की बात मेरी जानी । ©Ravindra Singh #navratri हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बे
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल वो सभी तो धनी से मिलते हैं । वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१ रात दिन की बेकसी से मिलते हैं । फिर नहीं वो किसी से मिलते हैं ।।२ यार सागर समझ ले तू उनको । आजकल वो सभी से मिलते हैं ।।३ क्या उन्हें हम समझ ले अब कान्हा । इस तरह जो बासुरी से मिलते है ।।४ जाने क्या हो गया सनम को अब । आजकल बेरुखी से मिलते हैं ।।५ वो दिखाकर गये हमें तारा । लौटकर हम तुम्ही से मिलते हैं ।।६ ख़्व़ाब आकर चले गये सारे । अब गले हम ख़ुदी से मिलते हैं ।।७ अब कहीं और जी नहीं लगता । चल उसी जलपरी से मिलते हैं ।।८ यूँ तो घड़ियां गुजार दूँ तुम बिन । डर है की ज़िन्दगी से मिलते हैं ।।९ बीवियाँ अब नहीं सँवरती घर । चल खिली फिर कली से मिलते हैं ।।१० प्यार में इस तरह प्रखर पागल । छोड़ जग गृहिणी से मिलते हैं ।।११ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल वो सभी तो धनी से मिलते हैं । वो कहाँ आदमी से मिलते हैं ।।१
AJAY NAYAK
परिंदो से सिखो परिंदो से सिखो बैठकर उड़ जाना वापस फिर से वहीं लौट आना परिंदो से सिखो एक एक तिनका जमा करना जमा करके ख़ुद का नया आशियाना बनाना परिंदो से सिखो एक एक दाने का सम्मान करना चुग चुग कर ख़ुद परिवार का भरण पोषण करना परिंदो से सिखो नित नए आयाम बनाना आज यहां तो कल वहां तक का सफ़र तय करना परिंदो से सिखो, भले अलग अलग जाना जब भी लौटना, एक कतार बनाकर ही लौटना एकता क्या होती है ये परिंदो से ही पूछना झुंड में ही कहीं जाना झुंड में ही वापस लौटकर आना –अjay नायक ‘वशिष्ठ’ ©AJAY NAYAK #परिंदे परिंदो से सिखो परिंदो से सिखो बैठकर उड़ जाना वापस फिर से वहीं लौट आना परिंदो से सिखो एक एक तिनका जमा करना जमा करके ख़ुद का नया आश