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Anuradha T Gautam 6280
White #अपने_सपनो_के_लिए_जरूर_लड़े क्या रिश्ते टूटने की आजकल सबसे बड़ी वजह पढ़ी,लिखी,कमाने वाली महिलाएं है..🖊️ क्योंकि यह गुलामी नहीं कर सकती #कोम्प्रोमाईज नहीं कर सकती अपने हक के लिए आवाज उठाती है..🖊️ आजकल ऐसी महिलाओं को कौन पसन्द करता है जो जरूरत पड़ने पर #ऊंची_आवाज में बात करे #आत्मरक्षा_के_लिए ऐसी संस्कारहीन इनके लिए प्रयोग किये जाने वाले शब्द महिला को कौन अपनी #जीवन_संगिनी बनाएगा..🖊️ ऐसी महिलाओं को आसानी से #चरित्रहीन की संज्ञा दे दी जाती है क्योंकि यह खुले विचारधारा की होती है शांत,संस्कारी,सुशील,घरेलू महिलाओ के सामने पढ़ी लिखी,जॉब करने वाली,जरूरत पड़ने पर साहसी बनने वाली महिलाएं कमतर ही आंकी जाती है..🖊️ पर विरोधाभास यह भी है कि घर की कामकाजी महिलाओं को इन्हीं पढ़ी लिखी महिलाओं से कमतर आंका जाता है..🖊️ 👉जो समझदार पुरुष होते हैं,वह अपनी माँ,बहन, बेटी और पत्नी को आजादी देने के साथ उन्हें #मजबूत और #सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करते है ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर वह किसी के आगे भीख न मांगे अपने दम पर वह अपने जीवन को जी सकें अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें ऐसे पुरुष बहुत कम होते है जो नारी को मजबूत,सशक्त और स्वालंबी बनाने की दिशा में कार्य करते हैं इनके प्रयास सराहनीय है ऐसे पुरुषों का महिलाएं सदैव आभारी रहेंगी..🖊️ सामाजिक विरोधाभास बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं..🖊️ सामाजिक बेड़ियां कितनी ही मजबूत क्यों न हो अपने सपनों के लिये जरूर लड़ों..🖊️ 🙏💐#समझदार_पुरुष_के_लिए 💐🙏 #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Anuradha T Gautam 6280 #अपने_सपनो_के_लिए_जरूर_लड़े क्या रिश्ते टूटने की आजकल सबसे बड़ी वजह पढ़ी,लिखी,कमाने वाली महिलाएं है..🖊️ क्योंकि यह गुलामी नहीं कर सकती #कोम
#अपने_सपनो_के_लिए_जरूर_लड़े क्या रिश्ते टूटने की आजकल सबसे बड़ी वजह पढ़ी,लिखी,कमाने वाली महिलाएं है..🖊️ क्योंकि यह गुलामी नहीं कर सकती कोम #विचार #मजबूत #चरित्रहीन #सशक्त #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ #कोम्प्रोमाईज #ऊंची_आवाज #आत्मरक्षा_के_लिए #जीवन_संगिनी
read moreअदनासा-
विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C57flTHJfyG/?igsh=MXFhcjVxdHF4bjFzcw== #सच्चे #बच्चे #सामाजिक #संदेश व #Instagram #विद्यालय #कर्तव्य #मोटिवेशनल #जागरूकता #विद्यार्थी #अदनासा
read moreN S Yadav GoldMine
White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Radhey Radhey} चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं। मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं। वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है। धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है. 👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है। चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं। ©N S Yadav GoldMine #mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra
Dr.Vinay kumar Verma
मेरी दो बातें:सेल्फ मैनेजमेंट के सूत्र-30वां संकल्प- हमें हमारी सामाजिक छवि और भी बेहतर करने की कोशिश करना #मोटिवेशनल
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