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Srk writes
वो लिख कर ख़ूब शरमाया हमारा नाम उर्दू में मोहब्बत कर रही थी चोरी चोरी काम उर्दू में ©Srk writes #हमारा नाम उर्दू में
Aman Dhiman
नाम में क्या रखा है अमन काम में सब रखा है अमन बोल, जब नाम में कुछ नही तो अमन क्यों लिखा है अमन उस शहर में नही है सुकूँ इस खबर में लिखा है अमन नाम में क्या रखा है अमन काम में सब रखा है अमन बोल, जब नाम में कुछ नही तो अमन क्यों लिखा है अमन उस शहर में नही है सुकूँ
Nova Changmai
दर क्या है??? एक लंबा हट्टा कट्टा आदमी उसी आवाज से बात कर रही है, और तुम सुनकर डर रही हो, उसको को दर नहीं बोलता है। जो बीते हुए कल है उससे शिक्षा लो, और जो आज करने वाले हो उसे किया नया क्या कुछ कर सकते हो उसके बारे में सोचो ,और डरो उस समय के लिए जो भविष्य में तुम्हारे जीवन को सुनहरी अक्षर में लिखकर जीवन को बदल सकता है। #सीखना #शायरी#कविता#रोमांस#मीनिंग #Motivational #Good #evening
Pavan k.77
हथिनी के हत्यारो को इंसान कहे या शैतान कहे मानवता के कत्लगारो को नादान कहे या हैवान कहे तुम्ही बताओ दोस्त समाज के इन कलंको को कौनसा कौनसा नाम कहे.. #RIPHUMANITY #Poetry #शायरी इन लोगों को कौनसा नाम कहे..???
Nasar Alam Nasar
एक कता आप के हवाले दुनिया अमन पसंद है तो जंग किस लिए करता है तू ग़रीबों को फिर तंग किस लिए ऐ भाई नसर सब तो हैं सफ्फाफ यहां पर फिर ज़हर भरा घोल रहे रंग किस लिए ©Nasar Alam Nasar मेरी शायरी तेरे नाम दुनिया अमन पसंद है तो जंग किस लिए
कवि अमन कुमार शर्मा
।। प्रेम की एक कविता बिना शीर्षक के।। तेरी दीवानगी भी इन दिनों मेरे दुश्मनों के साथ चलने लगी है। मै नहीं कहता ये शहर कहते हैं की तू भी मेरी तरक्की से जलने लगी है। परवाह कहा था तेरे दीदार तक, आश्रू तो बहते है मेरे आज तक। निकाल देंगे तुम्हे भी इन शहरों से जरा ये भी याद रखना । मै कातिल न सही , पागल ही समझ कर याद रखना। भूल मत जाना किन्हीं रहो में, मै याद आऊंगा तुझे पगडंडी के रहो में। याद है न मेरा दिया या भूल गई तुम। मैंने आज तक आपना दिया वचन भी न तोरा। तू मुझे देश भक्ति सिखाती है। पगडंडी के रहो पर चलना सिखाती हैं। भूल जाना मेरी आदत नहीं हम तेरी क़दमों की आहट भी याद रखते है। लोग कहते है मै पलट कर देखता था, अरे भूल गई तुम्हीं तो मेरी गलियों से निकलती थी । सोक अब भी शेष है, तस्वीर बनाने को । तू पास आती तो है, प्यार झूठा ही सही दिल लगती तो है। हालात बिगड़े हुए हैं मेरे शहर के, जरा तेज चलो। मुरतो की कोई परछाई नहीं होती, इस दिल में तू न होती कोई और न होती। छोटी सी कविता प्रेम के नाम कवि अमन कुमार शर्मा पढ़े चलो बढ़े चलो शिक्षा अभियान भारत राष्ट्रीय महासचिव दूरभाष नंबर 6200288770 अमन