Nojoto: Largest Storytelling Platform

New नौरादेही अभ्यारण कहाँ है Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about नौरादेही अभ्यारण कहाँ है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नौरादेही अभ्यारण कहाँ है.

Related Stories

    PopularLatestVideo

प्रियजीत प्रताप

कहाँ रावण है,राम कहाँ...

read more
तिल तिल मरते उन्मादों में,
कभी भीड़ कभी वीरानों में,
हाथ धरे,पग समेट लिए हों,
पर्वत,वन या सुनसानों में,
गिरता रक्त अलाप रहा है,
छूटता प्राण प्रलाप रहा है,
शिथिल पड़े शरीर के ऊपर,
उड़ता गिद्ध ठठकार करे,
नोचें,खाएं अपने ही मद में,
कौन उनका संहार करे?
कब जागे वो आग हृदय में,
कौन रोके यह रक्तप्रवाह,
कौन बताए इस समर शेष में,
कहाँ रावण है,राम कहाँ?
            -प्रियजीत✍️ कहाँ रावण है,राम कहाँ...

Parasram Arora

कहाँ है?

read more
ये  प्रेम  नही कह पायेगा  अपनी कहानी  कभी.
सीने में  दर्द है.. पर  मुँह में अलफ़ाज़ कहाँ है?
सीन में  दिल   है और  धड़कन भी है.
पर जीनाचाहता  हूं जिसे  वो जिंदगी कहाँ है?
जिम्मेदारियों के बोझ ने मुझे  बूढ़ा कर दीया जल्द
इस दरमियान आई थी जवानी पर वो  टिकी  कहा?
मौत का  पैगाम तो  आ चुका  नज़दीक
पर न जाने  मरने वाला किरदार  कहा है?
आहों की  आवाज़ भी धीमी हुई है रफ्ता रफ्ता
और आंसुओं में भी अब वो रवानी कहा है?

©Parasram Arora कहाँ है?

Vikas Dhaundiyal

 #कहाँ#है

कवि विनय आनंद

कहाँ वादे , कहाँ कसमें, कहाँ है वो वफादारी। #शायरी

read more
mute video

हरप्रीत कौर की ज़ुबानी कविता किस्से कहानी

#जाने कहाँ है #शायरी

read more
mute video

anshika Anshh

तू कहाँ है?? #poem

read more
                         #तू कहाँ है???                      
                                                   
 तू कौन है, तू है क्या चीज़.              सवाल मेरे बोहोत हैं तुझसे
 मुझे तू इतना तो बता??                 जवाब देने मुझको आ        
                                                  खुदा मेरे तू देख तो  मुझको           
मंदिर में है?? मस्जिद मे है?             निगाह तेरी मुझपे भी टिका
गुरूद्वारे या गिरजे मे है??                                                      
कहाँ तुझे ढूंढू मै बता???                देखा न कुछ मैंने फिर भी.  
                                                  कोई मुझसे कह रहा
क्या है तू?? कोई इंसां है क्या?         बाहर नहीं हूं मैं कही भी
शक्ति बोहोत बड़ी है ना?                अपने अंदर झाँक ज़रा
मैं तुझको ढूंढू, तू कहाँ है??                                                 
मुझको कहाँ मिलेगा बता??            अंदर अपने झाँक के देखा
                                                  तुझको मैंने पा लिया 
लोग बताते तुझको पत्थर.               इंसां की फितरत बदलेगी 
के अंदर मौजूद है तू.                       जब उसको ये चले पता!!!
जो इक पत्थर में समाये
इतनी सी हस्ती है क्या???              देश ये मेरा , देश ये तेरा, 
                                                  देश ये उसका, कहने वाले
हिन्दू कहते मंदिर में है.                    ज़मीं बाद में बाट भी लेना
मुस्लिम मस्जिद में बताता                इंसां तो बन जाओ पहले
गुरूद्वारे में बैठा है क्या?                
या गिरजा घर में है बता??              कह रहा हूं दुनिया से मैं
                                                 छोड़ दे सब और आ यहाँ तू 
सच पूछो तो तू नहीं है.                   तुझसे बातें करता है वो
दुनिया में बाकि रहा.                      कानो से तो हाथ हटा???
इंसां की कीमत रही न.                                                       
कीमत किसी जीव की क्या??          इमारतों में ढूंढ न उसको
                                                   सुन मेरी तू ऐ इंसां               
शायद तू भी रो रहा है                      ढूंढता क्यों उसको बाहर
इंसां की जुर्रत है क्या??                   वो तेरे अंदर बसा!!!
कैसा बना के भेजा था और                                                
देखो कैसा हो गया?                                               -Anshh
 तू कहाँ है??

anshika Anshh

तू कहाँ है?? #poem

read more
#तू कहाँ है???                      
                                                   
 तू कौन है, तू है क्या चीज़.              सवाल मेरे बोहोत हैं तुझसे
 मुझे तू इतना तो बता??                 जवाब देने मुझको आ        
                                                  खुदा मेरे तू देख तो  मुझको           
मंदिर में है?? मस्जिद मे है?             निगाह तेरी मुझपे भी टिका
गुरूद्वारे या गिरजे मे है??                                                      
कहाँ तुझे ढूंढू मै बता???                देखा न कुछ मैंने फिर भी.  
                                                  कोई मुझसे कह रहा
क्या है तू?? कोई इंसां है क्या?         बाहर नहीं हूं मैं कही भी
शक्ति बोहोत बड़ी है ना?                अपने अंदर झाँक ज़रा
मैं तुझको ढूंढू, तू कहाँ है??                                                 
मुझको कहाँ मिलेगा बता??            अंदर अपने झाँक के देखा
                                                  तुझको मैंने पा लिया 
लोग बताते तुझको पत्थर.               इंसां की फितरत बदलेगी 
के अंदर मौजूद है तू.                       जब उसको ये चले पता!!!
जो इक पत्थर में समाये
इतनी सी हस्ती है क्या???              देश ये मेरा , देश ये तेरा, 
                                                  देश ये उसका, कहने वाले
हिन्दू कहते मंदिर में है.                    ज़मीं बाद में बाट भी लेना
मुस्लिम मस्जिद में बताता                इंसां तो बन जाओ पहले
गुरूद्वारे में बैठा है क्या?                
या गिरजा घर में है बता??              कह रहा हूं दुनिया से मैं
                                                 छोड़ दे सब और आ यहाँ तू 
सच पूछो तो तू नहीं है.                   तुझसे बातें करता है वो
दुनिया में बाकि रहा.                      कानो से तो हाथ हटा???
इंसां की कीमत रही न.                                                       
कीमत किसी जीव की क्या??          इमारतों में ढूंढ न उसको
                                                   सुन मेरी तू ऐ इंसां               
शायद तू भी रो रहा है                      ढूंढता क्यों उसको बाहर
इंसां की जुर्रत है क्या??                   वो तेरे अंदर बसा!!!
कैसा बना के भेजा था और                                                
देखो कैसा हो गया?                                               -Anshh तू कहाँ है??

शायर जितेन्द्र सुकुमार साहिर

हम कहाँ है #nojotophoto

read more
 हम कहाँ है

Rupesh

#जाना है कहाँ #Thoughts

read more
mute video

Nisha

घर कहाँ है?

read more
"हम घर जाना चाहते हैं"

कितनी बड़ी दुनिया है
पर सब कुछ जैसे सपना है
जब इतना सब है यहाँ
तो ये सब सच होना ही वाजिब है
गर सच कुछ भी नहीं है
तो हम यहाँ क्यूँ हैं
हम घर जाना चाहते हैं
ना जाने वो किस दिशा में है
इसी को सब हक़ीक़त कहते हैं
पर हम जानते हैं, ये 'घर' नहीं है
कोई मानता है कोई नहीं
पर हक़ीक़त हक़ीक़त रहेगी
बस यही की ये 'घर' नहीं है
हम घर जाना चाहते हैं
बस, हम घर जाना चाहते हैं घर कहाँ है?
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile