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Nasamajh
उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या हैं हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या हैं.....?? दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें सारा जहाँ अदू सही, आओ! मुक़ाबला करें....!! “किसी ने सच ही कहा है, सुधार बूढ़े आदमी नहीं कर सकते । वे तो बहुत ही बुद्धिमान और समझदार होते हैं। सुधार तो होते हैं युवकों के परिश्रम, साहस
vibrant.writer
A void can be filled by self love and awareness about ownself. We see that we come at here on this earth but why, this we don't know.. We born, we live and we die but why, this we don't know.. We die after that we born again but why, this we don't know.. So when we leave to be fearful with death and start to understand the death then a void can be filled.. When we start to understand the death then the real life start.. When we aware about our death just then we can aware about our life.. When we can aware about our life then we can love our life; we can love ourself and we can love to all. so with love void can be filled. शून्य को स्वयं से प्यार और जागरूकता से भरा जा सकता है। हम देखते हैं कि हम यहाँ इस धरती पर आते हैं लेकिन क्यों, यह हम नहीं जानते हैं। हमने ज
Parasram Arora
भले हीं. कितनी ज़ोर से क्यों न ये बादल गरजता हो बरसता हो चाहे ये नर बक्शी हिंसक बब्बर शैर कितनी ज़ोर से दहड़ता क्यों न हो और कड़जड़ाती हुई ये बिजलीया चमकती क्यों न हो मै भयभीत होने वाला बिलकुल नहीं हूँ ©Parasram Arora भयभीत
Parasram Arora
मै जानता हूं हर इंसान मे एक खुदा होता हैँ इतने खुदाओ कि बावजूद भी एक खुदा और भी होता हैँ पर वो डरता हैँ इंसानो से इसीलिए आसमानो मे कहीं छुप कर वो अपने को बचाने की फिक्र करता रहता हैँ भयभीत खुदा........
Vilas Bhoir
अंधारलेल्या रात्रीचं सावट मनामध्ये घर करून बसलय, रिमझिम पडणाऱ्या पावसाने धो-धो पडण्याचं सोंग घेतलय! जीवनवाहिनीच्या प्रवासात अडकलेत बहुजन दिसतंय चोहीकडे पाणीच पाणी, अडकलेल्या प्रत्येकाची सुटका व्हावी हीच देवाकडे एक बोली! ओसांडुन वाहणारे नदी-नाले घुसलेत काहींच्या घरात, पुन्हा २६ जुलै सारखं होतय की काय हीच धडकी भरलीय उरात! ~ विलास भोईर ~ भयभीत पुर ..........
Satyendra satyam
किसी का नहीं है मीत फिर भी ,कोरोना से मत हो इतना भयभीतl क्योकि लड़ रहे है कोरोना योद्धा , बस तुम इनका सहयोग करो नाl ......... (सत्येन्द्र सत्यम) मत हो भयभीत.....