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Ashish Singh
RADHA CHARAN DASS
अंकुरनामा
उसको लगता है मुझे उसकी ही नजर लग जाती है इसलिए अक्सर वो मेरी नजर उतारा करती है। घुमा कर लौ सात बार मेरे ऊपर से फिर उसे अपनी चप्पल से मारा करती है लगा कर फिर काला टीका मेरे माथे पर फिर से छुप छुप कर मुझे निहारा करती है। ©अंकुरनामा #happypromiseday उसको लगता है मुझे उसकी ही नजर लग जाती है इसलिए अक्सर वो मेरी नजर उतारा करती है। घुमा कर लौ सात बार मेरे ऊपर से फिर उसे अपन
Ravendra
tanejashubham1996
आज नई चप्पल खरीदी माँ को दिखाने चला आया पास जाकर देखा माँ को फूलों की चादर में लिपटा पाया झट से आँख खुली,सपना टूटा... खुशियों से खिला दिल पल मे फिर से रूठा माँ की तस्वीर को देखा दिल की बात सुनाई वही मीठी सी आवाज़ मेरे कानों में फिर से गुनगुनाई पल में झरोखा पुरानी यादों का खुल गया... उसकी यादों में खोकर मै अपनी सारी तनहाइयां भूल गया बचपन के वो दिन फिर से याद आए वो खिलखिलाती मुस्कान अपने साथ ले आए दूर कही से आवाज़ मुझे पुकारती जो आई हिलाकर मुझे मेरी आँखे खुलाई पल में लगा मानों मेरी साँसे थम गयी सामने उसे खड़ा देख हो मेरी आँखे नम गयी नज़र उठाकर देखी बीवी को सामने पाया माँ की यादों की नाव से मै झट से किनारे उतर आया ऐसा लगा मनो कोई ख्वाब चल रहा था उसी ख्वाब के रास्ते मेरा दिन ढल रहा था माँ तो चली गयी मगर उसकी यादे रह गयी आंसुओं के सहारे मेरी आँखों से बह गयी रब करे के माँ कभी अपनी औलाद से ना जुदा हो ये जहां बनाने वाला इतना ना निर्दयी खुदा हो ...इतना निर्दयी ना खुदा हो...... # चप्पल
tanejashubham1996
आज नई चप्पल खरीदी माँ को दिखाने चला आया पास जाकर देखा माँ को फूलों की चादर में लिपटा पाया झट से आँख खुली,सपना टूटा... खुशियों से खिला दिल पल मे फिर से रूठा माँ की तस्वीर को देखा दिल की बात सुनाई वही मीठी सी आवाज़ मेरे कानों में फिर से गुनगुनाई पल में झरोखा पुरानी यादों का खुल गया... उसकी यादों में खोकर मै अपनी सारी तनहाइयां भूल गया बचपन के वो दिन फिर से याद आए वो खिलखिलाती मुस्कान अपने साथ ले आए दूर कही से आवाज़ मुझे पुकारती जो आई हिलाकर मुझे मेरी आँखे खुलाई पल में लगा मानों मेरी साँसे थम गयी सामने उसे खड़ा देख हो मेरी आँखे नम गयी नज़र उठाकर देखी बीवी को सामने पाया माँ की यादों की नाव से मै झट से किनारे उतर आया ऐसा लगा मनो कोई ख्वाब चल रहा था उसी ख्वाब के रास्ते मेरा दिन ढल रहा था माँ तो चली गयी मगर उसकी यादे रह गयी आंसुओं के सहारे मेरी आँखों से बह गयी रब करे के माँ कभी अपनी औलाद से ना जुदा हो ये जहां बनाने वाला इतना ना निर्दयी खुदा हो ...इतना निर्दयी ना खुदा हो...... ©tanejashubham1996 चप्पल