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संदीप दहिया
है आज दिन हरियाने का, दूध दही की खाने का, कुडता धोती खण्डका जूती वाले देसी बाणे का।। आपस के नोक झोंक का, गात तोड़न का बात फोड़न का अर रिश्ते नेग निभाने का, है आज दिन हरयाणे का।। नीम तले की खाट का, खाती सुनार दलित बाह्मण और जाट का,हाली हल अर कस्सी का तुड़ा गोसा और बरसी का , बुंगा पूली और हुक्का, बस मान समान का भूखा, ज्यांते दर्जा ऊँचा हरयाणे का।। खादर बांगर अर बजरी का, जहां एक घाट शेर और बकरी का, गाल में बात करन का अर हर बात में गाल बकन का, न्या पे न्या करण का जिसे कुरुक्षेत्र के रण का। मुह फोड़ के बात सुनाने का आज दिन से हरयाणे का। जय हरयाणा जय भारत।। #हरयाणा #जिंदाबाद
DR. LAVKESH GANDHI
पेंशन पेंशन आने वाली है अब खूब सजेगी थाली चार दिनों के बाद फिर आएगी अँधियाली यही तो है बुढ़ापे में पेंशन की कहानी #पेंशन # #पेंशन -की -टेंशन # #yqlifelessons #yqjivan #
Dilip Kumar
एक नहीं दो नहीं लाखों की पुकार है। पुराना पेंशन हमारा अधिकार है। अब चाहे चले डंडे चाहे लाख चलें गोलियां। पीछे हम हटेंगे नहीं मानेंगे ना हार है। चलो तुम लगा लो दम हम भी नहीं तुमसे कम। हर परिस्थिति में लड़ मिटने को तैयार हैं। सुन लो ऐ नेताजी लोग हम से चुने गए तुम। मान लो बात वरना देंगे कुर्सी से उतार है। चलो मानते हैं बात हम नहीं लेंगे पेंशन हम। तुम भी लेना छोड़ दो बस इतनी दरकार है। वरना कटा लेंगे शीश हम लड़ते रहेंगे आखिरी दम। पुराना पेंशन हमारा अधिकार है। @दिलीप✍ पेंशन
Seema Mahajan
नेता दस पेंशन भी ले तो कम है कर्मचारी एक पुरानी पेंशन मांगे तो दंड है। ©Seema Mahajan पेंशन
Anand Kumar Ashodhiya
राज्यगीत उत्तर भारत के मध्य में, एक बसै देश हरियाणा सै हरित क्रांति का अग्रणी, जित दूध दही का खाणा सै सिन्धु घाटी पादुर्भाव की, है उद्गम स्थली हरियाणा वैदिक सभ्यता और गीता की, उद्गमस्थली हरियाणा इस गौरवशाली राज्य का, इतिहास बहुत पुराणा सै भगवत गीता के उद्भव का, जन्मस्थल है हरियाणा महाकाव्य महाभारत युद्ध का, रणस्थल है हरियाणा पानीपत की तीन लड़ाईयों का, चश्मदीद हरियाणा सै राजस्थान और दिल्ली यू पी, दक्षिण पश्चिमी राज्य हैं उत्तर में पंजाब हिमाचल, सटे सीमावर्ती राज्य हैं दक्षिण पश्चिम शिवालिक पहाड़ी, अरावली पर्वतमाळा सै सूरजकुण्ड और बड़खल झील, इसे सुशोभित करते हैं हथिनी कुण्ड और ब्रह्म सरोवर, इसे प्रभाषित करते हैं ताजेवाला और कौशल्या बाँध, पाणी का परणाळा सै यमुना घग्गर इन्दिरा नहर, इस राज्य को सिंचित करती हैं मारकण्डा और सरस्वती नदी, राज्य को चिन्हित करती हैं सतलुज यमुना लिंक बणा कै, एक इतिहास रचाणा सै कृषि प्रधान राज्य के कृषक, हरियाणे की शान हैं लम्बे तगड़े युवा सैनिक, इस राज्य की पहचान हैं हृष्टपुष्ट और स्वस्थ नागरिक, जन भागीदार बनाणा सै अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में, अव्वल नम्बर हरियाणा दूध उत्पादन और उद्योगों में, सिरमौर हुआ हरियाणा आत्मनिर्भर कौशल विकास से, स्वरोजगार बढ़ाणा सै हरियाणे में लोक कवि और, गीतकार विद्वान हुए उनकी रचना राग रागनी, हरियाणे का मान हुए हरयाणा एक हरयाणवी एक, सबके दिल धड़काणा सै सूर्यकवि श्रीलखमीचन्दजी, गायन रस की खान हुए कवि शिरोमणि माँगेरामजी, जनमाणस की ज्यान हुए लोक कला और संस्कृति में, सबने नाम कमाणा सै आओ मिलकर प्रण करें सब, राज्य का मान बढ़ाएंगे जय हरियाणा जय हरियाणवी का, मिलके नारा लगाएंगे नवनिर्माण करण की सोचो, ना पिछले पे इतराणा सै शिक्षा दीक्षा जन कल्याण से, विकसित समाज बनाएंगे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, हर कन्या को शिक्षित बनाएंगे जगमग गाम स्वच्छ हरियाणा, यो अभियान चलाणा सै गीतकार : आनन्द कुमार आशोधिया @2021 ©Anand Kumar Ashodhiya हरयाणा राज्यगीत #हरयाणा_राज्यगीत
Satish Deshmukh
धूमसते ज्वालामुखी ! पेंशनीचा प्रश्न गेला शिक्षकांच्या मस्तकाशी ! चंदणाचा वृक्ष तू अन् सामना या तस्कराशी ! नेते आणि सत्ताधीशांनी घेतली पेंशन बहाली आमच्या नशिबात आल्या वंचितांच्या दुःखराशी ! मोठ्या दिलाचा राहीला ना एकही राजा इथे शिक्षकांचे प्रश्न गेले माफियांच्या हस्तकाशी ! लूटलेल्या कणकंराशी वितळूनी टाकू आम्ही धुमसत्या ज्वालामुखीची फौज आहे दस्तकाशी ! सतीश दिलीपराव देशमुख उमरखेड , जि यवतमाळ . ©Satish Deshmukh पेंशन #Life
Vishal kumar
बुढ़ापा या यूं कहें आरंभ एक अंत का, गुण से निर्गुण का सफर अंत से अनंत का, अनुभव से निस्वार्थ आशीर्वाद का, शरीर से लटक रही त्वचा और हड्डियों के बीच के विवाद का। बुढ़ापा मुस्कुराते सवाल का, झुकती कमर से हड्डियां छोड़ती खाल का, ना पा सका जवाब जो उस बेतुके सवाल का, पक चुके बाल मर चुकी अभिलाषाएं वो कद्र जो न पा सका, क्या खो दिया क्या पा लिया हिसाब ना लगा सका, ना पाप का ना पुण्य का ना गरीब का ना सामंत का, ये बुढ़ापा है जनाब ये तो सफर है अंत का🙏 ©Vishal kumar #बुढ़ापा
Pradyumn awsthi
आज के समय में हमारे समाज में ज्यादातर लोग बुजुर्गों का आदर सम्मान करना भूलते जा रहे हैं और उनके महत्व को तो तनिक भी नहीं समझ रहे हैं पहली बात तो मैं आपको बता दूं की इंसान चाहे कितना भी रूपवान ,धनवान या शक्तिशाली हो लेकिन समय चक्र के कारण वह भी एक न एक दिन बुजुर्ग बन जाता है कहते है की बुढ़ापा जीवन का कटु सत्य होता है और दूसरी बात यह है की बुजुर्ग व्यक्ति के पास मूल्यवान अनुभव, समझ और ज्ञान होता हैं और यह सब कुछ इंसान को केवल अपनी बेशकीमती उम्र खर्च करने के बाद और जीवन में कई संघर्ष करने पर बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने के बाद ही प्राप्त होते हैं इसीलिए हमेशा बड़े बुजुर्गों का आदर सम्मान करें और उनको हमेशा हर तरह से खुश रखें ©"pradyuman awasthi" #बुढ़ापा