Find the Latest Status about कबीलाई समाज from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कबीलाई समाज.
Knazimh
हम किस को बताए,अपना हाल-ए-दिल, यहां तो नाजिम सभी कबूतर बैठे है।। ©Knazimh #दर्द #दिल #बेवफाई #समाज #दुनिया #khnazim #knazimh शायरी हिंदी
BANDHETIYA OFFICIAL
White अपना समाज है, अपना मिजाज है, अपना रिवाज है, अपना लिहाज है, अपना रियाज है, तुम क्यूं कहते हो -मिल जाओ? हाथ में हथेली की उंगली कहती - अपना -अपना वजन, मिल जाएं तो मुट्ठी 'लाख 'की, दान भी मुद्रा (विशेष), फिर युद्ध भी 'घूंसा', शांति लेकिन शाश्वत करना अभय, यदि रूठे तो, खुले हाथ भी कटार, वो इशारा, समझो संकेत - एकता को अनेकता, अनेकता में एकता, एक ऐसे भी हों, भूल 'मिल जाओ '। ©BANDHETIYA OFFICIAL #Thinking #समाज अपना -अपना 🙏🙏 Aaj Ka Panchang Extraterrestrial life Hinduism Entrance examination Kalki Rakesh Srivastava Nitin Chauhan Gu
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी नैतिकता हुयी शर्मशार प्यादों की तरह जनता छल रही है समीकरणों के बल पर सियासतें चल पड़ी है कौमो की एकता को घायल कर रही है आधारभूत सुविधाओं को मेट कर रेवड़ी कल्चर विकसित कर रही है अध्ययन ज्ञान हुनर सब को दरकिनार कर मुंडो को गिनकर राजनीत कर रही है धर्म के नाम पर फुसलाकर समाज को अफीम चटाने का प्रयास कर रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" समाज को अफीम चटाने का प्रयास कर रही है #nojotohindi
समाज को अफीम चटाने का प्रयास कर रही है #nojotohindi
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी बढ़ता अपराध और अपराधीकरण व्यवस्था सब चरमराती है शोषण की मार चहुँ और पड़ती अराजकता समाजो में घुसपैठ कर जाती है भूख भय और भ्र्ष्टाचार से जनता तड़पती माफियाओ की तूती बोलती रहती टेरर टेक्स वसूला जाता है सफेदपोश हिमायती बनते इनके सरकारी खजाने तक राजस्व पहुँच नही पाते है चोरी का दोष जनता को दे कर सरकारे मनमानी टेक्सो को बढाने में दिखाती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #justice अराजकता समाज मे घुसपैठ करी जाती है
#justice अराजकता समाज मे घुसपैठ करी जाती है
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
समाज इन लोगों को कभी स्वीकार नही करता है... किन्नर को, लड़की को, विधवा स्त्री को, प्रेम विवाह को, गरीब पुरुष को, बेरोजगार व्यक्ति को, तलाकशुदा स्त्री को विकलांग लोगों को, बूढे माता पिता को, बाँझ स्त्री को..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) समाज की हकीकत 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #हिंदी #thought
समाज की हकीकत 🤔 #matangiupadhyay #हिंदी #thought
read moreParasram Arora
White ज़ब एक दिन घर मे आग लगी तो एक समाज सुधारक ने आकर आग बुझाने मे सहायता का आश्वासन दिया लेकिन वो स्नाजसेवी उस लगी आग को बुझाने के बजाय उसे हवा देकर आग को और भी बड़ा गया था ©Parasram Arora आग और समाज सुधारक
आग और समाज सुधारक
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी खिड़कियां सब बंद मदद की हरण नैतिकता का हो रहा है आवाजे और हक हमारे लुप्पत हो गये टाइमपास देश कर रहा है सन सैतालीस में ले जाने का प्रयास हो रहा है लगान प्रथा जीएसटी ने चालू कर दी घाटा हो या मुनाफा दायरे में सब आयेगे बधुआ मजदूरी फिर से लागू हो गयी अठारह घण्टे काम करो,वेतन नही बढ़ायेगे साहूकारी प्रथा बैंको ने ले ली बात बात पर चार्ज और जुर्माने लगायेंगे राजशाही की प्रथा सत्ता ने ले ली कोई भी आंकड़े नही बतायेगे बौना पूरा देश समाज कर दिया गुणगान अपना विज्ञापनों से गायेगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #lonely बौना पूरा देश समाज कर दिया
#lonely बौना पूरा देश समाज कर दिया
read moreVijay Vidrohi
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset जैसे-जैसे समाज आधुनिकता की ओर बढ़ेगा वैसे-वैसे सामाजिक ताना बाना कमजोर होता जाएगा। व्यक्ति अहं-केंद्रित होता जाएगा उसे समाज रिश्तेदारी नातेदारी पड़ोस व परिवार से ज्यादा अपने हितों की चिंता होगी और ये सब उसके लिए गौण हो जाएंगे। ©Vijay Vidrohi #आधुनिकता #समाज #self #me Extraterrestrial life motivational quotes in hindi i hate selfish people quotes hindi inspirational quotes
पूर्वार्थ
White आधुनिक समाज का सच आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ, रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ। दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची, भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित। रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात, जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात। दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई, दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई। शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य, जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व। सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं, जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं। तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान, जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान। साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं, प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती। प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई, जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई। कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार, आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार। सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो, जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो। इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो, वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा। ©पूर्वार्थ #समाज
usFAUJI
सामाजिक परिवेश को बदलने के लिए हमें अच्छे कर्म से ईर्ष्या नहीं उसको पुरस्कृत करना होंगा। ©usFAUJI जैसा दिखाओगे वैसा ही बनेगा समाज #परिवेश #कर्म #पुरस्कृत #सम्मानित #usfauji #Nojoto