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Tanha Shayar hu Yash
किस्मत का धनी तो मैं बचपन से ही था। पर धन को धन नहीं समझा, तो घुन लग गया। कोई चालाकी नही की कोई तरकीब नही निकाली । खुद को मोती बनाने की चाह में , मैं ऐशट्रे में पड़ गया । तनहा शायर हूँ-यश । ©Tanha Shayar hu Yash #यशपालसेजवाल #हरिवंशरायबच्चन #tanhashayarhu #shayri
Md Hujefa Khan
जीवन परिचय> यशपाल जी का जन्म "1903" में पंजाब फिरोजपुर छावनी में हुआ है शुरुआत में शिक्षाकांगड़ा में गिरहण की व बाद में उच्च शिक्षा के लिए लाहौर के नेशनल कॉलेज गए । वहां उनका परिचय (पहचान) भगत सिंह व सुखदेव से हुई। स्वाधीनता संग्रह से जुड़ाव के कारण में कई बार जेल गया हूं। इनकी मिर्तु 1976 में हो गई । प्रमुख कहानी संग्रह _ (1) तर्क का तूफान (2) पिंजरे की उड़ान (3) गियानदार (4) वा दुलिया (5) फूलो का कुर्ता उपन्यास _ (1) झूठ सच (2) अमिता (3) दिव्या (4) पार्टी कामरे (5) दादा कामरेड (6) तेरी मेरी उसकी बात रचना शैली_इनकी रचनाओं में आम आदमी के सोरोकार की उपस्थिति है यथार्थवादी शैली के प्रमुख रचनाकार है। इनकी रचनाओं में सामाजिक विषमता व राजनितिक पाखंड के खिलाफ कलम चलाई । लेखक _ हुजेफ़ा खांन ©Md Hujefa Khan #navratri यशपाल जी 10th
Tanha Shayar hu Yash
Slumdog Entertainment
Tanha Shayar hu Yash
Tanha Shayar hu Yash
Yashpal singh gusain badal'
नफरत इतनी है तो फिर चले क्यूँ नहीं जाते ! जीना भी साथ है तो फिर ये बगावत क्यूँ है ? यशपाल सिंह बादल ©Yashpal singh gusain badal' नफरत इतनी है तो फिर चले क्यूँ नहीं जाते ! जीना भी साथ है तो फिर ये बगावत क्यूँ है ? यशपाल सिंह बादल
Yashpal Sharma &J.K
ये नजर चुराने की आदत आज भी नही बदली उनकी, कभी मेरे लिए जमाने से और अब जमाने के लिए हमसे। यशपाल शर्मा ©Yashpal Sharma #Sunrise ये नजर चुराने की आदत आज भी नही बदली उनकी, कभी मेरे लिए जमाने से और अब जमाने के लिए हमसे। यशपाल शर्मा
Yashpal singh gusain badal'
मैं बेनाम था पुकारा किसी ने मुझे नाम लेकर, मैं हैरान था ,मगर सब खुश थे मुझे नाम देकर, कसमों की ताकत क्या है मैं समझ गया आखिर, पिलायी भी कसम देकर, छुड़ाई भी कसम देकर, अंजाम ए मुहब्बत का क्या होगा इससे बेहतर, जलायी भी कसम देकर, बुझाई भी कसम देकर, यशपाल सिंह बादल ©Yashpal singh gusain badal' मैं बेनाम था पुकारा किसी ने मुझे नाम लेकर, मैं हैरान था ,मगर सब खुश थे मुझे नाम देकर, कसमों की ताकत क्या है मैं समझ गया आखिर, प