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Ekta Mourya
नजाकत तो देखिए जनाब,कुछ लोगो की | दुशमनी भी क्या खुब निभाते है,दोस्ती की आड मे | नजाकत तो देखिए जनाब ,कुछ लोगो की | दुशमनी भी क्या खुब निभाते है,दोस्ती की आड मे ||
N S Yadav GoldMine
बूड्ढी बैट्ठी घर के बाहरणे छोरी पतासे बाट्टण आई। करले दादी मुह नैं मिट्ठा मेरी मां की कोथली आई। {Bolo Ji Radhey Radhey} बूड्ढी बोल्ली के खाउं बेट्टा, घर की बणी या चीज कोन्या। सारे त्योहार बाजारु होगे, ईब पहले आली तीज कोन्या। कोथली तो वा होवै थी जो म्हारे टैम पै आया करती। सारी चीज बणा कै घरनै मेरी मां भिजवाया करती। पांच सात सेर कोथली मैं, गुड़ की बणी सुहाली हो थी। गैल्या खांड के खुरमें हो थे, मट्ठी भी घर आली हो थी। सेर दो सेर जोवे हों थे, जो बैठ दोफारे तोड्या करती। पांच सात होती तीळ कोथली मैं, जो बेटी खातर जोड़्या करती। एक बढिया तील सासू की, सूट ननद का आया करता। मां बांध्या करती कोथली, मेरा भाई लेकै आया करता। हम ननद भाभी झूल्या करती, झूल घाल कै साम्मण की। घोट्या आली उड़ै चुंदड़ी, लहर उठै थी दाम्मण की। डोलै डोलै आवै था, भाई देख कै भाज्जी जाया करती। बोझ होवै था कोथली मैं, छोटी ननदी लिवाया करती। बैठ साळ मैं सासू मेरी, कोथली नैं खोल्या करती। बोझ कितना सै कोथली मैं, आंख्या ए आंख्या मैं तोल्या करती। फेर पीहर की बणी वे सुहाली, सारी गाल मैं बाट्या करती। सारी राज्जी होकै खावैं थी, कोए भी ना नाट्या करती। कोथली तो ईब भी आवै सै, गैल्या घेवर और मिठाई। पर मां के हाथ की कोथली सी, मिठास बेबे कितै ना पाई। सावन की कोथली और तीज की बधाई।🌳🌴🌳🌴🙏🙏 N S Yadav GoldMine 🌹🌹🙏🙏🌹🌹 ©N S Yadav GoldMine #DiyaSalaai बूड्ढी बैट्ठी घर के बाहरणे छोरी पतासे बाट्टण आई। करले दादी मुह नैं मिट्ठा मेरी मां की कोथली आई। {Bolo Ji Radhey Radhey} बूड्ढी
vishnu thore
दुःख येते सांत्वनाला सजवुनी सुख हे.. लपविते किती गुन्हे पापणीच्या आड तू - Vishnu Thore दुःख येते सांत्वनाला सजवुनी सुख हे.. लपविते किती गुन्हे पापणीच्या आड तू - Vishnu Thore
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बेरंग सी दुनियां में । कुछ अपने रंग बिखराते हो। मसरूफींयत की आड में मसरूफ़ नज़र आते हो। कभी नज़रे उठा कर देख। बेरंग दुनियां में रंग नज़र आते है। #feelings #mythoughts #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqhindi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat बेरंग सी दुनियां में । कुछ अपने रंग बिखराते हो।
Lotus Mali
काळा आड दडलेल्या प्रसंगाना कधी आठवयच नसते कारण काही क्षण दुःखद असतात तर काही क्षण सुखद असतात पण येणारा प्रत्येक क्षण हे काहीतरी अनुभव देवूनच जातात... -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©Lotus Mali #talaash काळा आड दडलेल्या प्रसंगाना कधी आठवयच नसते कारण काही क्षण दुःखद असतात तर काही क्षण सुखद असतात पण येणारा प्रत्येक क्षण हे काहीतरी
Rakesh frnds4ever
उलझन इस बात की है कि हमें .......उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की दुनिया के झमेले की या मन के अकेले की पैसों की तंगी की या जीवन कि बेढंगी की रिश्तों में कटाक्ष की या फिर किसी बकवास की दुनिया की वीरानी की या फिर किसी तनहाई की अपनी व्यर्थता की या ज़िन्दगी की विवशता की खुद के भोलेपन की या फिर लोगो की चालाकी की अपनी खुद की खुशी की या दूसरों की चिंता की खुद की संतुष्टि की या फिर दूसरों से ईर्ष्या की खुद की भलाई की या फिर दूसरों की बुराई की धरती के संरक्षण की या फिर इसके विनाश की मनुष्य की कष्टता की या धरती मां की नष्टता की मानव की मानवता की या फिर इसकी हैवानियत की बच्चो के अपहरण की या बच्चियों के अंग हरण की प्यार की या नफरत की ,,जीने की या मरने कि,,, विश्वाश की या धोखे की,, प्रयास की या मौके की बदले की या परोपकार की,,, अहसान की या उपकार की ,,,,,,ओर ना जाने किन किन सुलझनों या उलझनों या उनके समस्याओं या समाधानों या उनके बीच की स्थिति या अहसासों की हमें उलझन है,,, की हम किस बात की उलझन है..==........... rkysky frnds4ever #उलझन इस बात की है कि,,, हमें ...... उलझन किस बात की है अपनों से दूरी की या फिर किसी #मज़बूरी की खुद की नाकामी की या किसी परेशानी की #दुनि
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat जों एक नहीं है। कारण नहीं बताएंगे उस आकाश की छतरी ताले दरी रूपी समुद्र में डूबते उभरते जाएंगे जो एक नहीं हैं बस कारण नहीं बताएंगे कर्मो की आड लेकर सिद्धांत बताएंगे उसके इरादे नेक नहीं ये एहसास करवाएंगे कारण नहीं बताएंगे कारण नहीं बताएंगे ©️ जज़्बात ए हर्षिता Insta I'd @dawarharshita #realityoflife #reality #zindagikasafar #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat जों एक नहीं है। कारण नहीं बताएंगे उस आकाश की छतर
आलोक कुमार
बस यूँ ही चलते-चलते ......... जरा सोचिए कि आजकल हमलोग खुद को बेहतर बनाने के लिए कौन-कौन से गलत/अभद्र नुस्खें अपनाते जा रहे हैं. ना ही उस नुस्खें के चरित्र, प्रकरण एवं उसके कारण दूसरे मनुष्य, आसपास, समाज, देश व आगामी पीढ़ी पर असर का ख्याल रख रहें हैं, न ही ख़यालों को किसी को समझने का मौक़ा दे रहे हैं. बस अपने ही धुन में उल्टी सीढ़ी के माध्यम से अपने आप को आगे समझते हुए सचमुच में बारम्बार नीचे ही चलते जा रहे है. तो जरा एक बार फिर सोचिए कि उल्टी सीढ़ी उतरने और सीधी सीढ़ी चढ़ने में क्रमशः कितनी ऊर्जा, शक्ति और समय लगती होगी. यह भी पता चलता है कि आज की पीढ़ी की ऊर्जा और शक्ति का किस दिशा में उपयोग हो रहा है और शायद यही कारण है कि आज का "गंगु तेली" तो "राजा भोज" बन गया और "राजा भोज", "गंगु तेली" बन कर सब गुणों से सक्षम रहने के बावज़ूद नारकीय जीवन जीने को मजबूर है. यही हकीकत है हम अधिकतर भारतवासियों का...... आगे का पता नहीं क्या होगा. शायद भगवान को एक नए रूप में अवतरित होना होगा. आज की पीढ़ी की सच्चरित्र की हक़ीक़त
Bydreampost
शर्म आने लगी है इश्क तुझ पर हमे। तेरी आड में लोग झूठे भरोसे बुनने लगे है।। किसी को एतबार नहीं अब तेरी ताकत पर। तुझे छोड अपना भविष्य को चुनने