Find the Latest Status about geeta ke shlok in sanskrit language from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, geeta ke shlok in sanskrit language.
Aryan Sharma
एको अहं, द्वितीयो नास्ति, न भूतो न भविष्यति! #ravan #lankesh #sanskrit #shlok #sanskritshlok
#ravan #Lankesh #Sanskrit #Shlok #sanskritshlok
read moreGhanshyam
🙏🌞🕉️ गीता के तीसरे अध्याय के 29 वें श्लोक में भगवान कहते हैं —“ प्रकृतिजन्य गुणों से अत्यंत मोहित हुए अज्ञानी मनुष्य गुणों और कर्मों में आसक्त रहते हैं। उन पूर्णतया न समझने वाले मंदबुद्धि अज्ञानियों को पूर्णतया जानने वाला ज्ञानी मनुष्य विचलित न करे। " जो प्रकृति-गुणों से मोहित हो, और कर्म में लीन अभी । उन अज्ञमूढ़ लोगों को तो, विद्वान करें विचलित न कभी।। 🌷 सत्व, रज और तम — यह तीनों प्रकृतिजन्य गुण मनुष्य को बांधने वाले हैं। सत्वगुण सुख और ज्ञान की आसक्ति से, रजोगुण कर्म की आसक्ति से और तमोगुण आलस्य, प्रमाद और निद्रा से मनुष्य को बांधता है। 🌸 अज्ञानी मनुष्य शुभ कर्म तो करते हैं, पर करते हैं नाशवान पदार्थों की प्राप्ति के लिए। धन आदि प्राप्त पदार्थों में भी ममता रखते हैं और अप्राप्त पदार्थों की कामना करते हैं। इस प्रकार ममता और कामना से बंधे रहने के कारण गुणों (पदार्थों) और कर्मों के तत्व को पूर्ण रूप से नहीं जान सकते। इस प्रकार अज्ञानी मनुष्य शास्त्र विहित कर्म और उसकी विधि को तो ठीक से जानते हैं, पर गुणों और कर्मों के तत्व को ठीक से न जानने के कारण और सांसारिक भोग तथा संग्रह में रुचि होने के कारण उन्हें मंदबुद्धि कहा गया है। 🍁 भगवान कहते हैं कि ज्ञानी पुरुष कम से कम अपने संकेत, वचन और क्रिया से अज्ञानी पुरुषों को विचलित न करें तथा कोई ऐसी बात प्रकट न करें जिससे उन सकाम पुरुषों की शास्त्र विहित शुभ कर्मों में अश्रद्धा, अविश्वास या अरुचि पैदा हो जाए और वे उन कर्मों का त्याग कर दें; क्योंकि ऐसा करने से उनका पतन हो सकता है। इसलिए ऐसे पुरुषों को सकाम भाव से विचलित करना है शास्त्रीय कर्मों से नहीं। 🌻 क्रिया और कर्म— इन दोनों में भी भेद हैं। क्रिया के साथ जब ‘मैं कर्ता हूं' ऐसा अहंभाव रहता है, तो वह क्रिया ‘कर्म' हो जाती हैं और उसका इष्ट, अनिष्ट और मिश्रित — तीन प्रकार का फल मिलता है, परंतु जहां ‘मैं कर्ता नहीं हूं' ऐसा भाव रहता है वहां क्रिया ‘कर्म' नहीं बनती अर्थात् फलदायक नहीं होती। तत्वज्ञ महापुरुष के द्वारा फलदायक कर्म नहीं होते, प्रत्युत् केवल क्रियाएं (चेष्टा मात्र) होती हैं। साधक संजीवनी।🙏🌹🕉️ ©Ghanshyam #MemeBanao Geeta ke 3 adhyay ka 29वां shlok
#MemeBanao Geeta ke 3 adhyay ka 29वां shlok #पौराणिककथा
read moreBalaram Nahak
good morning 🌻🌻🌻 ©Balaram Nahak Geeta bhagwat shlok
Geeta bhagwat shlok #Knowledge
read moreBalaram Nahak
good morning ©Balaram Nahak Geeta bhagwat shlok
Geeta bhagwat shlok #Knowledge
read morePrem
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ #sanskrit #sanskrit #sloka #geeta #bhagvadgita #karma #karma