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Meenu Dalal@185
बेमिसाल है तेरी यादों का पहरा शिकायतें.. हजारों करती है मगर खफा कभी नहीं होती!! ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
महफूज़ रखी है दिल में हर याद तुम्हारी !! सहेजकर रखी है आंखों में सूरत तुम्हारी !! मैं पलटकर जमाना क्या देखूं !! मैंने हर सांस गिरवी रखी है मोहब्बत में तुम्हारी !! ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
हर बात जुबां पे नहीं आती..... कुछ एहसास ख़ामोशियों के मोहताज़ होते हैं..... आंखों ही आंखों में बयां हो गए अफ़साने दिल के..... कुछ जज़्बात बहते आसुओं के कर्ज़दार होते हैं....🖤 ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
तोड़ने वाले हज़ार है कोई जोड़ने वाला चाहिए मगर ये दिल अब भी कितना पागल है वही हजारों में एक शक्श हर कीमत पे चाहिए ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
दूर कहीं मैं सुकून की तलाश में हूं खाली बैठी मैं बस अपने ही विचारों में हूं यूं तो पल भर का ही था नाता तुझसे मगर अब मैं उमर भर के लिए तेरी यादों में हूं ❤️🩷🌹⛰️💫❤️ ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
आसान था शायद सपने देखना.... मगर टूटने का दर्द सहना मुश्किल है....! आसान था शायद दो कदम आगे बढ़ाना.... मगर रास्ते बदलना मुश्किल है....! आसान था शायद अकेले रह जाना.... मगर किसी को पाकर खो देना मुश्किल है....! आसान था शायद हंसकर सब दर्द बांट लेना.... मगर हंसी के पीछे दर्द छुपाना मुश्किल है....!! ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
इन वादियों में कई राज दफन हैं कुछ हसीं तो कुछ दर्द समेटे हुए हैं बह ही जाना है इनको बहाव के साथ ये लहरें फिर भी किनारे से मिलने की जिद्द में हैं ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
किस किरदार में पेश करूं खुद को यहां हर शख्सियत दागदार है! किस पल का करूं मैं इंतजार यहां हर लम्हा कर्जदार है! किस ओर ऊंगली उठाऊं मैं यहां हर हाथ का इशारा मेरी तरफ है! किस दर्द का जिक्र करूं मैं यहां हर मुस्कुराहट गिरवी रखी है! किस सजा की बात करूं मैं यहां हर इल्जाम मुझ पर है! किस गवाह को पेश करूं मैं यहां हर अदालत बिकाऊ है! किस रब को याद करूं मैं यहां हर दुआ बेफिजूल है! किस हद में शामें गुजारूं मैं यहां हर रात दीवानी है! किस अंदाज में तुझे पुकारा करूं मैं यहां हर राज बेनकाब है! किस आंधी से गुफतगु करूं मैं यहां हर झोंका लावारिश है! किस बारिश में खुशबू बिखेरूं मैं यहां हर मौसम पतझड़ है!!! ©Meenu Dalal@185 #185
Meenu Dalal@185
आज फिर ये रात आसुओं में ही बितानी है ! दिल में दबी बातें दिल में ही दफन करनी हैं ! खुद को महसूस हो तभी मुझे समझना अब मेरी आवाज तो मुझे ख़ामोश रखनी है ! हर बार की तरह अब गलतियां नहीं दोहरानी हैं ! टूटते सितारों से अपनी ख़्वाहिशें नहीं मांगनी है ! कुछ जरूरी होगा तो रब मेरे हिस्से में देगा अब किसी मन्नत के लिए दुआ नहीं करनी है ! ©Meenu Dalal@185 #185