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theABHAYSINGH_BIPIN
White ज़िंदगी में आज़माइश तो होगी, ज़िंदगी से फरमाइश तो होगी। अगर न मिले चाहत के मोती, तो ज़िंदगी से शिकायत तो होगी। कैसे करूँ मैं प्यार की नुमाइश, अंत तक ख़्वाहिश तो होगी। हाथ थामे रखना, जब तक जान है, छोड़ते वक्त, इतनी गुज़ारिश तो होगी। यह दुनिया की रीतें खोखली हो गईं, मोहब्बत में मुझको रियायत तो होगी। जिगर को कैसे दबाकर बैठा हूँ, लग जा गले से, ख़्वाहिश तो होगी। ©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night ज़िंदगी में आज़माइश तो होगी, ज़िंदगी से फरमाइश तो होगी। अगर न मिले चाहत के मोती, तो ज़िंदगी से शिकायत तो होगी। कैसे करूँ मैं
#good_night ज़िंदगी में आज़माइश तो होगी, ज़िंदगी से फरमाइश तो होगी। अगर न मिले चाहत के मोती, तो ज़िंदगी से शिकायत तो होगी। कैसे करूँ मैं
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्क़ के गलियारें कभी भाया नहीं। मैंने याद बहुत किया उन हसीं लम्हों को, बीत गया सावन वो वापस आया नहीं। सुख गईं आँखें मेरी अच्छे की आस में, पर ख़्वाब हक़ीकत में कभी आया नहीं। कितना अजीज़ शख़्स था मेरे दिल को, जो इश्क़ ए ज़मीं पर कभी आया नहीं। अभय, इंतेज़ार की ये घड़ियाँ गवाह हैं, ना आने का कारण कभी बताया नहीं। ©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodNight इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्
#GoodNight इश्क़ ए ज़ज़्बात इश्क़ - ए ज़ज़्बात कभी छुपाया नहीं, हाल- ए - दिल उसे कभी बताया नहीं। कैसे बयाँ करता इस इश्क़ की नादानी, ए इश्
read moreनवनीत ठाकुर
दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेरे, अब ये रौशनी भी कुछ धुंधली सी लगती है। कभी जो जुदा हो गईं थीं तमन्नाएँ ए नवनीत, अब वो पूरी हुईं तो कुछ अधुरी सी लगती है। मंज़िल तक पहुँचने की ख़ुशी भी अब ग़म के साए में, अब ये बहार भी कुछ कटीली सी लगती है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
#नवनीतठाकुर दिन थे जब ख्वाबों को सिर्फ आँखों में पलते थे, अब हकीकत में मिले तो कुछ अधूरी सी लगती है। मुफलिसी की रातें थीं जैसे स्याह अंधेर
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी बुझते-बुझते बस एक निशानी हो गईं। इश्क़ में लिखते रहे हम हज़ारों किस्से, मगर सच्चाई में वो सब बेमानी हो गईं। वो कसमें, वो वादे, वो लम्हों की गहराइयाँ, अब किताबों की तरह बंद कहानी हो गईं। जो हमने देखा था कभी चाँद की रोशनी में, वो उम्मीदें भी अब धुंधली कहानी हो गईं। जिनसे रोशन था कभी हर एक कोना-ए-दिल, वो रोशनी भी अंधेरों की मेहरबानी हो गईं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी
#नवनीतठाकुर लफ़्ज़ दिल में थे, वो कागज़ पे आ न सके, ख़ामोशी में ही दबी सारी कहानी हो गईं। शाम-ए-ग़म में जलाए थे जो उम्मीद के चराग़, वो भी
read moreनवनीत ठाकुर
White गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना तो हुआ, कुछ चेहरे पहचानने गए। इक हल्की सी लहर ने सारा दरिया हिला दिया, वक्त की शिद्दत से कुछ अरमाँ तक उड़ने गए। जो साथ थे कभी, अब दिलों में दूरियाँ बन गईं, लेकिन उन दूरियों से कुछ रिश्ते नया रंग लेने गए। अल्फाज़ वो जो कभी मुस्कान से बयाँ होते थे, वो अब चुप्पियों में छुप कर रह जाने गए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
#नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
read moreKulvant Kumar
इंसान ने जिंदगी में, प्रेम की ऐसी कल्पना बनाई है जिसे वो सिर्फ दूसरों की "Personality" में ही ढूंढता रहेता हैं
read moreSarfaraj idrishi
किसके लिए जन्नत बनाई है तूने ऐ खुदा कौन है यहां जो गुनाहगार नहीं..! ©Sarfaraj idrishi #specs किसके लिए जन्नत बनाई है तूने ऐ खुदा कौन है यहां जो गुनाहगार नहीं..! Islam Achman Chitranshi kk_bhardwaj21 A k sahu udass Afzal kh
#specs किसके लिए जन्नत बनाई है तूने ऐ खुदा कौन है यहां जो गुनाहगार नहीं..! Islam Achman Chitranshi kk_bhardwaj21 A k sahu udass Afzal kh
read more#Mr.India
White कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी बस धोखा सा लगता है। मंज़िलें जैसे कहीं दूर खड़ी रह गईं, खुद की ख़्वाहिशें दिल में ही दफन हो गईं। कभी उड़ने की चाहत ने आसमान मांगा, आज जीने की आरज़ू ने एक ठिकाना मांगा। हर कदम गिन रहा हूं, हर सांस टटोल रहा हूं, खुद से खुद को ही जाने क्यों तोल रहा हूं। दुनिया बदलने की चाह लेकर निकला था, आज अपने हिस्से का चैन भी खो रहा हूं। दिल कहता है थम के किसी छांव में बैठूं, बिखरे अरमानों को फिर से जोड़ने का हौसला बटोरूं। चलो, कहीं दूर एक मोड़ तलाशते हैं, जहां ख्वाहिशें और सपने को फिर से बचपन की तरह संवारते है..!! ©#Mr.India कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब
कई रोज़ से जिंदगी की रवानी में गुम सा हूं, ख़्वाब अधूरे हैं, हकीक़त से भी ख़फा हूं। सुबह का सूरज अब फीका सा लगता है, शाम का चाँद भी ब
read moreVEER NIRVEL
आधा कप चाए बनाई है फ़क़त और उसमें से इन्हें भी चाहिए.. #Veer_Ki_Shayari ©VEER NIRVEL आधा कप चाए बनाई है फ़क़त और उसमें से इन्हें भी चाहिए
आधा कप चाए बनाई है फ़क़त और उसमें से इन्हें भी चाहिए
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