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Parasram Arora
कसाई संत की विशद धार्मिक व्याख्या सुनकर आध्यात्मिक भेड़े भृमित होने लगी अंततोगत्वा सभी श्रावक भेड़े समर्पण करती गईं और एक एक करके कटती गईं....... मुक्ति पथ पर उन भेडो को धकेल कर आज वो कसाई संत यमलोक के उच्च पद पर आसीन हो चुका है कसाई संत ......
कसाई संत ......
read moreकवि मनोज कुमार मंजू
चन्द्रयान उम्मीदों का अभियान सपने सबने सजाए थे सबके मन हरसाये थे जड़ेगा और नगीना शान में भारत फिर चमकेगा आसमान में ख्वाब करोड़ों बिखर गए अचानक सब सिहर गए कुछ अरमान अधूरे से पलकों पर सितारे टूटे से कोशिशें पूरी पर हार गईं दर्द सीनों में उभार गईं लाख पीड़ा हो पर सहना है कामयाब होकर ही रहना है खड़ा होने को गिरना पड़ता है और फिर आगे चलना पड़ता है गिरे हैं पर अभी हारे नहीं हैं हम हिम्मतें हैं हौसले भी नहीं हैं कम जो ठाना है पायेंगे हदों से हम गुजर जायेंगे पूरा होगा हर अरमान सफलता चूमेगा चन्द्रयान ~ मनोज कुमार "मंजू " #chandrayaan2 #manojkumarmanju #manju
#Chandrayaan2 #manojkumarmanju #Manju
read moresafernama _withme
ग़ैर क्या बदलेंगे । मैंने तो ख़ुद को ही बदलते हुआ पाया हैं इंसानियत तक खो गईं हैं मेरी। मैंने तो ख़ुद आज उस जन्म देने वाले को ख़ुद दुख देते हुए पाया हैं मेरे लिए जो दुनिया से लड़ लेती थी। आज उसी दुनिया के लिये मैंने ख़ुद को उसी माँ से झगड़ते हुए पाया हैं दुनिया के रंग में ,मैं भी रंग गईं सब के साथ मिलकर मैंने भी तुझे खुब तकलिफ पहुंचाया हैं । उन्हे तो मालूम नही हैं तेरी कुर्बानियो का पर मैंने तो जानबूझ कर तेरा दिल दूखाया हैं । तेरे नाम की गाली तक सुन कर । मैंने अपने मुँह पर ताला लगाया हैं । सही मायने में तो मैंने ही तूझे सबसे ज्यादा तकलिफ पहुंचाया हैं । इंसानियत तक खो गईं हैं मेरी। मैंने तो ख़ुद को ही तेरे लिये बदलता हुआ पाया हैं । ##जिंदगी ##रिश्तों की डोर##
#जिंदगी #रिश्तों की डोर##
read moreShantnu Jain
तुम मिले तो बदतर ज़िन्दगी शौकिया हो गईं, निकले रात को घर से तो अंधेरे रास्ते मे भी रोशनियां हो गईं ✍️शांतनु जैन #nojoto #nojotohindi #way#night#darkness
nojoto #nojotohindi #Way#Night#darkness
read moreShivani Sharma
पहले बनी एक बेटी में बाबुल , फिर बनी तेरी राजकुमारी , मां के आंचल और तेरे आंगन से शुरू हुई मेरी जिंदगी की ये कहानी, जन्म हुआ मेरा तो बनी में तेरी दुलारी , बढ़ने लगी जब आंगन में तेरे तो होने लगी फिर मेरी शादी की तैयारी, डोली उठी तेरे आंगन से मेरी और, एक घर से दूसरे घर चल पड़ीं में बनकर बहुरानी , बन गई में अपने पति कि अर्धांगिनी ,तब हुआ सफर शुरू मेरा और बन गईं में कन्या से एक नारी , कुछ ही पलों में बदल गईं मेरी दुनिया ही सारी की सारी खुद का ख्याल रखने वाली,निभाने लगी एक पूरे परिवार की जिम्मेदारी, वक्त बिता ,बीती घड़ियां , अाई घर में खुशखबरी पहले बेटी ,फिर बहू और पत्नी फिर में एक मां बनी । हुआ संपूर्ण जीवन मेरा बनी में एक सम्पूर्ण नारी । सालो बीते ,बिता वक्त फिर शुरू हुई एक नई पारी बेटी ,बहू,,पत्नी और मां थी पहले फिर अाई सास बनने की बारी । बहू बनी ,बेटी को मैने अपनी परछाई मान लिया , एक बहू को भी मैने अपनी बेटी सा मान दिया, वक्त का पहिया जब घूमा फिर बनी में दादी , लौटा बचपन फिर मेरा अाई बारी, फिर मेरी बच्चो संग करने की शैतानी , वक्त बिता ,खुशियों के साथ मेरा , अाई फिर दुनिया से मेरी अलविदा कहने की बारी में हंसते हंसते खो गई कभी ना उतने वाली नींद में सो गई, हो गई विलीन आत्मा ये मेरी उस पवित्र अग्नि में जिसके समक्ष मैने अपने पति संग फेरे लिए थे , जल रही थी में अग्नि में और मेरे सारे अपने मुझे घेरे हुए थे । में बचपन से लेकर अपने अंत तक मुस्कुरा रही थी में अपनी सारी वेदना और सारी संवेदनाओं को अपने साथ समेट के ले जा रही थी । में अपनी ही बसाई दुनिया को छोड़कर जा रही थी । मेरे जीवन मे लिखी गई जब ईश्वर द्वारा मेरी मृत्यु की कहानी , समाप्त हो गई तब मेरे साथ मेरे अंदर की एक नारी कि कहानी । । #OpenPoetry एक स्त्री के पूरे जीवन की कहानी ।
#OpenPoetry एक स्त्री के पूरे जीवन की कहानी ।
read moreराखी रायकवार "khushi"
#OpenPoetry यादों की वादियां फिर आंसुओं से धुल गई़, रासता वही रहा बस मंजिल बदल गईं , बरसों की यादों को पलों में समेटना था, जो तोड़ना चाहा लमहों को यादों में गांठ पड़ गईं , यादों की वादियां फिर आंसुओं से धुल गई़, रासता वही रहा बस मंजिल बदल गईं , जो बीत गईं घडियां वापिस ना आएंगी, वो बर्फ की चादर थीं कब की पिघल गईं, यादों की वादियां फिर आंसुओं से धुल गई़, रासता वही रहा बस मंजिल बदल गईं , बीता वक्त तो हमारी मुट्ठी में कैद था, पर घड़ियां रेत थी पल में फिसल गईं, यादों की वादियां फिर आंसुओं से धुल गई़, रासता वही रहा बस मंजिल बदल गईं , #OpenPoetry
Nishat महशर
कितनी शादी कितनी मिट्टी हमसे छूट गईं शहर से क्या निकले सारी खुशियाँ रूठ गईं #nojoto
nojoto
read morevikrajgill
लो आज फिर उनकी याद आ गईं दिलको दुखाने मुद्दत बाद आ गई लग रहा था यूँ के हम भूल गए है उनको उनको भूल जाने के भी बाद आ गईं ( विकराज गिल ) लो आज फिर उनकी याद आ गईं
लो आज फिर उनकी याद आ गईं
read moreखामोशी और दस्तक
तड़प - 2 #NojotoQuote जाम हटने वाला हैं शायद ....archu असमंजस में थी क्या करे अब जाये या रुके । एक बार फ़िर आवाज़ आई मैडम अन्दर बैठ जाइये ऐसे खड़ी हैं आप अच्छा नही लगता पर archu को जैसे कुछ सुनाई ही नही दिया , अनेको विचार उसके दिमाग में कौंध रहे थे , आज फ़िर देर हो गईं , कब तक हटेगा ये जाम , एंबुलेंस में कौन होगा और वो लड़का कर क्या रहा हैं .... फ़िर से एक बार हॉर्न की आवाज़ आई और archu अपने विचारो से बाहर आई , झट से अन्दर बैठ गईं और ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी आगे की , फ़िर पीछे सड़क के नीचे करने की कोशिश करने लगा , archu ने
जाम हटने वाला हैं शायद ....archu असमंजस में थी क्या करे अब जाये या रुके । एक बार फ़िर आवाज़ आई मैडम अन्दर बैठ जाइये ऐसे खड़ी हैं आप अच्छा नही लगता पर archu को जैसे कुछ सुनाई ही नही दिया , अनेको विचार उसके दिमाग में कौंध रहे थे , आज फ़िर देर हो गईं , कब तक हटेगा ये जाम , एंबुलेंस में कौन होगा और वो लड़का कर क्या रहा हैं .... फ़िर से एक बार हॉर्न की आवाज़ आई और archu अपने विचारो से बाहर आई , झट से अन्दर बैठ गईं और ड्राइवर ने गाड़ी थोड़ी आगे की , फ़िर पीछे सड़क के नीचे करने की कोशिश करने लगा , archu ने
read moreखामोशी और दस्तक
आज archu ऑफीस के लिये तय समय से पहले निकली , कम से कम आज तो वक्त पर पहुंच जाये । जैसे ही बस स्टॉप पर पहुँची एक सहकर्मी अपनी कार से जाती दिखाई दी , कुछ आगे जा कर उसने कार रोक दी और archu को अपने साथ बुला लिया archu भी बेझीझक उसके संग हो गईं काफ़ी वक्त के बाद उन्हें आपस में बाते करने का , हाल चाल मालूम करने का अवसर मिला था ऑफिस में बस काम की व्यस्तता होती थी , बातों में कब आधा रास्ता तय कर लिया पता उन्हें पता ही नही चला , ऑफिस से क़रीब 10 मिनट की दूरी थी सिग्नल से कुछ पहले काफ़ी बड़ा या दूरी तक जाम लग गया था , archu की गाड़ी भी रूक गईं दोनो बातों में व्यस्त थी , अचानक archu की नज़र सड़क पर एक लड़के पर गईं क़रीब 20-22साल का होगा , हैंड्सम , शिक्षित किसी अच्छे खासे धनाड्य परिवार का लग रहा था , हर गाड़ी के वाहन चालक के पास जाता हाथ जोड़कर कुछ कहता और गाड़ी थोड़ी हट जाती या आस पास के लोग अपनी अपनी गाड़ी हटाने की कोशिश करते क्या कार , क्या बाइक , बस , यहां तक की पैदल चलने वालो से भी वो रास्ता देने की गुज़ारिश करता , archu की कार काफ़ी दूरी पर थी और उसकी कार के पीछे एक एम्बूलैंस थी जो लगातर हॉर्न बजाए जा rhi थी , कुछ ही मिनटो में archu और उसकी सहकर्मी का हृदय विचलित होने लगा जाने कौन है एंबुलेंस में किस स्थिति में है कुछ तो गंभीर बात है और उनसे रहा नही गया वो दोनो कार से नीचे उतरी , तभी ड्राइवर ने कहा मैम आप दोनो अन्दर बैठ जाइये जाम हटने वाला है शायद ..... क्रमश..... #NojotoQuote #तड़प .....1
#तड़प .....1
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