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Motivational writer
अकेला आया हूँ, अकेला सफ़र करूंगा, चलती राहों में भी, सबकी कदर करूंगा..।। अगर हो भी गया मायुस, तो सब्र करूंगा, थोड़ा रूकूंगा, फिर चलना शुरू करूंगा..।। मुश्किलें हजार होंगी, सबको हसकर पार करूंगा, ठोकरें लगेंगी जमाने की, गिरकर भी उठता रहूंगा..।। हाँ अमावस की रात को, मैं पूनम हरबार करूंगा, जीवन के पतझड़ को, मैं बसंत बहार करूंगा..।। लाख करें कोई धोखा भले, मैं न फरेब करूंगा, इंसान हूँ, इंसानियत निभा, इंसान बना रहूंगा..।। ©शंकर दास #Life_experience #शंकरदास अकेला आया हूँ, अकेला सफ़र करूंगा, चलती राहों में भी, सबकी कदर करूंगा..।। अगर हो भी गया मायुस, तो सब्र करूंगा, थो
SONALI SEN
मैं बसंत तुम हो ,आगामी बहार प्रिये, आओ मिलकर हो जाये ,नूतन हार प्रिये, तुम मेरा दर्पण ,हो जाओ के तुझमे, देख के कर लूँ मैं, सोलह शृंगार प्रिये।। तेरे प्रेम मे तुझको ,अर्पण हो जाऊं, देख के तुझको खुद मैं, दर्पण हो जाऊ, तुम जीवन तुम हो ,मेरा संसार प्रिये, तूझे समर्पण हार, प्रेम का हो जाऊ।। तुम चिंतित हो मेरी ,गैर हाजरि पर, तुम्हे याद हो मेरी ,आखिरी बाते सब, मुझको ना पाके तुम, खुद को भी भूलो, कुछ ऐसे संसार ,तुम्हारा हो जाऊँ ।। ©SONALI SEN मैं बसंत तुम हो ,आगामी बहार प्रिये, आओ मिलकर हो जाये ,नूतन हार प्रिये, तुम मेरा दर्पण ,हो जाओ के तुझमे, देख के कर लूँ मैं, सोलह शृंगार प्रि
अशेष_शून्य
"हमारे प्रेम का आलिंगन" ईश्वर! मेरे और तुम्हारे प्रेम का : 🍁 "हमारे प्रेम का आलिंगन" -Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में ....) जब भी पलकों में नमी फैलेगी , मैं सूरज से थोड़ा धूप मांग लूंगी ....! जब भी अंतर्मन शुष्क होगा, मैं बादलों से कुछ बूंदे मांग लूंगी....! जब मे
Anuj thakur "बेख़बर"
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं कोहरे का छट गया कोलाहल दूर दृष्टि आ गई! दिन गए जो कपकंपी के सुनहरी धूप छा गई!! वीणा की झनकार से दूर होगी अज्ञानता! मौसम ने ली अंगड़ाई और ऋतु बसंत आ गई!! ©Anuj thakur "बेख़बर" बसंत
Rohit Barnawal
सब कुछ लूटा के इश्क़ में कुछ इस तरह संत बन जाऊं, कि तू मेरी सावन हो जा मैं तेरा बंसन्त बन जाऊं।। #बसंत
Manju Sharma 'kanti'
बसंत के फूलों सा है यह मेरा जीवन बसंत के फूलों सा है यह मेरा जीवन दूर से देखती हूं तो कही हल्का सा रंग है तो कहीं गहरा है नजदीक से देखती हूं तो कहीं गहरा है कहीं घना है पर जो भी है खूबसूरत है गहरा है तो सरस है घना है तो बहुत खूबसूरत है मेरे जीवन के हर पल का आनंद इन्हीं हल्के गहरे और घने में तो है हां मेरा जीवन बसंत के फूलों सा तो है कभी बसंत आ जाता है कभी बसंत खो जाता है पर फिर भी यह मेरा बसंती जीवन तेरे साथ रोमांच भरा है प्रेम भरा है तेरे साथ बीन यह नफरत भरा भी है हां मेरा यह बसंती जीवन बसंत के फूलों सा तो है ©Manju Sharma बसंत