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Tamjid alam Alam
चाहने वाले का इमान बने बैठे हैं हम सुनने की जान बने बैठे हैं हिंद वाली ख्वाजा की करामात देखो 800 साल से सुल्तान बने बैठे हैं ©Tamjid alam Alam #Shahrukh&Kajol चाहने वालों का इमान बने बैठे हैं हम सुन्नियों की योगदान बने बैठे हैं और हिंदी वाले ख्वाजा की करामात तो देखो 800 साल से सुल्त
Vedantika
ज़ीनत बन कर किसी के घर की, मोहब्बत बन जाऊँ। आने वाला हो ख़ुरसंद तमाम उम्र, वो सोहबत बन जाऊँ। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "ज़ीनत" "ziinat" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है शृंगार, सज्जा, सजावट, शोभा, रौनक़ एव
Vedantika
हम तो बरसों रहे मुक़ल्लिद उनके कदमों के हम करते रहे सफ़ऱ और वो मंज़िल पा गए ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "मुक़ल्लिद" "muqallid" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है अनुसरण करने वाला, अनुयायी, शि
Kulbhushan Arora
उगना..खिलना...संवरना.... बिखर जाना यही है जिंदगी की मुख्तसर सा अफसाना बरगद की घनेरी लटे,पीपल की छांव, कितने मन्नत के धागों से बांधे चारों तरफ घूमें कितने पाँव,,, कितनी चौखटों की साज सज्जा बने अंत में गये किस
kumaarkikalamse
जब तुम ऑफिस से निकलते वक़्त इत्तला कर देते हो यकीन मानो मेरा बिन सजे ही श्रृंगार हो जाता है! इसीलिए कहती हूँ तुमसे बता दिया करो और अपने पैसे जो मैं अपने रूप सज्जा पर खर्च करूँ, बचा लिया करो..! #rzpicprompt3265 #yqrestzone #restzon
CM Chaitanyaa
"आत्मा का शृंगार"— % & शृंगार मात्र सज्जा ही नहीं है, एक रीति है। उसका एक उद्देश्य है, एक अर्थ है, एक नीति है। देह का शृंगार होता है संपदा से, और आत्मा का विपदा स
rajkumar
शुभ विचार राम राम जी ©rajkumar Kumar सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं, पढ़ें इससे जुड़ी 5 बड़ी सीख.... जीवन में सत्य के सूरज को झूठ का बादल कुछ देर के लिए छिपा सकता है
Nitu Singh जज़्बातदिलके
सभी सखियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की ढेर सारी शुभकामनाए।🙏🙏 नारी वो आशीर्वाद है...! क्या मेरा अस्तित्व है, क्या मेरी पहचान है। आज तुम सुनो कि तुम क्या हो.....??? तुम वेद हो, पुराण हो, सदियों से अटल पाषाण हो, फसलों से लदा खेत हो, पुष्पों से लदा पेड़ हो। और बताऊं तुम क्या क्या हो........... सुबह का आफताब हो, रात्रि में महकता ख्वाब हो, पानी में छुपी अग्नि हो, पावक में ठिठुरते ठंडी हो, और बताऊं तुम क्या-क्या हो............ नवसृजन का स्रोत हो, पवित्रता की ज्योत हो, घर आंगन की सज्जा हो घुंघट में झलकती लज्जा हो, अगर तोड़े कोई, मर्यादा की दीवार तो तुम बन जाती महाकाल हो और बताऊं तुम क्या क्या हो......... ©Nitu Singh#जज़्बात_दिल_के #happywomensday सभी सखियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की ढेर सारी शुभकामनाए।🙏🙏 नारी वो आशीर्वाद है...! क्या मेरा अस्तित्
Vandana
सूखे पत्ते सा वो हवा में उड़ चला जो कभी ठंडी छांव बनके बरसा था बरगद की घनेरी लटे,पीपल की छांव, कितने मन्नत के धागों से बांधे चारों तरफ घूमें कितने पाँव,,, कितनी चौखटों की साज सज्जा बने अंत में गये किस