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seema patidar
हे सर्वश्रेष्ठ सखा तुम्ही से सीखा है ........ प्रेम की पूर्ण परिभाषा को मुक्त होकर भी........ बंधे रहना........✍️ ©seema patidar प्रेम की पूर्ण परिभाषा
प्रेम की पूर्ण परिभाषा
read moreBharat Bhushan pathak
Jai Shri Ram १११ २,११ १२१ १२१ १२,१ २ भज रहे,निशि दिवा सब हैं वह नाम जी। जप सदा,जप सदा मनसे तुम राम जी।। मन रमे,तन रमे सुख की बरखा गिरे। सब रटें,सब सुनें प्रभु पीर सभी हरें।। ©Bharat Bhushan pathak #jaishriram#मंगलमंगना छंद hindi poetry poetry poetry lovers Hinduism poetry in hindi
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read moreRamji Tiwari
White विधा-मनहरण घनाक्षरी छंद *मधुमास आ गया* कूके कोयलिया बाग,गाती सुमधुर राग। हुई धरा हरी- भरी, मधुमास आ गया। खिले बहु सुमन हैं,भए रम्य चमन हैं। लौट फिर से सुखद, अहसास आ गया। सारे जग की स्वामिनी, वर मंगल दायिनी। शारदा भवानी माँ का, पर्व खास आ गया। लेके पूजा थाल हाथ,टेक तेरे दर माथ। तुमको मनाने माता,"राम" दास आ गया।। हर दिन करें पूजा,और नहीं काम दूजा। मेरे प्यासे नयनों को ,दरश दिखाइए। तप सिद्धियों की खान, अतुलित बलवान। देके हमें वरदान,सबल बनाइए। दे दो हमें वरदान,वाणी करें गुणगान। निज भक्ति भाव प्रीति,हृदय जगाइए। फैला तम चहुँ ओर,दिखे नहीं कोई छोर। फैला पाप जग घोर,तमस मिटाइए।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #छंद #मनहरण_घनाक्षरी_छंद #poem #Spring
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read moreRadha Chandel
White वो लडकी खूबसूरत तो नही पर अपने किरदार को सजाया है उसने।। वो लड़का लाखो तो नही कमाता पर अपने वजूद को महकाया का उसने।। लम्बे बाल काली आंखे गोरे गाल तो नही है उसके।। पर सादगी का नूर आंखो में हया संस्कारों को सजाया है उसने।। लम्बी गाड़ी बड़ा बंगला बड़ा व्यापार नहीं है उसका।। पर अपने हुनर को मेहनत से निखारा हे उसने।। ©Radha Chandel #खूबसूरती की परिभाषा
#खूबसूरती की परिभाषा
read moreRamji Tiwari
White मनहरण घनाक्षरी छंद- घर- घर उल्लास है, कोई नहीं उदास है। बह रही चहुँ ओर,फागुनी बयार है।। आम फूली अमराई,छाँव लगे सुखदाई। छाया हर तन पर, रंगों का खुमार है।। देख चहुँ हरियाली,कूँजे पिक मतवाली। कल- कल बह रही,गंगा नदी धार है।। झूम रहे नर नारी,देख खेत बाग- बारी। धरा ने भी कर लिया,सोलह श्रृंगार है।। घूम-घूम खग वृंद,गा रहे हैं गीत छंद। खिल गई हर कली, झूम रही डाली है।। चम-चम करें तारे, लगें मन अति प्यारे। जगमग होती अब,रात काली-काली है।। यौवन उमंग भरे,चोली बहु तंग करे। इठलाती फिर रही,गोरी मतवाली है।। मल गई रंग गाल,आई न समझ चाल। बड़ी नटखट मेरे,भैया जी की साली है।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Spring #poem #छंद #Festival #Nature #Friend
Ramji Tiwari
Unsplash जय माँ शारदा विधा-सरसी छंद १६/११ पदान्त २१ भगवत गीता में मिलता है,सब ग्रंथों का सार। मानव जीवन की खातिर है,जीवन का आधार। जो गीता प्रतिदिन पढ़ते हैं, कभी न खाते खार। गीता ज्ञान बिन नहीं होगा, मानव का उद्धार।। स्वरचित रचना-राम जी तिवारी"राम" उन्नाव (उत्तर प्रदेश) ©Ramji Tiwari #Book #poem #छंद #कविता #भक्ति भक्ति भजन
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read moreBANDHETIYA OFFICIAL
White पसंद आ रही हैं आती नापसंद चीजें, कल को आदी न कर दें जो पाबंद चीजें, राह खोल सकती हैं मुझतक जैसे बंद चीजें, डर है, क्या करूं लेकिन गीत के वे छंद चीजें, फिर भी दूर रहें मुझसे लत के नाम पे चंद चीजें। ©BANDHETIYA OFFICIAL #sad_quotes #छंद
Anuj Ray
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset मुक्त छंद कविता कोहरा ठिठुर रहा कब से सर्दी में, सूरज के रथ का पहिया ढीला जंगल जलता धू धू कर हिमशिखर बना सरिता का पानी। चलती पगडंडी मुड़ मुड़ कर देखें। नारी मंडवा बैठ निहारे पक्षी खड़ी फसल चौपट कर डाली कृषक का दुश्मन पाला नरभक्षी। ©Anuj Ray # मुक्त छंद कविता"
# मुक्त छंद कविता"
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
प्रेम सिर्फ शारीरिक नहीं होता है प्रेम किसी व्यक्ति से नहीं होता है, प्रेम व्यक्तित्व से होता है, इंसान के व्यवहार से होता है, किसी की बातों से जब मन को खुशी मिलती है, किसी की परवाह जब आपको सुकून देती है, आप कितने अनमोल है उसके लिए, जब आपको कोई ये महसूस कराता है, अपने व्यस्त समय में भी, जो आपके लिए समय निकालता है रोज आँख खुलते ही जो आपको याद करता है, जो आपकी आवाज सुनने के लिए सारा दिन इंतजार करता है, जिससे झगडा करने के बाद भी उसके मनाने का इंतजार रहता है, किसी की बातें सोचकर आपके चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है, पूरी दुनिया की खुशी में भी एक इंसान की कमी आपको उदास कर देती है बस यही है प्रेम की परिभाषा...है। ©Matangi Upadhyay( चिंका ) प्रेम की परिभाषा 😊 #matangiupadhyay #लव #Love #thought #Life #hindi
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read moreBharat Bhushan pathak
Unsplash नाथ अनाथ सनाथहि हो जब माता पिता अरु संगन भ्राता। क्लेश नहीं जब द्वेष नहीं तब दृश्य अतीव मनोरम छाता।। ©Bharat Bhushan pathak #छंद #छंदज्ञान #प्रयत्न#प्रयत्न_करते_रहो hindi poetry on life poetry hindi poetry poetry lovers#मत्तगयंदसवैयाछंदप्रयास
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