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Parasram Arora
स्वाधीनता की स्वर्ण जयंती आई और गई भी परन्तु स्वर्ण की झलक कहीं दिखाई नही दी यध्यपि भोर की स्वर्णीम किरणे लाल किले की प्राचिर से तिरंगे के साथ फड़फड़ा कर आभास दे रही थीं एक स्वर्णीम सुबह का l ©Parasram Arora स्वर्णिम......
शीतल चौधरी(मेरे शब्द संकलन )
जय मध्यप्रदेश जय भारत जय भारती ©Sheetal Choudhary #मध्यप्रदेश
हरीश चौहान
कर्क जिसकी रीढ़ बनी । नर्मदा जीवन-रेखा । शिप्रा की पावनता जंहा। ऐसी सुंदरता और कंहा ? है कालिदास महान यंहा । कवि प्रदीप की कल्पना जंहा । लता के सुर घुल रहे । व्याकुल ताल से मिल रहे । ऐसी महानता और कंहा ? संगमरमर की छाती चिरकर बह रही रेवा कल-कल गा रही प्यारी बुलबुल ऐसी मधुरता और कंहा ? वन्दन करते है । इस धरा को ह्रदयप्रदेश है ,जंहा । मध्यप्रदेश है , जंहा । मध्यप्रदेश स्थापना दिवस मध्यप्रदेश
पूर्वार्थ
ए प्यारे मध्यप्रदेश गर्वित हैं हम जन्म ये लेकर धर्म धुरन्धर देश में, सबको सम्भव साथ में लेकर चलते मध्यप्रदेश में ! सब धर्मों का यहाँ समागम हर एक मजहब ज़िंदा है, निर्मल नीड़ हृदय में लेकर जीता हर बाशिंदा है ! रानी अहिल्या और अवंतिका के आगे नतमस्तक होते हैं, विक्रमादित और छत्रसाल से वीर सुशोभित होते हैं! पंचमढ़ी की छटा निराली हरित गीत यह गाती है, सोया है भरपूर उपजती यह पावन सी माटी है ! महाकाल से चित्रकूट तक धर्म पताका फहरी है, सलकनपुर से मैहर तक माँ की आशीषें गहरी हैं ! क्षिप्रा बेतवा नर्मदा कुँवारी हमको पोषित करती हैं, सिंध पार्वती और चम्बल सिंचित करती धरती हैं ! ताजुल मस्जिद सबसे बड़ी देश में कहलाती है, विश्व धरो साँची, खजुराहो संग एम पी में पायी जाति है ! आज़ादी के मतवाले चंद्रशेखर तात्या टोपे इस धरती से आये हैं वीर शिरोमणि छत्रसाल औ आला ऊदल के क़िस्से खूब कहाये हैं आज़ाद कहलाना हरइक मध्यप्रदेशी के मन को भाता है, चंद्रशेखर आज़ाद के जीवन से यह प्रेरित हो जाता है ! शिरोमणि हरेक क्षेत्र के मध्यप्रदेश से आते हैं , कंठ कोकिला लता, सलमान, रघुराजन संग द्रविड़ भी मान बढ़ाते हैं ! मध्यप्रदेश की यह धरती बॉलीवुड को समृद्धि देती है फ़िल्में जया, आशु, अनु, रघुवीर यही से लेती है ! कहानी हो या नगमा कोई बिन जावेद अधूरा है , सिने इतिहास कहाँ जॉनी वाकर, अशोक किशोर बिन पूरा है ! दूर विदेशों में रहकर भी कैसे देश भक्ति कर पाते हैं भोपाली बरकतुल्ला यह हमको सिखला जाते हैं ! अटल अम्बेडकर जैसी शख़्सियत क्या दूजी पायी जाती हैं , शंकरदयाल से राष्ट्रपति की ख़ुशबू इस मिट्टी से आती है ! हे भारत माता के दिल तुमको हम जान से चाहेंगे , मध्यप्रदेश हम तेरी शान में मिट्टी में मिल जाएँगे !! ©पूर्वार्थ #मध्यप्रदेश
DR. LAVKESH GANDHI
मोदी जी से विनम्र अपील : देश के स्वर्णिम इतिहास रचने के लिए आपको आगामी 4 वर्ष में 40 वर्षों के काम करने होंगे. उसके बाद देश निर्णय करेगा कि सत्ता या सन्यास...? # स्वर्णिम इतिहास#