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Bhumi Dev Verma
हमने भी एक कहानी देखी है बचपन को बदलने की रवानी देखी है वह बचपन ही क्या था हर मुस्कान पर कायल हो जाते थे लोग उस तोतली बोली से घायल हो जाते थे तो निस्वार्थ भाव से हंस देनी की कहानी देखी है बचपन को बदलते जवानी देखी बचपन की बदलने की कहानी
बचपन की बदलने की कहानी
read more"Kumar शायर"
सवेरा होने से पहले अँधेरा घना हो जाता है, बरसने से पहले बादलो का रंग बदल जाता है, औकात कुछ भी नही मिट्टी से बने इंसा की, फिर भी ना जाने क्यों खोटे सिक्के की तरहा इतना खंखनाता है, खुद को खुदा समझ लेता है, कुछ अशर्फियों की मियाद पर, बेच बाजार में ईमान अपना और सब पर रुआब जमाता है, तेरा मेरा करते करते सब कुछ छोड़ दुनिया से एक दिन ख़ुद ही चला जाता है, पैसों के संग कमा लेता है गुर्ब्त, सुख चैन और चैन सुख के चक्कर में हर पल अपना धोखे बाजी और बेईमानी में गवाता है.✍️✍️✍️ ✍️ Written:- By Umesh kumar #रंग बदलने की रंगत
#रंग बदलने की रंगत
read moreSikandar Chauhan
एक फकीर ने कुत्ते से कहा कि तु वफादार तो बहुत है,मगर तीन काम बहुत गलत करता है,। तु जमीन पर पेशाब बहुत करता है। भिखारी को देखकर तु बहुत भौंकता है और रात को भौंक- भौंक कर निद नहीं आने देता हैं। कुत्ते ने कहा भिखारी को देखकर भौंकता इस लिए हुँक्योंकि वह भगवान को छोड़कर इंसानों से मांगता है, और मैं जमीन पर पेशाब इस लिए नहीं करता हूं क्योंकि वंहा रबके बन्दे ने बैठकर रब का सजदा किया होगा। और रात को इसलिए भौंकता हूं क्योंकि इंसान तू गुनाह करके गफलत की नींद सोया हुआ है । जरा उठकर उस भगवान को भी याद करले जिसनें तुझे इतना सबकुछ दिया है। कहानी सोच बदलने की
कहानी सोच बदलने की
read moreAkshta
ख़्वाहिश चली थी एक पगली बदलने अपनी किस्मत, एक लफ़्ज़ भी बदल ना पायी, चली थी उड़ने लेकर कुछ ख्वाब ,अपने पंख भी पुरे खोल ना पायी ख्वाहिश किस्मत बदलने की
ख्वाहिश किस्मत बदलने की #विचार
read moreANIL CHAURASIYA
लड़ाई है अब खुद से खुद को बदलने की....../ khud# ko बदलने की
khud# ko बदलने की
read moreLata Sharma सखी
खाली हाथ और एक बेकार कोशिश हवा को पकड़ने की, धुआं धुआं हुए हम क्योंकि कोशिश रेत को जकड़ने की। दिल उलझा ही नहीं उनका हम उलझकर भी छूट गए, एक और नाकाम कोशिश तेरी दिल मोह में उलझने की। रुआं रुआं हवा में तैरती रही राख ख्वाहिशों की मेरी, नाजुक हाथों से की कोशिश अपनी किस्मत बदलने की। जिस्म क्या रूह भी कर्जदार है चंद प्यार के पलों की, पता था फंसे हैं तो भी कोशिश बेकार की निकलने की। ©सखी #नाकाम #कोशिश #किस्मत #बदलने की