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Drjagriti
"क्षमा प्रार्थी" भी वही होगा जो वास्तविकता मैं "प्रायश्चित" कर रहा है अन्यथा "पाखंड" की तो विभिन्न "लीलाएं" हैं ©Drjagriti # प्रायश्चित
Sabir Khan
पछतावा का सही अर्थ प्रायश्चित है, प्रायश्चित के पश्चात मनुष्य नवजात हो जाता है। नवजात अर्थात् हर दोष से पवित्र,,, प्रायश्चित
Pratibha Chaudhry (PC)
हम किसी अच्छे इंसान जितना अपमान करते है उतना ही उस नजर में जलील और उसकी जिंदगी से दूर भी होते जाते है और एक समय के बाद कड़वी यादों के सिवा कुछ पास नही होता और प्रायश्चित करने के लिए ना वो इंसान जिसका अपमान हर पल हुआ होता है ©Pratibha Chaudhry (PC) प्रायश्चित
Shravan Goud
आपको कामयाब होना है तो मंजिल के अलावा किसी पर भी ध्यान मत दो। फ़ालतू चीजों के लिए समय बिताना प्रायश्चित का कारण बनता है। प्रायश्चित का कारण नहीं बनना चाहिए।
Vinod Umratkar
ज्या चुकीला माफी नसते तो गुन्हा असावा कदाचित। देऊन टाका शिक्षा गंभीर तयार मी कराया प्रायश्चित। #yqtaai #yqmarathi #चूक #गुन्हा #शिक्षा #प्रायश्चित Komal charpe
Sachin Ratnaparkhe
नज़्म "दर्द से मोहब्बत" मुहब्बत कर ली दर्द से मैने अब क्यों इसे दरकिनार करू? तन्हाई की आदत सी है फिर भी क्यों तुमसे ऐतबार करूं? इश्क़ दिखाना या फिर जताना यह मेरा कोई काम नहीं, फिर भी करता हूं तुमसे मोहब्बत मगर कैसे इज़हार करूँ? लाख खताएँ हुई है मुझसे फिर ये कोई बड़ी बात नहीं, जब प्रायश्चित करता ही नहीं हूं फिर क्यों मै इस बार करूँ? इस अनुरागी मन का क्या कोई चारासाजी नहीं, अगर नहीं है तो क्यों अपनी मेहनतें बेकार करूँ? अब जी ही लेता हूं मै तुम बिन कोई और चारा नहीं, इतनी कश्मकश से भरी ज़िन्दगी से कैसे इंकार करूँ? राह-ए-मोहब्बत-ए-राही में काँटो की भरमार बड़ी, मगर ख्वाहिश-ए-सितमगर ही है कि मै पूरा इसे पार करूँ। दर्द से मोहब्बत #दरकिनार #प्रायश्चित #अनुरागी_मन #चारसाजी #कश्मकश #राह_ए_मोहब्बत_ए_राही #भरमार #ख्वाहिश_ए_सितमगर
Nishh.
Tere hizr ki fikar me khasaara apna kar liya. Haal-e-gham me bhi khush rah kar kaffara ada kar liya. 1.Khasaara-lost-नुकसान 2.Kaffara-Atonement-प्रायश्चित #Nojoto#Dilkibaat#NishhShayari
Sangeeta Patidar
'विस्मृति का प्रायश्चित' आख़िरी ख़्वाहिश में भी हाथ आएगा इंतज़ार ही, झूठ से रूठने के बाद भी दिल करेगा ऐतबार ही। कितनी उम्दा और मखमली सी होती तसल्लियाँ, फिर मिलने के बाद बेक़रारी से करेगा इज़्हार ही। आराम कहाँ से आए जब आता भी नहीं है ख़याल, नाराज़ होकर भूलने से, ग़ुरूर बोलेगा इन्कार ही। साथ निभाने का वादा भुलाते हैं मजबूरी के नाम, बेफ़िक्री में नज़रअंदाज़ी से झूठ होगा इक़रार ही। बे-ख़याली के गुनाह का कैसे करें प्रायश्चित 'धुन', यूँ नज़रों में रहने के लिये फिर समझेगा प्यार ही। Rest Zone 'विस्मृति का प्रायश्चित' #restzone #rztask55 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #प्रायश्चित्त #forget