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Paramjeet kaur Mehra
तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी ने गीता की यथार्थता बताई है और यह भी सिद्ध किया कि अन्य सभी धर्मगुरुओं ने गीता जी के श्लोकों का अनर्थ किया
Akash Das
#नवरात्रि2019 #KabirIsGodदुर्गा का वास्तविक साधना का मंत्र सिर्फ तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी के ही पास है। विश्व में अन्य किसी गुरु के
Akash Das
#DurgaNavami दुर्गा का वास्तविक साधना का मंत्र सिर्फ तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी के ही पास है। विश्व में अन्य किसी गुरु के पास मोक्ष मा
Paramjeet kaur Mehra
दुर्गा का वास्तविक साधना का मंत्र सिर्फ तत्वदर्शी संत रामपालजी महाराज जी के ही पास है। विश्व में अन्य किसी गुरु के पास मोक्ष मार्ग, वास्तविक
Sameer Das
#Most_Shocking_Prophecies नास्त्रेदमस ने कहा था स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 1951 में भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश्व को नए ज्ञान स
Akash Das
#धरतीपरअवतार_संतरामपालजी #Sa_news_channel नास्त्रेदमस ने कहा था स्वतंत्रता के चार वर्ष बाद 1951 में भारत में एक महान संत का जन्म होगा जो विश
Simran kaur
#GodMorning_DowryGreedy संत रामपालजी महाराज जी द्वारा पूरे विश्व में दहेज रहित,नशा मुक्त कुरीति मुक्त समाज का निर्माण हो रहा है,भारत में ही
Paramjeet kaur Mehra
पवित्र गीता जी को बोलने वाला काल (ब्रह्म-ज्योति निरंजन) है, न कि श्री कृष्ण जी। क्योंकि श्री कृष्ण जी ने पहले कभी नहीं कहा कि मैं काल हूँ तथ
Vikas Dhaundiyal
तू संत है जो अभी तेरा ईमान नहीं हिला यहाँ शरीफ वही है जिसे अभी मौका नहीं मिला संत
Biikrmjet Sing
1. कोई आवै सन्तो हर का जन संतो मेरा प्रीतम जन सन्तो मोहे मार्ग दिखलावै।। 2. कोई आन मिलावै मेरा प्रीतम पिआरा हउ तीस पै आप वेचाई दरसन हर देखन कै ताई।। 3. गुरमुख ढूँढ ढूढेंदेआ हर सज्जन लद्धा राम राजे।। 4. भभा भाले से फल पावहि गुर प्रसादी जिन को भओ पइया।। 5. सहो देखे बिन प्रीत न उपजे।। अर्थ:- कोई ऐसे प्रभु के जन सन्त आवें जो सच्चे हर के जन संत हो मुझे परमेश्वर से मिलने की विधि यानी नाम कैसे ध्याना है! बता दें, मेरे प्रीतम के जन, संत जन मुझे मार्ग दिखावे।। 2. कोई प्रभु से जुड़ी हुई रूह मन मुझे मेरा प्रीतम प्यारा प्रभु मिला दे! जो ऐसा कर सके मै उसके ऊपर सभ कुछ यानी खुद को भी कुर्बान कर दूंगी!(ऐसा जीव इस्त्री मन विनती करता है प्रभु के आगे) परमात्मा निराकार के दर्शन देखने के लिए।।3. जब मै मन ने जगत में ऐसे गुरमुखो-सज्जनो-सन्तों को ढूंढा तो मुझे वह सज्जन मिल गए।। 4. भ अक्षर से उपदेश है कि जो परमात्मा के संत जनो को जगत में धुंढ़ता है उसे ही फल स्वरूप गुरमुख मिलते है और उन्हें ही वह मन का प्रसाद, गुर यानी विधि मिलती है और उन मनो में प्रभु मिलन के भाव उपजते हैं।।5. परमात्मा को इन नेत्रों से देखे बिना प्रीत नहीं उपजती।। ©Biikrmjet Sing #संत