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Prem Narayan Shrivastava
शायद आप मेरी जुबां पे ऐतबार करते हो मगर अफसोस ये की मेरी जुबां के इशारे से दूर रहते हो मालूम नहीं आपको रुकती नहीं छांव कभी फिर भी आप तो परछाइयों को हकीक़त समझ लेते हो मेरे दिल की दास्तां सुन कर भी आपका दिल नहीं मचलता और दर्द जानकर भी मुझसे दूर रहते हो जब तलक आप इस शहर में थे मशहूर तो मै भी बहुत रहा मगर अब आप पहचानने से इंकार करते हो जब कभी हम मिलते हैं दिल से दुआ देते हैं और यकीनन आप भी दुआ का असर महसूस करते हो 🙏🙏मेरी इक और नई ग़ज़ल अफसाना ए ज़िन्दगी🙏🙏 ©Prem Narayan Shrivastava मेरे द्वारा स्वरचित इक नई ग़ज़ल अफसाना ए ज़िन्दगी
मेरे द्वारा स्वरचित इक नई ग़ज़ल अफसाना ए ज़िन्दगी #शायरी
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अपनी दास्तां ए हसरत हमें सुना के आप जी भर के मुस्कराए हमें आजमाने वाले आजमा के बेचैन हो गए मतलब तुम्हारे मुआमलात का किस्सा कुछ और है कब हमसे नजर बचा के गुजर गए सोच के हैरान हो गए अपनी नजर में बेगाना हमें बना कर गैरों से दिल भी लगा लिया तसव्वुर में तुझे याद कर के मकाम खो गए तमन्ना ए सफर का हाल अब मुझसे न पूछिए कल की उम्मीद में बसर कभी न होगा सोच के बेचैन हो गए गर लुफ्त फरमा सको तो आओ मेरे करीब अपना वजूद खो चुका हूं अंज़ाम ए वफा सोच के चैन खो गए जब दिल ने पा लिया है खैर ओ शर का मकाम सिर्फ तुम्हारे झूठ बोलने की अदा आजमा के बेचैन हो गए 🐯मेरी इक नई ग़ज़ल दास्तां ए हसरत🐯 ©Prem Narayan Shrivastava मेरे द्वारा रचित इक और ग़ज़ल दास्तां ए हसरत #yogaday
Royal Sadik Mehar77
या मौला... हाल ऐ दिल की बेचैनी को करार में तब्दील कर, बंजर होते इन जज्बाती दरख़्तों पर रहमत की कुछ बरसात कर, हम तो तेरे ही फ़क़ीर हैं मौला... हमारी मुश्किलों को कम कर...अपने रहम की कुछ इनायत कर....... ... मेरी कलम... ®$@d!k. m€h@r........77 ©Royal Sadik Mehar77 मदद...या अली...या मेरे परवरदिगार...77 #RAMADAAN
मदद...या अली...या मेरे परवरदिगार...77 #RAMADAAN
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मैं तुमसे अर्ज़ अब कुछ न कर सकूंगा अपने दिल को ही सजा देकर तुमको भुला दूंगा यूं तो हर रोज जहर मैं पी रहा हूं मगर अब तुम्हें भुलाने खातिर गम को सजा लूंगा हमारा हाल ए गम सुन कर मुंह मोड़ लेते हो मैं तुम्हारे सामने अपनी हसरत मिटा दूंगा कुरबतों से कब तक दिल बहलाता रहूंगा दिल तोड़ने वाले खुद को खाक में मिला दूंगा न जाने कैसे तुम्हें मेरा पता याद आया राज ए गम छुपा कर सोचा अब दिल जला लूंगा सोचता हूं जब कभी तुमसे रस्म आे राह हो जाए मैं सारे शिकवे भुला कर दिल लगा लूंगा मेरी स्वरचित इक नई ग़ज़ल पैमाना ए हसरत ©Prem Narayan Shrivastava पैमाना ए हसरत मेरे द्वारा स्वरचित इक खूबसूरत ग़ज़ल आप सभी के लिए।। #Saffron
Prem Narayan Shrivastava
तुम जब भी हमें हुक्म दोगे दूर जाएंगे अपना किस्सा ए गम तुझ को नहीं किसी और को सुना जाएंगे जब भी होगा तेरे नाम से वहशत सब्र कर जायेंगे तौफीक ए इज़्तिराब खातिर तुझको भुला जाएंगे बात किस्मत की थी दिल ए बेताब तुझे खुशी मिली हमें गम मिला ये सोच कर दिल को बता जाएंगे शायद हाल ए गम सुन कर तसल्ली हुआ होगा कभी सोचा अंज़ाम क्या होगा जब सब को सुना जाएंगे खुदा नसीब करे उसे हर खुशी मिले जिसे तेरी सोहबतें मिले हमारा क्या हम अपने दर्द में समा जाएंगे अपना दर्द भी अब सुनाऊं जिगर और दिल बचाना है नजर तुमसे मिला है फिर भी दर्द छुपा जाएंगे 🐯मेरी इक और ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल🐯 ©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल किस्सा ए बेताब ए दिल #fullmoon
Saani
"सानी"अब मोहताज़ नहीं फक़त पांच वक्त के नमाज़ों का। जब भी ख़्याल आता है, सर झुक जाता है,परवरदिगार में।। (Saani) ख़्याल परवरदिगार। #Shayari
ख़्याल परवरदिगार। #Shayari
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