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Rajesh Arora
........... ©Rajesh Arora जैसी करनी वैसी भरनी #nojoto #nojotohindi #nojoenglish #nojohindi #शायरी #poem #motivate
Aditya kumar prasad
gffxhiomkjggdtghdsryjh ©Aditya kumar prasad भरनी पड़ती है उड़ान और तिनका तिनका उठाना पड़ता है #like #repost #gift #Nozoto SHWETA DAYAL SRIVASTAVA Lalit Saxena Anshu writer Sethi Ji Da
#काव्यार्पण
मेरे दिल को फिर से तुम नया आघात दे देना पुराने प्रेम गीतों को नया आगाज दे देना ये दुनिया गर जो ठुकरा दे कभी मायूस मत होना तुम्हारे ही लिए जिंदा हूँ बस आवाज दे देना विरह की वेदना में तन-बदन झुलसा हुआ होगा कोई काग फिर मुंडेर पर बैठा हुआ होगा हृदय में बैठा सन्नाटा अचानक चीख उठेगा कोई प्रेमी युगल यदि राह से जाता हुआ होगा। कठिन है राह पनघट की मगर ये तय तो करनी है तुम्हारी अंजुली में प्रेम की सौगात भरनी है तुम्हारी छत पे पिघली हो रजत की चाँदनी हरदम इसी कारण मुझे अंगारों वाली राह चुननी है। बरसता भीगता सावन बड़ा ही याद आएगा वो करवा चौथ का चंदा तुम्हारा अक्श लाएगा तेरी यादों को जेवर की तरह सम्भाल रखा है वो किस्मत का धनी होगा जो तेरा साथ पाएगा। कवयित्री- प्रज्ञा शुक्ला 'सीतापुर ©काव्यार्पण मेरे दिल को फिर से तुम नया आघात दे देना - पुराने प्रेम गीतों को नया आगाज दे देना ये दुनिया गर जो ठुकरा दे कभी मायूस मत होना तुम्हारे ह
Naveen
उम्मीदों की बाते मुझे... सपनो के सिप से करनी है ! हासिल कर मोती.... चैन की साँस भी भरनी है !! ©Naveen Diariess उम्मीदों की बाते मुझे सपनो के सिप से करनी है हासिल कर मोती चैन की साँस भी भरनी है #quotecontest #NaveenChauhan
Rajani Rai
Dharampal Shokinda
Shriddhanjali Sharma
Pinki Khandelwal
बालविवाह....एक घोर अपराध। उम्र नाजुक बोझ इतना..क्यों दे दिया इन कंधों पर, खेलकूद की उम्र में बांध दी जिम्मेदारी की बेड़ी, है बालविवाह कानूनी अपराध जानते हो न सभी, फिर क्यों मासूम बचपन की यादों को मिटाते हो, क्यों बच्चों को इन जंजीरों की बेड़ियों में बांधते हो, बच्चे तो देश का भविष्य है उनको उड़ने दो आसमां में, मत बांधो शादी के बंधन में यह नाजुक कलियां है खिलने दो क्या जानती यह रिश्ते नाते अभी इनसे अनजान हैं, सीखने दो पहले रिश्तों को कैसे हैं निभाना, कैसे होता एक स्त्री को परिवार है संभालना, मत छीनो उनसे उनकी खुशियां मत छीनो उनका आसमां, रोक दो इसे यह उन बच्चियों के सपनों की बाधा है, बंद करो यह प्रथा यह तो घोर अपराध है, कब तक और कितनी बेटियों की मासुमी छीनोगे?, अब बस करो उनको अपनी पहचान बनाने दो, सपनों को पूरा कर आसमां में पंख फैलाने दो। ©Pinki Khandelwal मत छीनो मुझसे मेरा बचपन...मुझे तो अभी उड़ान भरनी है आसमां में..।