Nojoto: Largest Storytelling Platform

New मन समर्पित तन समर्पित कविता का अर्थ Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about मन समर्पित तन समर्पित कविता का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मन समर्पित तन समर्पित कविता का अर्थ.

Stories related to मन समर्पित तन समर्पित कविता का अर्थ

    LatestPopularVideo

Praveen Jain "पल्लव"

#Yoga ताजगी तन मन की हो भुजाओ में बल भर लो #nojotohindi #कविता

read more

BANDHETIYA OFFICIAL

#मन का राजा मैं। #विचार

read more

Mohan Sardarshahari

# मन का मैला #शायरी

read more

दिनेश

#dawnn मन का तूफान #कविता

read more

Mahadev Son

आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेग #Life

read more
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी
जन्म "मन" का, मरण " तन" का हुआ

सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका 
सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी

त्याग देगा भर जायेगा "मन", इस तन से 
"मन" चंचल पर अज़र बस निर्भर कर्मों पर 

कर्म होंगें जैसे "मन" जन्म का "तन" पायेगा वैसे 
जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू 

हिसाब किताब सब यहाँ होता पैसों से 
वैसे मन का होता वहाँ सब कर्मों से 

पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से चंचल
"मन" को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न

कभी इस "तन" को ...!

©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी
जन्म मन का, मरण तन का हुआ

सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका 
सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी

त्याग देगा भर जायेग

Mahadev Son

आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी त्याग देगा तन भर #Life

read more
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी
जन्म मन का, मरण तन का हुआ

सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका 
सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी

त्याग देगा तन भर जायेगा मन, इस तन से 
मन चंचल पर अज़र है बस निर्भर है कर्मों पर 

कर्म होंगें जैसे मन जन्म भी तन का पायेगा वैसे 
जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू 

हिसाब किताब यहाँ पैसों से होता जैसे 
वहाँ कर्मों से गणित मन का होता 

पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से
मन को भी न मालूम होता.....

वर्ना छोड़ता न कभी इस तेरे तन को...

©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी
जन्म मन का, मरण तन का हुआ

सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका 
सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी

त्याग देगा तन भर

Mahadev Son

आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग द #Bhakti

read more
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी
जन्म मन का, मरण तन का हुआ

यही जीवन चक्र सृजन हुआ
जिसका नष्ट भी होना तय उसका
सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी

त्याग देगा, भर जायेगा, मन इस तन से 
मन तो अज़र है बस कर्मों पे निर्भर है 

कर्म अच्छे होंगें जितने तन पायेगा वैसा
जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू 

गणित यहाँ माया का वहाँ कर्मों का
हिसाब किताब जैसा वैसा तन

पायेगा भोगेगा क्या फिर से मन को भी न
मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस तन को

©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी
जन्म मन का, मरण तन का हुआ

यही जीवन चक्र सृजन हुआ
जिसका नष्ट भी होना तय उसका
सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी

त्याग द

Sachin Upadhyay

तन मिलाए बिन जो तुमने #Poetry #kavita #कविता #शायरी Shayari

read more

Praveen Jain "पल्लव"

#boatclub तन मन सब पागलपन बढ़ा रहा है #nojotohindi #कविता

read more

HARSH369

मन की व्यथा..!! कविता मन की

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile