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Brijesh Kumar (बीटीसी वाले)
पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है मेरे प्यार का रंग तुम्हारे मेहंदी से भी गहरा है हम तो आप से दिन रात vidioकाल पर बात करते लेकिन मेरे फोन के पीछे मेरे बाप का पहरा है ****************** ✍️✍️✍️✍️✍️✍️ *BRIJESH KUMAR GHAZIPUR* मेरे फोन के पीछे मेरे बाप का पहरा है
Anjali Dwivedi
लोग मेरे मुँह के आगे अलग चेहरा रखते है और मेरी पीठ पीछे अलग रखते हैं। मेरे सामने तो मिठाईयों से भी मीठी जुबान रखते हैं। और पीछे से अपने दिल में मेरे लिए ना जाने कौन-कौन से गुबार लिए फिरते हैं। देखो तो कितने ही समझदार है वो लोग, जो समझते हैं कि हम कुछ नहीं समझते। — % & मेरे पीठ पीछे मेरे ही कुछ अपने लोग।😅 #yqhindi #life #people #fakepeople #philosophy #philosophyoflife #hindipoetry #myquote
writer Avanish Srivastav
बहुत से लोग खड़े मिले जनाजे के पीछे मेरे , लेकिन जब जिन्दा थे तब साथ किसी ने ना दिया लेखक अवनीश श्रीवास्तव बहुत से लोग खड़े मिले जनाजे के पीछे मेरे , लेकिन जब जिन्दा थे तब साथ किसी ने ना दिया लेखक अवनीश श्रीवास्तव
Arun
हर कामयाब इंसान के पीछे उसके माता पिता का हाथ होता लेकिन मेरी कामयाबी के पीछे मेरे पिता का हाथ है. ©Arun हर कामयाब इंसान के पीछे उसके माता पिता का हाथ होता लेकिन मेरी कामयाबी के पीछे मेरे पिता का हाथ है. #CalmingNature #quoteoftheday #father #
Krish Vj
अनपढ़ बन कर रहों ज़िन्दगी को समझने की ज़रूरत नहीं एक अद्भुत पहेली है ज़िन्दगी, उलझने की कोशिश करो नहीं जिस दिन जिंदगी को समझ जाओगे उस जिंदगी जीने लग जाओगे, लोग मेरी तरह बनना चाहते है पर इसके पीछे मेरे बहुत से अनुभव है़ #gargi_gupta #gargi_ki
Sahil Bhardwaj
जब भी देखा ख़ुद को अकेले ही देखा हाँ, पीछे मेरे कोई काफ़िला नहीं है ज़रा सी ठेस दिल को लगी नहीं की सैलाब बह निकला पर हुआ तो इक छाला तक नहीं है जब भी देखा ख़ुद को अकेले ही देखा हाँ, पीछे मेरे कोई काफ़िला नहीं है ज़रा सी ठेस दिल को लगी नहीं की सैलाब बह निकला पर हुआ तो इक छाला तक
गौरव दीक्षित(लव)
दिलो ?से खेलना ?मुझे ?भी आता है ?दोस्त ??लेकिन, जिस खेल ?में खिलौना टूट ?जाए, मुझे वो खेल ?पसंद नही दुश्मन ?मेरी लिखी? हुई तकदीर #से ?जल
मौसम मिश्रा
मैं संभाल सकती हूँ तेरे पौरूष को, तुम मेरा स्त्रीधन स्वीकार करोगे क्या...? दसों दिशाओं को लगा दूँगी तेरे पीछे मेरे गुरुड़ पे तुम अहंकार करोगे क्या..? यूँ तो कोई नई बात नही तेरे ज़िन्दगी में खुशियों का पर मेरे सफलता में तुम झंकार भरोगे क्या..? भरोशा नही तोडूंगी ये वचन हैं मेरा कोई जो कान भरे तेरी, उसे शर्मशार करोगे क्या..? ©मौसम मिश्रा #umeedein मैं संभाल सकती हूँ तेरे पौरूष को, तुम मेरा स्त्रीधन स्वीकार करोगे क्या...? दसों दिशाओं को लगा दूँगी तेरे पीछे मेरे गुरुड़ पे तुम
ASHKAR Shahi
मेरी जिंदगी का सफ़र कुछ यूं बिता था, माज़ी मेरा साजिशों से घिरा था, मेरी हर नाकामयाबी के पीछे मेरे अपनों का ही हाथ था, मुस्तकबिल मैंने मेरा कुछ ऐसे बदला था, हमदर्द हमसफ़र हर एक को परखा था, बैठकर कब्र पर मैं अपनी दास्तां सुना रहा था सुनकर दर्द-ए-दांस्ता मेरी पूरा कब्रिस्तान रो पढ़ा था। मेरी जिंदगी का सफ़र कुछ यूं बिता था, माज़ी मेरा साजिशों से घिरा था, मेरी हर नाकामयाबी के पीछे मेरे अपनों का ही हाथ था, मुस्तकबिल मैंने म
Poonam Suyal
अगर मैं अदृश्य हो जाता (अनुशीर्षक में पढ़ें) अगर मैं अदृश्य हो जाता अगर मैं अदृश्य हो जाता कितना ही मजा आता पहुँच जाता मैं वहाँ जहाँ मेरा जी चाहता क्या बोलते हैं सब मेरे पीठ पीछे