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TAHIR CHAUHAN
नुक्कड़ का ये ठेला देख कर। मन मेरा हर्षाता था। गोलगप्पे और टिक्की समोसे। खाने इन पर जाता था। होते थे सारे दोस्त इक्कठे। जो भी मेरे अलबेले है। ये नुक्कड़ के नहीं है। मेरी यादों के ये ठेले है। ताहिर।।। #ठेला#यादों के ठेले
Parasram Arora
कबाड़ी का कबाड से भरा थैला विश्व क़े आठवे आश्चर्य से कम नहीं है क्योंक़ि उस ठेले पर पुरातन परम्परागत तिथिबाह्य एंटीक चीज़ो की भरमार दिख रही है चार सौ साल पहले खेली गई वो गेंद जो अकबर बीरबल क़े हाथों खेली गई थीं और दोसो साल पहले की छपी हुई अखबारे भी उस थैले मे देखी जा सकती थी जो उस ज़माने क़े इतिहास का दर्शाअवलोकन करा सकती है इसके अलावा उसमे कुछ ऐसी तस्वीरे भी थी जो देवराज इंद्र क़े दरबार की हो सकती है मसलन मेनका रम्भा और मोनोलीसा जो कबाड़ी क़े ठेले क़े बिचौ. बीच मुस्कराती. हुई झाँक.. रही है ©Parasram Arora कबाड़ी का ठेला.......
Vidhi
चाहे सड़क के बायीं तरफ अपने कंधों पे बस्ता लटकाये अपनी माँ के इंतजार में खड़ी एक लड़की ललचाई आँखों से सामने वाले ठेले की तरफ देखती या फ़िर दायीं तरफ वो ठेला सँभालने वाली लड़की आँखें फाड़ फाड़ कर उस बस्ते वाली लड़की की ओर देखती, दोनों ही सूरतों में बात कुछ अलग कुछ एक सी होतीं। दोनों ही अपना मन मसोस कर रह जातीं। "डॉक्टर ने मना किया है ना तुझे, फ़िर भी जब देखो तब बस बर्फ़ के गोले खाने की ज़िद! जानती है ना, हाईजीनिक नहीं होता ये सब।" "जानती है ना तेरी माँ इतना नहीं कमाती। उस पर से बैठ कर खाने मुँह हज़ार। लेकिन जब देखो तब वही एक रट! इस्कूल इस्कूल इस्कूल..." #YQdidi #कहानी #बर्फगोला #बर्फ़गोला #स्कूल #बस्ता #ठेला
lokesh Kumar
jata hu bajar खता हूं केला लोग बोलते है ठेला
poetry by heart
LoVe YoU #
damm
सड़क पर तुम्हें सिर्फ मजदूर का ठेला दिखता है साहेब , असल में तो वो, अपने पुरे घर की मजबूरियाँ खींचता है ! ©Naveen Chauhan सड़क पर तुम्हें सिर्फ मजदूर का ठेला दिखता है साहेब , असल में तो वो, अपने पुरे घर की मजबूरियाँ खींचता है !
Deepak Dhindoli
#MessageOfTheDay हाड़ कंपाने वाली सर्दी और सफ़र पर में अकेला था सड़क किनारे दूर शहर से चाय का एक ठेला था रात बहुत हो चुकी थी ठेले पर वो भी अकेला था बैठ साथ हमने पी चाय बातों का लगा मेला था रात भर सुनाते रहे एक दूजे को जिंदगी में जो झमेला था सुबह हुई और मैं फिर चल पड़ा यही समय का खेला था।। ©Deepak #Messageoftheday #चाय का #ठेला #रात #अकेला #बातों का #मेला #Deepak_Dhindoli #Nojoto Rajeev Gupta Komal kasyap saloni Bhatia dhyan mira Su
Mamta Singh
राेटी-चावल का झंझट कम था जाे fsat-food भी बनवाने लगे है क्या कहूँ याराें कि अब ताे ख्वाबाें, में भी चूल्हा-चक्की आने लगे है लाँक डाउन खत्म हाे ने ताे दाे पानी पूरी का ठेला लगाउंगी तेरे काँलेज के सामने तुने बनायी दाे चार सखियां ,मैं दर्जन भर सखा बनाउंगी तेरे काँलेज