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Parul Sharma
सुनो न........ध्वनि साँसों की, धड़कनों की, खामोशी की, तन्हाई की,टूटे ख्वाब की, खलिस की कुछ कहती हैं तुमसे। तेरा ही नाम लेती है,तेरे कारण चलती है। तुम साथ हो या नहीं। पर ये ध्वनियाँ सदा रहती है। पास मेरे,साथ मेरे। पारुल शर्मा #NojotoQuote सुनो न........ध्वनि साँसों की, धड़कनों की, खामोशी की, तन्हाई की,टूटे ख्वाब की, खलिस की कुछ कहती हैं तुमसे। तेरा ही नाम लेती है,तेरे कारण चल
Abhishek 'रैबारि' Gairola
यदा-कदा कुछ ध्वनियाँ सुनाई देती है मुझे क्या किसी ने पीछे से कान में कुछ फुसफुसाया है या ये केवल मेरे दिमाग में कौंधती चीखें हैं? Occasionally I hear some voices, Has someone whispered something in my ear from behind Or are they just coruscating screams inside my head? ©Abhishek 'रैबारि' Gairola यदा-कदा कुछ ध्वनियाँ सुनाई देती है मुझे क्या किसी ने पीछे से कान में कुछ फुसफुसाया है या ये केवल मेरे दिमाग में कौंधती चीखें हैं? Occasio
सुसि ग़ाफ़िल
रात के पहर में अंतरिम घड़ी में आवाज सुनने की बेताबी कानों में सुनो सुनो सुनो ! वो नशीली आवाज रात के पहर में तेरे आने वाले शहर में एक अजनबी के साए की आहट आहट ऐसी की मन में आए घबराहट कानों में गूंजती हुई ध्वनियाँ कहानी में आती हुई अजनबियां सब पहला एहसास था लगभग जग में खास था | रात के पहर में अंतरिम घड़ी में आवाज सुनने की बेताबी कानों में सुनो सुनो सुनो ! वो नशीली आवाज रात के पहर में तेरे आने वाले शहर में
Brijendra Dubey 'Bawra,
तेरे रंग में हम रंग जायें शुभ रात्रि मित्रों.… आप सभी मित्रों का अपने इस पूर्णतया नये संयोग-गीत के साथ स्वागत करता हूँ..
Brijendra Dubey 'Bawra,
'आन मिलों अब फिर तो ऐसे' शुभ रात्रि मित्रों.… आप सभी मित्रों का अपने इस पूर्णतया नये संयोग-गीत के साथ स्वागत करता हूँ... आन मिलो अब फिर तुम
Poonam Suyal
*नोबेल पुरस्कार विजेता ब्राजीली कवियत्री मार्था मेरिडोस की कविता "You Start Dying Slowly" का हिन्दी अनुवाद..* Read caption 1) आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं, अगर आप: - करते नहीं कोई यात्रा, - पढ़ते नहीं कोई किताब, - सुनते नहीं जीवन की ध्वनियाँ, - करते नहीं किसी की त
Vandana
,,,,,,, नोबेल पुरस्कार विजेता ब्राजीली कवियत्री मार्था मेरिडोस की कविता "You Start Dying Slowly" का हिन्दी अनुवाद.. 1) आप धीरे-धीरे मरने लगते हैं,
Vikas Sharma Shivaaya'
🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मां दुर्गा का स्वरूप: माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है-नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है- इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है..., बीज मंत्र : ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’ लोकवेद के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं- ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं..., मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है-इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है-इनके दस हाथ हैं- इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं- इनका वाहन सिंह है, इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है..., श्लोक: पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता || Affirmations: 61.मेरी आय निरंतर बढ रही है..., 62.मेरे पास अनंत संभावनाएं हैं.. , 63.मै स्वयं को वतॅमान में पूणॅतया प्रेम करता हूं.. , 64.मै अपने आंतरिक शिशु को प्रेम से गले लगाता हूं..., 65.मै प्रतिदिन कुछ नया सीखता हूं.. , बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल
gudiya
मनु कह रहे हैं कि जल प्रलय के पूर्व दिन-रात आँधियों और बिजलियों का भयंकर नृत्य होता रहा परंतु देवतागण भोग-विलास में ही लीन रहे। जब वे सचेत न हुए तब प्रकृति ने अपना भीषणतम रूप धारण कर उन्हें सर्वथा नष्ट कर दिया। जिस देव जाति को अपनी तक इस बात का अहंकार था कि उसका विनाश कोई भी नहीं कर सकता वही अब इस जल प्रलय के कारण नष्ट हो गई। जिस प्रकार घोर अंधकार में रखा हुआ मणि का एक दीपक केवल अपने आसपास ही थोड़ा सा प्रकाश कर पाता है और अपने चारों और व्याप्त तिमिर-राशि को सर्वथा नष्ट कर देने की शक्ति उसमें नहीं रहती उसी प्रकार आज वह स्वयं भी अपने भविष्य के विषय में कुछ भी सोचने-विचारने में असमर्थ हैआज तक जिन देवताओं का जयघोष चारों ओर गूँजा करता था, अब देव जाति का पतन हो जाने पर वे ही जय-ध्वनियाँ दीनता और दुःखपूर्ण स्वरों में प्रतिध्वनित हो रही है। मनु कह रहे हैं कि अंत में प्रकृति की ही विजय हुई और घमंड में फूले देवताओं को पराजय स्वीकार करनी पड़ी देवता यह भूल गए थे कि विलासिता की अधिकता से उनका नाश हो जाएगा। अज्ञानतावश वे हमेशा भोग-विलास की नदी में ही डूबे रहे। मनु का कहना है कि न केवल वे सभी देवगण जो कि हमेशा भोग-विलास में ही लीन रहते थे, सब डूब गए जल-प्लावन के कारण जो उमड़ता हुआ समुद्र ऐसा प्रतीत होता है मानो देवताओं का वैभव ही पानी बनकर इस अगाध सागर के रूप में चारों ओर फैला हुआ है और वह उनके समस्त सुखों को अपने में लीन कर दुःख को ध्वनित कर रहा है। -= - "कामायानी" चिंता सर्ग ©gudiya #Travel मनु कह रहे हैं कि जल प्रलय के पूर्व दिन-रात आँधियों और बिजलियों का भयंकर नृत्य होता रहा परंतु देवतागण भोग-विलास में ही लीन रहे। जब
AK__Alfaaz..
भावातिरेक हो बहती, मन की सरिता में, खुद को भिगो वो, थामकर प्रेम की अँगुलियाँ, मौन पद्चापों से, बढ़ती है.., उम्मीद की कच्ची सड़क पर, और.., डरती हुयी खामोशी उसकी, लफ्जों की माथे पर चूनर ओढ़, उजाले की राह ताकती है, धैर्य के घूँघट से वो, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #बाँझन_सपने भावातिरेक हो बहती, मन की सरिता में, खुद को भिगो वो, थामकर प्रेम की अँगुलियाँ,