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Madanmohan Thakur (मैत्रेय)
यु ही वेचारगी मे घीर कर,मै चल परा अकेला, ढेरो ख्याल दिल मे डेरा जमाये बैठे, तबाही जो हुई है,आग अपने लगाये बैठे, कहते है हम भी तो वो है नजरे चुराये बैठे, रात आ रही है संग लेकर के स्याह परते, मै तो राह मे हूं और यहां लगता है लगा है मेला!! तुफान क्या उङाये,जीस का नींव हीं खोखला हो, वो कैसे सजाये सपने,जिसका टूटा हौशला हो, मंजील करीब होकर भी जब दुर जा रही हो, मै ने किया एतवार अब जो किस्मत का फैशलै हो, आ रही है मुश्किले भी लगा के मानो शर्ते, मै फिर तो राह मे हूं उसने जो खेल अजब सा खेला!! लूटा है जो मेरा मेरे ही उलझे हुये अल्फाज थे, आज हमसे जो अलग है,वो मेरे ही शाख थे, जिन्दगी हैरान हुई उलझ कर रिश्तो के फेर मे, मै ने उठा के देखा हाथो मे मेरे राख ही राख थे, उलझने कैसी है,ना जाने इसकी है कितनी पर्ते, चलता रहा हूं राह मे इसीका तो है झमेला!! यु ही वेचारगी मे घीर कर मै चल परा अकेला
Gunvanta vaidya
जोपर्यंत मनाला आशेचे पंख आहेत, अंतःकरणात जिद्द आहे, डोळ्यासमोर खुले आकाश आहे, तोपर्यंत येणारा प्रत्येक क्षण आपलाच आहे. . सुख वेचायला शिका.कि
Shubhangi Sutar
#RIPDilipKumar poem read by comment box ©Shubhangi Sutar #उगीचभासहोतात😍 उगीच भास होतात या खुळ्या मनाला आता होती तुझेच भास काही केल्या कळेना
रिंकी✍️
हर बार इलेक्शन आएंगे नेता बदले जाएंगे गांधी का गांधीवाद अब नही रहा गरीबी नही गरीबो को हटाएंगे हम कंसवाद चलाएंगे भाषण में नेता गाते है झूठ बोलना पाप है हम तो रावण के भी बाप है हम तो दुशाशन का रूप धरेंगे जनता का अब चीर हरेंगे लौहे वाले पेटो में लगती कहा भूख है जो भी वादा आज हमने किया वो सारे वादे झूठ है जनता तो भोली भाली है बापू के कदमो पर चलने वाली है इसे बाहर का कुछ ध्यान नही राजनीति का कुछ ज्ञान नही राम वेश में रावण जीता जनता को इसका भान नही ये कुछ न बोले कुछ न देखे न कुछ सुनने वाली है मेरी जनता तो वेचारी है हर बार इलेक्शन आएंगे नेता बदले जाएंगे गांधी का गांधीवाद अब नही रहा गरीबी नही गरीबो को हटाएंगे हम कंसवाद चलाएंगे भाषण में नेता गाते है झूठ ब
sandy
थोडं मनाला पटणारं .... लाख क्षण अपूरे पडतात आयुष्याला दिशा देण्यासाठी, पण एक चुक पुष्कळ आहे ते दिशाहीन करण्यासाठी, किती प्रयास घ्यावे लागता
sandy
थोडं मनाला पटणारं .... लाख क्षण अपूरे पडतात आयुष्याला दिशा देण्यासाठी, पण एक चुक पुष्कळ आहे ते दिशाहीन करण्यासाठी, किती प्रयास घ्यावे लागता
sandy
*सुख म्हणजे नक्की काय असतं ?* सुख म्हणजे काय, सुखाचे प्रकार कोणते, सुख खरंच अस्तित्वात असतं की नसतं वगैरे वगैरे विषयांवर शतकानुशतके संत