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वीर
आज इस संसार में हर इंसान किसी ना किसी से प्रेम कर रहा है मगर वह है यह भूल जाते हैं की प्रेम किस करना हैं ईश्वर और प्रकृति यह कुछ लेता नहीं है देता है वहीं दूसरी तरफ इंसानों से प्रेम करने पर दुख के अलावा कुछ नहीं मिलता हैं ©वीर #boatclub प्रेम की परिभाषा का मतलब 🕉️🙏🏻
Anup ji star
jala dalo UN vicharon ko jisse khud ka bhi aur dusron ka Bura hota Ho jila dalo use nirbalta ko jisse jivan mein bhay ka dar Laga rahata hai jala dalo use Krodh ko jisse buddhi ka vinash hota hai ©Anup Dwivedi #holikadahan आज का दिन हमें अनेकों ज्ञान की परिभाषा बताता है
Anjali Singhal
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- नवदुर्गा माता के नव रूप का , दर्शन का सौभाग्य । पाया जो वागीश ये , लिखने बैठा काव्य ।। लिखने बैठा काव्य , जगत जननी की गाथा । देख शारदे मातु , झुका चरणों में माथा ।। माँ अम्बें की आज , आरती जन-जन गाता । होकर खुश वरदान , दिए भक्तों को माता ।। १२/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- नवदुर्गा माता के नव रूप का , दर्शन का सौभाग्य । पाया जो वागीश ये , लिखने बैठा काव्य ।। लिखने बैठा काव्य , जगत जननी की गाथा ।
संगीत कुमार
धरती है इतिहासों की धर्म ,ज्ञान के भंडारों की विद्वानों की महानायक की वीरों और बलवानों की भाषा की संस्कृति की अधिकारियों की कर्मवीरों की बिहार है पहचानों की ऋषियो की भगवानों की धर्म और विचारों की धरती है बलिदानो की बिहार तो है सबके सम्मान की ©संगीत कुमार #HappyRoseDay धरती है इतिहासों की धर्म ,ज्ञान के भंडारों की विद्वानों की महानायक की वीरों और बलवानों की भाषा की संस्कृति की अधिकारियों की क
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- जीवन पथ की नित सुगम , राह दिखाते संत । इनकी सेवा से सदा, खुश होते भगवंत ।। खुश होते भगवंत , अमंगल कभी न करते । जो करते हैं पाप , वही नित इनसे डरते ।। महके ये घर द्वार , और महके यह उपवन । कर लो अच्छे कर्म , यही कहता है जीवन ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- जीवन पथ की नित सुगम , राह दिखाते संत । इनकी सेवा से सदा, खुश होते भगवंत ।। खुश होते भगवंत , अमंगल कभी न करते ।
Neema Pawal
White तू कितनी अनमोल है, मां, ये तो मैं जानती हूं। पर तेरे जाने के बाद , अहसास हुआ, की तेरी कीमत, दुनिया की बदलती नज़रें, हर पल मुझे, बताती हैं। ©Neema Pawal #mothers_day मां की की कीमत।
Anuj Ray
सुबह की चाय की चुस्की" एक तुम्हारी चाह जैसे, सुबह की चाय की चुस्की बना देती है दिन मेरा, किरण हो जैसे सूरज की। बिना मांगे ही मिल जाते , अनमोल सागर के खिले मोती काश ! छू करके तुम्हें ,महसूस कर पाता, असल की ज़िन्दगी होती। ©Anuj Ray सुबह की चाय की चुस्की"
Ganesh Din Pal
जिस घर में स्त्री की हंसी गूंजे समझ लेना वह घर कभी भी दरिद्रता का शिकार नहीं होगा। ©Ganesh Din Pal #स्त्री की प्रसन्नता घर की संपन्नता