Find the Latest Status about गजल गुड्डी गिलहरी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, गजल गुड्डी गिलहरी.
deshank sharma
🎎 साड़ी की एक छोटी गुड्डी लाल पीली और नीली गुड्डी आँखो मे दो बटन लगाए बचपन की मीनू की गुड्डी धागे से मम्मी ने बाँधी रिश्तो की एक डोर बना ली लाली मेकअप चूड़ी चुन्नी तेरा बन्ना मेरी बन्नी खाने मे पकवान बहुत है शादी से अरमान बहुत है रेत के चावल रेत की पूरी रेत का हलवा कड़ी कचौड़ी मीठी मीठी बात पलो की बचपन के उन खास पलो की ©deshank sharma गुड्डी 🎎
alka mishra
ए गिलहरी! तुझ में मेरा बचपन दिखता उच्छृंखल प्यारा बेफिक्र जहाँ भेदभाव नहीं टिकता हर घर आँगन डाली हर थाली व प्याली पैसे से न था बिकता प्यार से भरी निगाहें देखने को आतुर चपलता अब रिश्ते बड़े हो गए परोसते सिर्फ गम्भीरता। ©अलका मिश्रा ©alka mishra #गिलहरी
Jyotsana yadav
सरपट दौड़ लगाती ये दाने चुंग कर लाती ये प्यारी सी आवाज में सबको अपना बनाती ये जैसे इनकी समझदारी है किसी के हाथ न आती ये ©Jyotsana yadav #गिलहरी
Dinesh singh Dk
इश्क़ में गिलहरी की तरह उड़ान होती है, मधुर सा नज़ारा जगाने का जुनून होता है। सूरज की किरणों से भरी होती है उसकी आँखें, गिलहरी की तरह नज़रों का दीवाना होता है। चमकती हुई तितली की तरह ये हंसती है, अपने रंग भरे पंखों को छिपाती है। शायरी की दुनिया में इसका मकान होता है, गिलहरी शायरी से रंगीन जहान होता है। उड़ती हुई गिलहरी की तरह दिलों को छू जाती है, कविता के स्वरों में आवाज़ बन जाती है। हर एक बोल में रंग भरती है ये गिलहरी, शायरी की दुनिया में नाम बन जाती है। इश्क़ के रंगों से भरी हुई ये गिलहरी, कविताओं की दुनिया में राज करती है। उसकी शायरी आँखों को भी बहला देती है, गिलहरी शायरी सबका दिल जीतती है। ©Dinesh singh Dk गिलहरी ###
R.J...Laik Ahmed
कुछ तो खास है, जो पल भर में सब बदल गया...! ©R.J...Laik Ahmed गिलहरी ...
kumar vishesh
कहानी बेचारी गिलहरी एक गिलहरी हालात से टूटी थी उसकी हर शाम रो रो के फूटी थी एक पेड़ पर उसका आशियाना था जो काफी पुराना था जंगल में मंगल था हरे भरे पेड़ों से उसकी हर रोज मुलाकात होती थी बरसात तो साहब वहां रोज होती थी कुदरत का कहर देखिए अपने बच्चों के संग गिलहरी घूमने क्या निकली कि किसी आसमां में बिजली चमकने लगी बादलों से बूंदें टपकने लगी धरा पर पानी इतना बिखर गया हर खेत जंगल तालाब बन गया गिलहरी की उम्मीद में भी सैलाब बन गया अपने बच्चों की चिंता होने लगी मन ही मन में रोने लगी हे कुदरत तूने क्या कर दिया धरा पर पानी रोज भरता है आज आंखों में भी पानी भर दिया लोग कहते हैं कि तू पत्थर का है आज तूने यह भी साबित कर दिया तभी एक बचपन की एक हकीकत सामने आई हमने किसी की मदद की थी वो रंग लाई एक बड़ा सा पेड़ सैलाब में बहता आ रहा था गिलहरी तुम चिंता मत करो यह कहता आ रहा था उसे देख गिलहरी की उम्मीद जागी वो एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर अपने बच्चों को लेकर भागी अपने बच्चो को सैलाब से पार कर गई खुद पानी की धार में बह गई दोस्तो यह कहानी कैसी लगी हमें सब की मदद करनी चाहिए बिहार में आई बाढ़ से जो मुसीबत लोगों पर आई है उसके लिए हमें उनकी मदद करनी चाहिए बेचारे गिलहरी