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Mahadev Son
ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्त गुणी जन सब पूजते, पूजा की तिथि विधि ना जानू, मंत्र तंत्र को मैं ना जानू, मैया बस पढ़ुं चालीसा जीवन में माँ करना उजाला, बीच भंवर में फंसी है नैया, आकर लाज बचाना, सद्-बुद्धि का दान ही देना, ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम मैया प्यारी, दया करो महाकाली ©Mahadev Son ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्
दूध नाथ वरुण
ओ शेरोवाली मैया, तू शेर पे चढ़के आजा। मेरी बीच भंवर में नैया,तू आके पार लगाजा।। ©दूध नाथ वरुण #ओ #शेरोवाली#मैया
Suraj Sharma
Shailendra Anand
Village Life रचना दिनांक 14,,,3,,,2024,, वार,,,, शुक्रवार समय काल,, पांच बजे ््््निज विचार ््् ्््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती मुखपृष्ठ स्क्रीन पर मालवी से लोकगीत लोककथा नूक्कड लघु कथा सत्संग प्रेयर निमाडी आदिवासियों की लोक परमपरम्पराऐ में जन मानस जनजीवन पर जिंदगी में पर्व त्यौहार एवं फाग महोत्सव भगोरिया पर्व आदिवासी बहुल इलाकों में इस अवसर पर नयीनवेली नवयुगल में ब्याह शादी विवाह हो जाते है ्््् ्््््् घर आंगन चौक चौराहे पर हुड़दंग मचाने वाले लव में एक स्वर में प्रेम से अन्तर्मन में नाचते गाते नाचने लगे ।। ढोल बाजे बजने लगे नगाड़े बजाकर खुशी में रंगबिरंगे फूल और कांटे पथ्थर से अपनी दिशा लेकर बाजार में ,, शहर में हाट बाजार में एक साथ हंसी ठिठौली करते ।। फाग गायक फागुन गवैया सांझ ढले में ,, एक बार फिर मांद में जाम लगा ताड़ी पीती रहीं है।। ग्राम में शहर से हर एक को राह दिखाने मेंक्या हो प्यारा सा,, जीवन में एक दुसरे को तैयार होकर श्रंगार किया।। छैल छबीला रंग रंगीला बसंत रीतु और फाग महोत्सव,, पर जिंदगी को मस्त कर देख रही है ।। ्््््् ्््भावचित्र ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् ््््््दिनाक ्14 ,,,मार्च,,,2024,,, ©Shailendra Anand #villagelife भगौरियां आदिवासियों में खैलती फागुनी बयार में ढोल बाजे बजने लगे फाग महोत्सव मालवों और निमाडियो में होली की हुड़दंग मची है ्््््
PФФJД ЦDΞSHI
Village Life मेरा प्यारा सा गांव जहाँ है पेड़ की छैया छोटी सी झोपड़ी और उस मे बैठी मेरी प्यारी सी मैया जो चराने जाएगी गैया क्यो कि मुझे पीना है मीठा दूध घर का तो मैया बोली निष्ठुर छोड मेरी बईया गैया क़ो घुमा लाऊ वो भी तो बाहर जाना चाहती होंगी चरने गन्ने की घास भरी डंडिया, रुक सबर कर, आती हूँ अभी खेत से घुमा कर गैया 🤗😂👆🏻🫶🫡🤷🏼♀️ ©PФФJД ЦDΞSHI #villagelife #मैया #गांव #pujaudeshi KhaultiSyahi sleepyy_eyes___ Ritu Tyagi Sonika pal Salim Saha Parul (kiran)Yadav Niaz (Harf) MohiTRoc
N S Yadav GoldMine
श्री कृष्ण का धृतराष्ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्त करना और धृतराष्ट्र का पाण्डवों को हृदय से लगाना पढ़िए महाभारत !! 📝📝 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व द्वादश अध्याय: श्लोक 1-17 :- श्री कृष्ण का धृतराष्ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्त करना और धृतराष्ट्र का पाण्डवों को हृदय से लगाना. 📙 वैशम्पायन उवाच वैशम्पायन जी कहते हैं -राजन्! तदनन्तर सेवक-गण शौच-सम्बन्धी कार्य सम्पन्न कराने के लिय राजा धृतराष्ट्र-की सेवा में उपस्थित हुए। जब वे शौच कृत्य पूर्ण कर चुके, तब भगवान मधुसुदन ने फिर उनसे कहा-राजन! आपने वेदों और नाना प्रकार के शास्त्रों का अध्ययन किया है। सभी पुराणों और केवल राजधर्मों का भी श्रवण किया है। 📙 ऐसे विद्वान, परम बुद्धिमान् और बलाबल का निर्णय करने में समर्थ होकर भी अपने ही अपराध से होने वाले इस विनाश को देखकर आप ऐसा क्रोध क्यों कर रहे हैं ? भरतनन्दन! मैंने तो उसी समय आपसे यह बात कह दी थी, भीष्म, द्रोणाचार्य, विदुर और संजय ने भी आपको समझाया था। राजन्! परंतु आपने किसी की बात नहीं मानी। 📙 कुरुनन्दन! हम लोगों ने आपको बहुत रोका; परंतु आपने बल और शौर्य में पाण्डवोंको बढा-चढ़ा जानकर भी हमारा कहना नहीं माना। जिसकी बुद्धि स्थिर है, ऐसा जो राजा स्वयं दोषों को देखता और देश-काल के विभाग को समझता है, वह परम कल्याण का भागी होता है। 📙 जो हित की बात बताने पर भी हिता हित की बातको नहीं समझ पाता, वह अन्याय का आश्रय ले बड़ी भारी विपत्तिbमें पड़कर शोक करता है। भरत नन्दन! आप अपनी ओर तो देखिये। आपका बर्ताव सदा ही न्याय के विपरीत रहा है। राजन्! आप अपने मन को वश में न करके सदा दुर्योधन के अधीन रहे हैं। अपने ही अपराध से विपत्ती में पड़कर आप भीमसेन को क्यों मार डालना चाहते हैं? 📙 इसलिये क्रोधको रोकिये और अपने दुष्कर्मोंको याद कीजिये। जिस नीच दुर्योधन ने मनमें जलन रखनेके कारण पात्र्चाल राजकुमारी कृष्णाको भरी सभामें बुलाकर अपमानित किया, उसे वैरका बदला लेनेकी इच्छासे भीमसेनने मार डाला। आप अपने और दुरात्मा पुत्र दुर्योधनके उस अत्याचारपर तो दृष्टि डालिये, जब कि बिना किसी अपराधके ही आपने पाण्डवों का परित्याग कर दिया था। 📙 वैशम्पायन उवाच वैशम्पाचनजी कहते हैं – नरेश्वर! जब इस प्रकार भगवान् श्रीकृष्ण ने सब सच्ची-सच्ची बातें कह डालीं, तब पृथ्वी पति धृतराष्ट्र ने देवकी नन्दन श्रीकृष्ण से कहा- महाबाहु! माधव! आप जैसा कह रहे हैं, ठीक ऐसी ही बात है; परतु पुत्र का स्नेह प्रबल होता है, जिसने मुझे धैर्य से विचलित कर दिया था। 📙 श्रीकृष्ण! सौभग्य की बात है कि आपसे सुरक्षित होकर बलवान् सत्य पराक्रमी पुरुष सिंह भीमसेन मेरी दोनों भुजाओं- के बीच में नही आये। माधव! अब इस समय मैं शान्त हूँ। मेरा क्रोध उतर गया है, और चिन्ता भी दूर हो गयी है अत: मैं मध्यम पाण्डव वीर अर्जुन को देखना चाहता हूँ। समस्त राजाओं तथा अपने पुत्रों के मारे जाने पर अब मेरा प्रेम और हित चिन्तन पाण्डु के इन पुत्रों पर ही आश्रित है। 📙 तदनन्तर रोते हुए धृतराष्ट्र ने सुन्दर शरीर वाले भीमसेन, अर्जुन तथा माद्री के दोनों पुत्र नरवीर नकुल-सहदेव को अपने अगों से लगाया और उन्हें सान्तवना देकर कहा – तुम्हारा कल्याण हो। 📙 इस प्रकार श्रीमहाभारत स्त्रीपर्व के अन्तर्गत जल प्रदानिक पर्व में धृतराष्ट्र का क्रोध छोड़कर पाण्डवों को हृदयसे लगाना नामक तेरहवॉं अध्याय पूरा हुआ। N S Yadav .... ©N S Yadav GoldMine #gururavidas श्री कृष्ण का धृतराष्ट्र को फटकार कर उनका क्रोध शान्त करना और धृतराष्ट्र का पाण्डवों को हृदय से लगाना पढ़िए महाभारत !! 📝📝
KP EDUCATION HD
KP EDUCATION HD कंवरपाल प्रजापति good morning ji please find the ©KP EDUCATION HD हालांकि दोनों ही कैलेंडर के अनुसार यह जयंती एक ही दिन रहती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 मार्च 2024 को यशोदा मैया का जन्मोत्सव मनाया जाएग