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somnath gawade
हास्य नभांगणातील जाहिरात: चंद्र विकणे आहे; घेणाऱ्याला किंमत सांगून दिवसासुद्धा चांदण्याचे दर्शन मोफत आहे.😂🤣 #जाहिरात
kumar viju
जिन्दगी में गमों का पहरा है, हर चेहरे के पीछे छिपा एक चेहरा है। दिल में दबाकर लाखों गम, फिर भी हँसने का बहाना है। भीड़ से भरी इस दुनिया में लोग तो है बहुत, फिर भी हर कोई इंसान अकेला है। #जिंदगी#हिंदी#लेखन
Aditi Chaurasia
मुसीबतों ने मुझे घेरा है या मैंने मुसीबतों को ? complete this #नोजोटो #हिंदी #लेखन #शायरी #कविता #आदि
अदनासा-
ध्यान अगर दिया है तो बेहतर होगा कि मैंने यह जाने क्यों लिख दिया है मगर अव्वल है यह कहना तो होगा तुमने आज तक क्या सीख लिया है ©अदनासा- #हिंदी #सीख #लेखन #समझ #Journey #Pinterest #Instagram #Facebook #Knoledge #अदनासा
अदनासा-
साहितà¥à¤¯ ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ यदि कुछ अपने लिए और कुछ समाज के लिए लिखूं, तो कुछ प्रशंसा, कुछ प्रेरणा अवश्य मिलेगी और संभव है कुछ आलोचना (वर्तमान में अपशब्द संभव है) भी, परंतु आवश्यक है स्वयं की अंतरात्मा कहे कि, सत्य लिखा है, साहित्य लिखा है, निष्पक्ष लिखा है, निडरता से लिखा है वह भी बिना किसी प्रलोभन के लिखा है, क्योंकि मैं समाज में विचारता मात्र एक साधारण व्यक्ति हूं, किसी अलौकिक शक्ति का मालिक नही। ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ ©अदनासा- #हिंदी #साहित्य #लेखन #लेखक #कवि #साहित्यकार #पत्रकार #WForWriters #Instagram #अदनासा
Shivani Abbaraju
लफ़्ज़ों के इस बहते दरिया में एक छोटी सी लहर लिखना चाहती हूं धूप छांव के बदलते इस खेल की अपनी कोई दोपहर लिखना चाहती हूं बंदिशों से परे, हरियाली से घिरे कभी ख्वाबों का वो महल लिखना चाहती हूं एक जगह जहां बस्ती हूं हर पल, कल्पनाओं का वो शहर लिखना चाहती हूं बेसोच झट से खिंची जो डोर रिश्तों की अहंकार का वो कहर लिखना चाहती हूं दे कर सुर ताल कुछ अपने जज़्बातों को, अपनी प्रिय राग यमन लिखना चाहती हूं निराकार से है सब लेखन मेरे अब कोई अच्छी ग़ज़ल लिखना चाहती हूं *लिखना चाहती हूं* #yqbaba #yqdidi #ग़ज़ल #लेखन #हिंदी #यमन #लिखनाचाहतीहूं #लिखनाचाहताहूँ
Shivani Abbaraju
लफ़्ज़ों के इस बहते दरिया में एक छोटी सी लहर लिखना चाहती हूं धूप छांव के बदलते इस खेल की अपनी कोई दोपहर लिखना चाहती हूं बंदिशों से परे, हरियाली से घिरे कभी ख्वाबों का वो महल लिखना चाहती हूं एक जगह जहां बस्ती हूं हर पल, कल्पनाओं का वो शहर लिखना चाहती हूं बेसोच झट से खिंची जो डोर रिश्तों की अहंकार का वो कहर लिखना चाहती हूं दे कर सुर ताल कुछ अपने जज़्बातों को, अपनी प्रिय राग यमन लिखना चाहती हूं निराकार से है सब लेखन मेरे अब कोई अच्छी ग़ज़ल लिखना चाहती हूं *लिखना चाहती हूं* #yqbaba #yqdidi #ग़ज़ल #लेखन #हिंदी #यमन #लिखनाचाहतीहूं #लिखनाचाहताहूँ
Hemant Rai