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INDIA CORE NEWS
संगीत कुमार
Meri Mati Mera Desh 26. (भारतीय रेल) भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा रेल - जाल बना। सरकारी अधिकृत वाला जग का तू चतुर्थ रेल-क्रांति बना।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत के परिवहन का अभिन्न श्रोत बना। तेरह लाख से अधिक कर्मचारियों तु परिवार बना।। सबके जीवनरूपी आनंद को एक सूत्र मे बांँधे रहा। उत्तर-दक्षिण, पूर्व -पश्चिम हर कोने सबको पहुँचाता रहा।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल टूटे दिलों को जोड़ता रहा। आपदा में हर क्षेत्र को सामग्री पहुँचाता रहा ।। कर्मचारी , सजग होकर अपने पथ पर चलता रहा। हर प्रलय को झेलता रहा, सब की सेवा करता रहा।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल सत्रह क्षेत्र में विभक्त है। अनेक उपक्रम इसके अधीन कार्यरत है।। कार्य करने को सब तत्पर है। उन्नति की ओर अग्रसर है।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल कामयाबी अपने नाम किया। विश्व धरोहर सूची मे नाम दर्ज हुआ।। अनेक गाड़ीयाँ अपने नाम किया। अपने-अपने क्षेत्र में पहचान हुआ।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। ©संगीत कुमार #26. (भारतीय रेल) भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा
Ravendra
Manish Jakhmi
कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को रखकर देखते है क्यूंकि लोग इस तरह के उदाहरण दूसरों पर सुनना ही पसंद करते है, परंतु यह पसंद और न पसंद करने का सवाल नहीं उठता क्योंकि कुछ इस तरह की अनगिनत चीजे व्यक्ति के जीवन हो जाती है जिससे भिड़कर वह अपने आप के एक आदमी बनाता है, अब एक आदमी कैसा हो ये प्रश्न भी बनता है, परंतु यह तो अक्सर नियती पर निश्चित होता है क्यूंकि परिस्थिति तो मात्र श्रेणी बदलती है, जीवन में पड़ावों को पार करते करते ही कुछ इस तरह (कविता में दिए गए) के निर्णय लेने होते है, जिनका ख्याल मात्र दो बार आता है एक निर्णय लेते वक्त और दूसरा उस परिस्थिति के अंत में परिणाम के वक्त। मनीष जख्मी ©Manish Jakhmi कुछ सच ऐसे होते है जिनके परिणाम बारे में हमें पता होता है परंतु हम तब भी उसके विपरीत कार्य करने की कोशिश करते है, चलिए अपनी जगह किसी और को र
अदनासा-
Men walking on dark street निरंकुश हर सत्ता को जनता का जवाब जनता को पंगु बनाती फ्री का राशन, और फ्री विद फियर का भाषण नही, मेहनत के बुते कमाई हुई दाल रोटी, काम, मकान और रोज़गार चाहिए। हमें अनेकों धार्मिक स्थलों से ज़्यादा, महाविद्यालय और अस्पताल चाहिए, लघु परंतु प्रभावी व्यवसाय के साथ, अच्छी शिक्षा अच्छा शासन चाहिए। ये जात-पात ऊंच-नीच की जंग नही, मानवता एवं एकता का संग चाहिए, लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही नही, एक और लाल बहादुर शास्त्री चाहिए। ©अदनासा- #हिंदी #भाषण #लोकतंत्र #देश #शासन #Emotional #नेता #लालबहादुरशास्त्री #Instagram #अदनासा
Ravendra
N S Yadav GoldMine
भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत्तम राम:- 🌌 भगवान राम या श्री रामचंद्र भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। वह हिंदू महाकाव्य रामायण के मुख्य पात्र हैं, जिन्होंने लंकापति रावण का वध किया था और उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। राम हिंदू धर्म के कई देवताओं में से एक हैं और विशेष रूप से वैष्णव धर्म के लोग राम की को ही परमेश्वर मानते हैं। उनके जीवन पर आधारित धार्मिक ग्रंथ और शास्त्र दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की कई संस्कृतियों में एक प्रारंभिक घटक रहे हैं। कृष्ण के साथ, राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है। श्रीराम का जन्म कथा:- 🌌 राजा दशरथ की 3 पत्नियाँ थीं, कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा। अपनी तीनों पत्नियों से संतान पाने में असफल रहने के बाद, उन्होंने पुत्रकामेष्टि यज्ञ (पुत्रों को जन्म देने के लिए किया जाने वाला अनुष्ठान) किया। इससे, अनुष्ठान के अंत में खीर का एक बर्तन प्राप्त किया गया था। कहा जाता है कि कौशल्या ने इसे एक बार लिया और राम को जन्म दिया, कैकेयी ने एक बार भरत को जन्म दिया और सुमित्रा ने इसे दो बार लिया और इसलिए उन्होंने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। इसी से अयोध्या के राजकुमारों का जन्म हुआ। भगवान राम की एक बड़ी बहन, शांता, दशरथ और कौशल्या की बेटी थी। जय श्री राम जी:- मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पत्नी और पुत्र:- 🌌 हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष के महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन भगवान राम का विवाह सीता से हुआ था। भगवान राम और उनकी पत्नी सीता के दो जुड़वां बेटे लव और कुश थे। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम की मृत्यु के बाद, यह उनके बड़े बेटे कुश थे, जिसे नया राजा बनाया गया था। श्राम के नाम का मतलब:- 🌌 कहा जाता है कि भगवान राम का नाम रघु वंश के गुरु वशिष्ठ महर्षि द्वारा दिया गया था। उनके नाम का एक महत्वपूर्ण अर्थ था, क्योंकि यह दो बीज अक्षरों से बना था - अग्नि बीज (रा) और अमृत बीज (मा)। जबकि अग्नि बीज ने उनकी आत्मा और शरीर को महत्वपूर्ण बनाने के लिए सेवा की और अमृत बीज ने उनको सारी थकान से उबार दिया। 🌌 पुराणों में लिखा है कि दुष्ट रावण को हराने के बाद, राम ने अपने राज्य अयोध्या पर 11,000 वर्षों तक पूर्ण शांति और समृद्धि का शासन किया। 🌌 कहा जाता है कि एक बच्चे के रूप में, भगवान राम ने एक बार अपने खिलौने को चंचलता से फेंक दिया और इसने मन्थरा की पीठ पर चोट की। मंथरा ने कैकेयी के माध्यम से अपना बदला लिया और भगवान राम को 14 साल के वनवास पर भेज दिया। मृत्यु के समय हनुमान को भेज दिया था नागलोक:- 🌌 कहा जाता है कि श्रीराम ने मृत्यु के वक्त हनुमान को अलग करने के लिए अपनी अंगूठी को फर्श में आई दरार में डाल दिया था और हनुमान जी से उसे लाने के लिए कहा था। जब हनुमान नीचे गए तो वह नागों की भूमि में पहुंच गए और राजा वासुकी से राम की अंगूठी मांगी। राजा ने उन्हें एक अंगूठियों के विशाल पहाड़ को दिखाते हुए कहा कि वह अंगूठी ढूंढ लें। जब बजरंगबली ने पहली अंगूठी उठाई वह भी श्री राम की थी और बाकी सभी श्रीराम की ही थी। तब राजा वासुकी ने उन्हें समझाया कि जो भी पृथ्वीलोक पर आता है उसे एक दिन सबकुछ छोड़कर जाना ही पड़ता है। भगवान विष्णु के 1000 नामों में से 394वां नाम है:- राम. 🌌 भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र राजा इक्ष्वाकु ने की थी। इसीलिए भगवान राम को सूर्यवंशी भी कहा जाता है। विष्णु सहस्रनाम नामक पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों को सूचीबद्ध किया गया है। इस सूची के अनुसार, राम भगवान विष्णु का 394 वां नाम है। 14 साल तक नहीं सोए थे लक्ष्मण:- 🌌 कहा जाता है कि राम और सीता की रक्षा के लिए, लक्ष्मण को 14 साल तक नींद नहीं आई! यही कारण है कि, वह गुदाकेश के रूप में जाने जाते हैं, जो कि नींद को हराने वाला व्यक्ति था। इसके बजाय, लक्ष्मण की पत्नी, उर्मिला जो अयोध्या में थी, 14 साल तक सोती रही, क्योंकि उन्होंने अपनी और लक्ष्मण के हिस्से की नींद को पूरा किया था। उर्मिला रामायण की कहानी में एक कम ज्ञात चरित्र थी। लंकापति रावण को मिला था श्राप:- 🌌 पौराणिक मान्यतानुसार, भगवान शिव के द्वारपाल नंदी ने रावण को एक बार भगवान शिव से मिलने से रोक दिया। रावण ने नंदी के प्रकट होने का मजाक उड़ाया और इससे नंदी नाराज हो गए। फिर उन्होंने रावण के राज्य को शाप दिया, लंका को बंदरों द्वारा नष्ट कर दिया जाएगा। यह शाप तब सच हुआ जब हनुमान ने लंका को जलाया। युद्ध जीतने के लिए रावण ने किया था यज्ञ:-🌌 कहा जाता है कि लंकापति रावण ने युद्ध जीतने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया। तब राम जी ने बाली के पुत्र अंगद की मदद मांगी और लंका में अराजकता पैदा करने की मांग की। लेकिन रावण तब भी टस से मस नहीं हुआ और यज्ञ करता रहा। फिर अंगद ने रावण की पत्नी मंदोदरी के बाल खींचने शुरु किए ताकि रावण यज्ञ से उठ जाए और यज्ञ अधूरा रह जाए। शुरुआत में रावण स्थिर रहा लेकिन जब मंदोदरी ने उससे मदद की गुहार लगाई तो उसे यज्ञ छोड़ दिया। एन एस यादव।। ©N S Yadav GoldMine #Holi भगवान राम को विष्णु के सबसे महत्वपूर्ण अवतारों में से एक माना जाता है:- जानिए और रोचक कथा !! 🌱🌱{Bolo Ji Radhey Radhey} मर्यादा पुरुषोत
Smruti Ranjan Mohanty
Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. ଆଉ ଥରେ-17 ସେ କି ମନ ଯେଉଁ ମନରେ ଯୌବନର ରଙ୍ଗ ନାହିଁ ସେ କି ଦେହ ଯେଉଁ ଦେହରେ ପ୍ରେମର ପ୍ଲାବନ ନାହିଁ ସେ କି ପ୍ରାଚୁର୍ଯ୍ୟ ଯେଉଁଠି ବଞ୍ଚିବାର ନିଶା ନାହିଁ ସେ କି ଜୀବନ ଯେଉଁଠି ନିଜପାଇଁ ସ୍ୱପ୍ନର ଜୁଆର ନାହିଁ ସେ କି ପ୍ରାପ୍ତି ଯେଉଁଟା ଖାଲି ଅନ୍ୟମାନଙ୍କ ପାଇଁ ନିଜକୁ ସମସ୍ତଙ୍କ ଭିତରେ ବାଣ୍ଟିଦେଲା ବେଳେ ନିଜ ସ୍ୱପ୍ନକୁ ଗୋଟା ଗୋଟା କରି ସଂଅପି ଦେଲାବେଳେ, କେଵେ ଭାବି ଦେଖିଛ ତମେ, ତମ ସ୍ବପ୍ନ କେଵଳ ତମର ନୁହେଁ ଆଉ କେହି ଜଣେ ଅଛି ଯିଏ ତମକୁ ନେଇ ସ୍ବପ୍ନ ଦେଖେ ଲାଲ ଲାଲ କୃଷ୍ଣଚୁଡ଼ାର, ରୁପା ଜହ୍ନ ଆଉ ଚିକମିକ ତାର ଫୁଲର, ଭିଯା ମାଟିରେ ଶେଜ ସଜାଏ ନିଜକୁ ହଜେଇଦେବାକୁ ଆଉ ଏକ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣାଭ ରାତିର ବାହୁ ବଳୟରେ ମୁଁ ନୁହେଁ ଧୃତରାଷ୍ଟ୍ର, ତମେ ମୋ ଗାନ୍ଧାରୀ ନା ମୁଁ ଅର୍ଜୁନ, ତମେ ମୋ ଯାଜ୍ଞସେନୀ ମୁଁ ତମ ପ୍ରଥମ ପ୍ରେମ, ତମେ ମୋ ବଞ୍ଚିବାର ଶେଷ ପ୍ରତିଶୃତି ମୁଁ ରଖି ଦଉଛି ଗାଣ୍ଡୀବ, ତମେ ଖୋଲି ଦିଅ ଆଖିରୁ ଅନ୍ଧପୁଟୁଳି ମୋ ଆଖିରେ ଦେଖ ଜୀବନଟା ଏବେବି କେତେ ସୁନ୍ଦର ତମେ ଆସ ମରୀଚିକାର ସରହଦ ଡେଇଁ ତ୍ୟାଗ, ତିତିକ୍ଷା ଆଉ ସମ୍ମୋହନର ପାହାଚ ଟପି ପ୍ରେମର ସବାରୀରେ ନବ ବଧୂ ସାଜି ମୁଁ ତମକୁ ମୋ ହାଥରେ ସଜେଇ ଦେବି ଟୋପା ଟୋପା ଚନ୍ଦନରେ, ପଟା ପଟା ଅଳତାରେ ମୁଠା ମୁଠା ସିଂଦୁରରେ, ମେଞ୍ଚା ମେଞ୍ଚା ଅବିରରେ ଆଉ ଥରେ ହସିଦିଅ ମୁଁ ଭୁଲିଯିବି ଏଇଟା ବୟସର କେଉଁ ମାସ ଲାଜର ଓଢଣା ଖୋଲି ଦେଖ ହାଥଠାରି ଡାକୁଛି ଆଉ ଏକ ସକାଳ, ଭିନ୍ନ ଏକ ସଂଦୀପ୍ତ ବାଳଭାନୁର ଉଦୟ ଉତ୍ସଵ ମୋ ଓଠରେ ଓଠ ରଖ ଏଇତ ଜୀବନଟା ଆରଂଭହିଁ ହେବ ସ୍ମୃତି ରଞ୍ଜନ ମହାନ୍ ©Smruti Ranjan Mohanty #holi2024 ଆଉ ଥରେ-17 ସେ କି ମନ ଯେଉଁ ମନରେ ଯୌବନର ରଙ୍ଗ ନାହିଁ ସେ କି ଦେହ ଯେଉଁ ଦେହରେ ପ୍ରେମର ପ୍ଲାବନ ନାହିଁ ସେ କି ପ୍ରାଚୁର୍ଯ୍ୟ ଯେଉଁଠି ବଞ୍ଚିବାର ନିଶା ନ
Devesh Dixit
मतदान (दोहे) हम सबका अधिकार यह, करना है मतदान। मत चूको इससे कभी, इसमें अपनी शान।। आजादी प्यारी हमें, फिर क्यों खाएँ चोट। नेता अपना वो नहीं, जिसमें कोई खोट।। अंग्रेजों ने जो किया, माना वो थी भूल। आते जब भी याद वो, हिय में चुभते शूल।। पुनः न हो गलती वही, रखना इसका ध्यान। नेता सम श्री राम हो, वैसा ही मतदान।। हमको चुनना है उसे, जो दिल से हो नेक। निर्णय का दमदार हो, दे सबको वह टेक।। कहते हैं सज्जन सभी, नेता वही महान। रखे वतन की लाज भी, कर्मों से धनवान।। मतदाता को चाहिए, ऐसा करे चुनाव। नेता भी उत्तम मिले, हो सेवा का भाव।। करे नहीं मतदान जो, नादां हैं वो लोग। नासमझी का है उन्हें, देखो कैसा रोग।। ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मतदान #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry मतदान (दोहे) हम सबका अधिकार यह, करना है मतदान। मत चूको इससे कभी, इसमें अपनी शान।। आजादी प्य