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Rameshkumar Mehra Mehra
कैसे मान लू इश्क.......... एक बार होता है....! मै जितनी बार तुम्हे... देखता हूं....!! मुझे हर बार होता है....💕 ©Rameshkumar Mehra Mehra # कैसे मान लू इश्क,एक बार होता है,मै जितनी बार तुम्हे ,देखता हूं,मुझे हर बार होता है......💕
PANKAJ KUMAR SINHA
White *मैं एक ग्रुप हूं* हां मैं एक WhatsApp ग्रुप हूं मेरी भी एक आत्मा है एक चेतना है,एक रुप है । मैं बोलती हूं, मैं सुनती भी हूं, मैं चैतन्य हूं, मैं जानती हूं सभी का भूत और भविष्य । तुम कौन हो?, क्या करते हो?,क्यों करते हो?, मैं जानती हूं, तुम्हारे उठने और सोने का समय, चिन्ता होती है तुम्हारी,जब बिना पढ़े scroll कर जाती हो, तुम जब सो जाती हो, तो भी मैं जागती हूं, तुम्हारे लिए। तुम्हारी मैं बोलती बहन , दोस्त , शिक्षक , एवं सहकर्मी हूं, तुम्हारे परीक्षा का गाइड, प्रशिक्षक एवं Hypothalamus हूं , तुम्हारे साथ उठती व सोती हूं, तुम्हारी हमसफ़र,हमराज़ हूं मैं। मैं तुम्हारे हृदय का left ventricle हूं, Pulmonary Artery भी मैं ही हूं, Thymus Gland और कोई नहीं, मैं ही हूं, मैं हठयोग की हठप्रदीपिका pdf हूं, घेरंड का चंडकपाली हूं मैं हूं,जिसे तुम खोज रहे थे,Level 2 से, पर याद रख...... मैं तुमसे योग दर्शन सिखना चाहती हूं, आस्तिक और नास्तिक,वैशेषिक और न्याय,उतर और पूर्व मीमांसा।।।।।। जानते हो क्यूं???? क्यूंकि मैं मां हूं। तुम आगे बड़ो, ....... मैं यही रुकती हूं,तेरे इन्तजार में। फिर मिलेंगे, कहीं और , किसी और रूप में, क्योंकि मैं पुरुष भी हूं। मैं चैतन्य हूं , जड़ हूं,त्रिगुणातीत हूं। मेरे रुप अनेक,पर तेरे साथ हूं , साथ हूं ,साथ हूं क्योंकि मैं मां हूं , मैं मैं मां हूं,एक ग्रुप के रूप में *Happy Mother's Day* Pankaj Sinha Ahmedabad 🙏🙏🙏 ©PANKAJ KUMAR SINHA मै मां हूं
gaTTubaba
White कैसे बताऊं तुझे कितना याद करता हूं आँखें खुली हो या बंद क्या फर्क पड़ता हैं बस तेरे ही ख्वाब देखता हूं... ©gaTTubaba #emotional_sad_shayari कैसे बताऊं तुझे कितना याद करता हूं आँखें खुली हो या बंद क्या फर्क पड़ता हैं बस तेरे ही ख्वाब देखता हूं...
neelu
White मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का ख्वाब नहीं हो सकती हूं ना दिन हो सकती हूं ना रात हो सकती हूं ना सुबह हो सकती हूं ना शाम हो सकती हूं ना जन्म हो सकती हूं ना मरन हो सकती हूं ना भूत हो सकती हूं ना भविष्य हो सकती हूं ना कातिल हो सकती हूं ना सरफ़राज़ हो सकती हूं ना राह हो सकती हूं ना गुमराह हो सकती हूं ना प्यार हो सकती हूं ना नफरत हो सकती हूं ना मैं आशा हो सकती हूं ना मैं निराश1 हो सकती हूं मैं सिर्फ और सिर्फ एक परिपूर्ण आत्मा हो सकती हूं ©neelu #Lake #मैं तुम्हारी तुमसे मुलाकात नहीं हो सकती हूं ना किसी की जमीन ना किसी का आसमान हो सकती हूं ख्याल में खुदके भी नहीं लिखती हूं किसी का
Himanshu Prajapati
चलो देखता हूं एक नया मंजर, मोहब्बतें धसा हुआ निकालकर खंजर..! ©Himanshu Prajapati #lovetaj चलो देखता हूं एक नया मंजर, मोहब्बतें धसा हुआ निकालकर खंजर..!
Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी
जब भी उसकी आंखे नम देखता हूँ, खुदा की बेइंतबा सितम देखता हूँ। #कलमसत्यकी ©Dr. Satyendra Sharma #कलमसत्यकी #bicycleride जब भी उसकी आंखे नम देखता हूँ, खुदा की बेइंतबा सितम देखता हूँ। #कलमसत्यकी
Abhishek Sanatani
रात से पूछता हूँ कैसे सहती हो यह एकांत अपनी छाती पर अकेले रात हँसती है मेरी देह पर एक शब्द लिखकर : 'सुबह' ©Abhishek Sanatani #SunSet पुंछता हूं
gaTTubaba
कुछ तो बदल रहा हैं वक्त या मैं ? तुमको देखता हूं तो सच ही नजर आता हैं क्या झूठ के साथ खड़ा मैं ? ©gaTTubaba #longdrive कुछ तो बदल रहा हैं वक्त या मैं ? तुमको देखता हूं तो सच ही नजर आता हैं क्या झूठ के साथ खड़ा मैं ?
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
हम समझते हैं ख़ुदा हमें ऊपर से देखता है पर असल में वह हमें अंदर से देखता है!! ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS हम समझते हैं ख़ुदा हमें ऊपर से देखता है पर असल में वह हमें अंदर से देखता है!!
Poet Kuldeep Singh Ruhela
बहुत खूबसूरत लिखता हूं में तेरा नाम अगर कह दूं तो कोई बात हो देखता हूं तुझको राह में रोज लेकिन तुझको कोई बात कह तो कोई बात हो ©Poet Kuldeep Singh Ruhela बहुत खूबसूरत लिखता हूं में तेरा नाम अगर कह दूं तो कोई बात हो देखता हूं तुझको राह में रोज लेकिन तुझको कोई बात कह तो कोई बात हो