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Ravendra

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- बच्चों का यह खेल , खींच लाता है बचपन । देख इन्हें अब आज , याद आता वह जीवन ।। बच्चों का यह खेल ... #कविता

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गीत :-
बच्चों का यह खेल , खींच लाता है बचपन ।
देख इन्हें अब आज , याद आता वह जीवन ।।
बच्चों का यह खेल ...

वह लम्बा परिवार , और छोटा सा भीतर ।
लड़ते हम सब संग , जैसे बाज औ तीतर ।।
हो जाएँ जब तंग , छुपे फिर माँ के आँचल ।
छोटी सी हो बात , मगर हो जाती अनबन ।।
बच्चों का यह खेल ...।

आज नही है पास , हमारे दिन वह सुंदर ।
आते घर जब घूम , बने रहते थे बन्दर ।।
बापू देते डाट , मातु से होती ठन-ठन ।
यह बालक नादान , अभी हैं ये कोमल मन ।
बच्चों का यह खेल ...।

खेलों में ही बीत , सदा जाता था वह दिन ।
कभी नही थी सोच , काल क्या हो किसके बिन ।।
बस इतना था याद , यही होगा नवजीवन ।
छू कर माँ के पाँव , सदा करता जो वंदन ।।

बच्चों का यह खेल , खींच लाता है बचपन ।
देख इन्हें अब आज , याद आता वह जीवन ।।


०६/१०/२०२३     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :-


बच्चों का यह खेल , खींच लाता है बचपन ।

देख इन्हें अब आज , याद आता वह जीवन ।।

बच्चों का यह खेल ...

N S Yadav GoldMine

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Anuradha T Gautam 6280

अपनी मृत्यु और अपनों की मृत्यु डरावनी लगती है। बाकी तो मौत को👉 #Enjoy 👈ही करता है इंसान मौत के स्वाद का चटखारे लेता मनुष्य थोड़ा कड़वा लिखा है #विचार

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Vedantika

♥️ आइए लिखते हैं मुहावरेवालीरचना_66 आधा तीतर और बटेर मुहावरे का अर्थ है - अधूरा ज्ञान ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो लेख

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आधे तीतर आधे बटेर ने लालाजी का किया बुरा हाल
किस्सा-ए-‘वेद’ ये तब का हैं जब वे हुए बहुत बीमार
कंजूसी की आदत के मारे लालाजी ने दावत उड़ाई
बासी खाना खाकर उन्होंने अपनी तोंद फुलाई
असर ऐसा हुआ दावत का लालाजी हुए बेहोश
एक डॉक्टर था सिरहाने जब उनको आया होश
डॉक्टर कम वो फकीर था ज्यादा झाड़ फूंक करने लगा
जड़ी बूटियों को पीसकर कुछ जतन करने लगा
देखकर उसके रंग-ढंग लालाजी को चढ़ा बुखार
लेकिन पैसों का सोच कर पी गए कड़वा क्वाथ
फिर उन्हें आए चक्कर औऱ जान पर बन आई
जड़ी बूटी के फेर में विषबेल थी उन्हें खिलाई
तब पैसों का मोह छोड़ वो गए अस्पताल
जान बचाकर आये वो करते कदमताल
जानवरों का डॉक्टर था जो घर पर था आया
आधा तीतर आधा बटेर ने जीवन पर संकट लाया ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_66 

आधा तीतर और बटेर मुहावरे का अर्थ है - अधूरा ज्ञान

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♥️ दो लेख

रविन्द्र 'गुल' ek shayar

आंखें खुली रहें तेरी तीतर-बटेर सी... #शायरी

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AB

सुनो ना,. क्या तुम्हें पता है दुनिया में सबसे अधिक सुखद क्या होता होगा...? किसी अजन्मे

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©alps   सुनो ना,.

क्या तुम्हें पता है दुनिया में
सबसे अधिक सुखद
क्या होता होगा...?


किसी अजन्मे

AB

तुम्हें पता है तुम्हारे मन की चंचलता और ह्रदय की सुंदरता से मेरी पूरी देह में बस चुकी है, ठीक वैसे जैसे बनारस के घाट पर अटका घर लौटने पर

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( अनुशीर्षक ) 
तुम्हें पता है तुम्हारे मन की चंचलता 
और ह्रदय की सुंदरता से मेरी
पूरी देह में बस चुकी है,

ठीक वैसे जैसे बनारस के घाट पर अटका
घर लौटने पर

AB

वर्षों बाद मैं , फिर गुजरा उस रास्ते से वही पुरानी सर्द हवाएँ निकली मुझे छूकर आहिस्ते से । कुछ नहीं बदला था सब वही पुरानी , वही कच्चे रास्त #YourQuoteAndMine #सिर्फ_तुम #vivu #ekbihari #alpanas #vivupoetry #kukuduku🦋

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(Long collab)
 वर्षों बाद मैं , फिर
गुजरा उस रास्ते से
वही पुरानी सर्द हवाएँ
निकली मुझे छूकर आहिस्ते से ।

कुछ नहीं बदला था
सब वही पुरानी ,
वही कच्चे रास्त

Anita Saini

आजा रे आजा रे ओ बदरा प्यारे ।।१।। तीतर बटेर,कोयल, पपीहा मोर पुकारे।।२।। तेरे दरस को, तरस रहे हैं सारे।।३।। सूरज की अग्नि में, झुलस रहे ह #feelings #yqbaba #philosophy #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqthoughts #ओबदरा

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आजा रे आजा रे 
ओ बदरा प्यारे ।।१।।
 तीतर बटेर,कोयल,
 पपीहा मोर पुकारे।।२।।
तेरे दरस को,
तरस रहे हैं सारे।।३।।
सूरज की अग्नि में,
 झुलस रहे हैं सारे।।४।।
ताल तैलया,नदियाँ, 
पोखर,सूख गए हैं सारे।।५।।
बिन पानी कैसे जिएं जीव,
तू ही आकर प्राण बचा रे।।६।।
हृदय इतना कठोर न कर,
रिमझिम बरखा बरसा रे।।७।।
लहलहा उठेगी धरती,भर दे
तू ताल तैलया और नदिया रे।।८।। आजा रे आजा रे 
ओ बदरा प्यारे ।।१।।
 तीतर बटेर,कोयल,
 पपीहा मोर पुकारे।।२।।
तेरे दरस को,
तरस रहे हैं सारे।।३।।
सूरज की अग्नि में,
 झुलस रहे ह
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