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Vikas Sharma Shivaaya'
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: ओम भयहरणं च भैरव:। ओम कालभैरवाय नम:। ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ओम भ्रं कालभैरवाय फट्। ओ पालनहारे,निर्गुण और न्यारे-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं-हमरी उलझन-सुलझाओ भगवन-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं तुम्हीं हमका हो संभाले-तुम्हीं हमरे रखवाले-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं चन्दा में तुम्हीं तो भरे हो चांदनी-सूरज में उजाला तुम्हीं से-ये गगन है मगन-तुम्हीं तो दिए हो इसे तारे-भगवन ये जीवन-तुम्हीं ना संवारोगे-तो क्या कोई सँवारे-ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे- तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं जो सुनो तो कहे-प्रभुजी हमरी है बिनती-दुखी जन को,धीरज दो-हारे नहीं वो कभी दुख से-तुम निर्बल को रक्षा दो-रह पाएं निर्बल सुख से-भक्ति को, शक्ति दो-भक्ति को, शक्ति दो-जग के जो स्वामी हो,इतनी तो अरज सुनो-हैं पथ में अंधियारे-दे दो वरदान में उजियारे,ओ पालनहारे-निर्गुण और न्यारे-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं-हमरी उलझन, सुलझाओ भगवन-तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: ओम भयहरणं च भैरव:। ओम कालभैरवाय नम:। ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ओम भ्रं कालभैरवाय फट्
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य: ओम भयहरणं च भैरव:। ओम कालभैरवाय नम:। ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं। ओम भ्रं कालभैरवाय फट् #समाज
read moreGudiya Gupta (kavyatri).....
व्यापक सी दिल की गहराई संग चोट लिए मैं मुस्काई कराह की पीड़ा रखकर परे मधुर बांसुरी सुन ..मैं हूं मौन..! हे माधव ! हे श्री कृष्ण ! तुम्हारे बिन मेरा कौन..!! ©Gudiya Gupta (kavyatri)..... #तुमरे बिन मेरा कौन
Sneh Prem Chand
ओ पालनहारे। ओ पालनहारे।। करुणा की ज्योत जला दे न हर दिल में, यही करूं मैं विनती सांझ सकारे।। ©Sneh Prem Chand ओ पालनहारे
ओ पालनहारे
read moreअविरल अनुभूति
तुम्हे सिर्फ मीठा परमात्मा चाहिए, लेकिन वो मीठा और कड़वा दोनों है। निर्गुण, सगुण, परिपूर्ण⚜️🔱 ©अविरल अनुभूति निर्गुण
निर्गुण #Quotes
read moreसुरेश चौधरी
तन बिगाड़ा मन बिगाड़ा रे डूब डूब कर द्वेष गरल में छोड़ अहंकार जी ले प्राणी प्रेम प्रीत सा सहज सरल में पी प्राणी कुम्भ राम रस का अजी पी प्याला श्याम रस का तूने मैली की माया मोह से चदरिया आई क्यूं जिंदगानी पर काली बदरिया गुमान तू मत कर पांच तत्व के चोले पर तेरे तन की इक दिन ढह जायगी अटरिया धन दौलत के पीछे भागा पी हाला क्रोध काम रस का पी प्राणी कुम्भ राम रस का अजी पी प्याला श्याम रस का माटी के पुतले माटी में मील जायंगे महल मालिया तेरे सब यहीं रह जायंगे सांस सांस बस काम क्रोध धरे रह जायंगे संभल जा प्यारे छोड़ सब प्रभु घर जायंगे कितनी कर ली कमाई इंदु अब पी हरी नाम रस का पी प्राणी कुम्भ राम रस का अजी पी प्याला श्याम रस का ****** निर्गुण भजन
निर्गुण भजन
read moreAyush kumar gautam
मेरे ईष्टदेव मेरे पालनहारे मेरी रूठी तकदीर है हाथ तुम्हारे जपूं आप ही को सांझ सकारे आहट सुन आपकी हुआ वारे न्यारे भटका हूं पाने को आपको नगरी नगरी द्वारे द्वारे अनुभूति हुई आप तो हो भीतर ही हमारे जिन खोजा तिन पा रहा हूं गीत तुम्हारे होकर मगन गा रहा हूं आभा का तुम्हारी आभास कर पा रहा हूं मेरे ईष्टदेव मेरे पालन हारे मेरी रूठी तकदीर है हाथ तुम्हारे कवि आयुष कुमार गौतम मेरे ईष्टदेव मेरे पालनहारे.......
मेरे ईष्टदेव मेरे पालनहारे.......
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