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Heer
मातृतृत्व (मातृप्रेम)— यशोदा मैया कान्हा तू काहे सताए मोहे...। भोर से निकाला अब सांझ भई तेरी यादों में मैय्या खोई, कबसे राह निहारे थक गए नैन अब मोरे, जाने कितना सताए गोपियां ये सोच सोच जी घबराए, कान्हा तू काहे सताए मोहे ...। न भेजूं अब गैया चराने न करने दू चौखट पार, गले लगाने को तड़प रही बाहें नैन दरस बिन पथराए, अपने हाथों पकवान बनाए जो लल्ला के मन को भाए, जल्दी जल्दी घर आजा लल्ला तू इतना काहे सताए मोहे....। नंद बाबा जल्दी जाओ मेरे लल्ला को ले आओ, मन को चैन तब तक न आवे जब तक लल्ला को दरस न पावे। ©Heer #मातृत्व प्रेम - मैया यशोदा
Gurudeen Verma
शीर्षक- छेड़ता है मुझको यशोदा मैया --------------------------------------------------------------- (शेर)- करता है बहुत परेशान, सुन ओ यशोदा मैया। राहों में आते जाते मुझको, तेरा नटखट कन्हैया।। ------------------------------------------------------------ छेड़ता है मुझको यशोदा मैया। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। परेशान राहों में, करता है मुझको। पनघट पर जाते, देखकर मुझको।। कंकर मारकर, फोड़े मेरी मटकी। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। जहाँ मैं जाती हूँ, वहाँ यह आता है। नहाते समय, मेरे कपड़े चुराता है।। माखन खाये मेरा, चुपके से आकर। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। अपनी मुरली पर यह, मुझको नचाये। सोने नहीं देता यह, मुझको जगाये।। मेरी राधा कहकर, मुझको पुकारे। नटखट तेरा यह कन्हैया।। छेड़ता है मुझको----------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #छेड़ता है मुझको यशोदा मैया
Sagar singad
गोविंद बोलो☹🙏🏻🙏🏻 हरि गोपाल यशोदा☹ मैया🙏🏻🙏🏻 मित्र☹ ©Sagar singad #गोविंद #बोलो ☹🙏🏻🙏🏻 #हरि #गोपाल #यशोदा☹ #मैया 🙏🏻🙏🏻 #मित्र☹
Abhishek Tiwari
महज़ दो साल का है जिसके बिना रहा न जाता है वो मेरा लल्ला है जो मुझे खूब भाता है ©Abhishek Tiwari मेरा लल्ला
Pushpendra Pankaj
मेरे रोम-रोम बसे हुए हो, गोविंदा तुझसे गहरा नाता, ऐसा लगाव जो बढता जाता क्यों है ऐसा समझ ना पाता, मुख तो मौन है,भाव बताता, सुध बुध खोकर झूमता गाता तू ही सबको सांस बाँटता, तू ही इन्हें रखाता इसी लिए मैं बेपरवाह हो, वृन्दावन तक आता ।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj लल्ला की छठी
प्रशान्त पंडित (जौनपुरिया लौंडा)
कोई मेरे जैसा नहीं मिलेगा अब तुझे तू सोलह सोमवारी ही क्यों न रख ले !! #महादेव #महादेव के लल्ला