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Mamta Singh

#WritersSpecial कविता ये हैं क्या!! चंद शब्दों,या कुछ पंक्तियों का समूह। या किसी विरहनी के अंतर्मन से निकली व्यथा। किसी भक्त के वाणी से निकल

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Kavi Aditya Shukla

आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था। चंद्रशेखर आ #कविता

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आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था।
चंद्रशेखर आज़ाद - आज भी कोई यह नाम लेता है, तो मूंछ पर ताव देते एक ऐसे पुरुष की छवि सामने आती है जो देशसेवा में अपना सबकुछ बलिदान कर गया। वीर सपूत आज़ाद के बलिदान दिवस पर कोटिशः नमन।

मलते रह गए हाथ शिकारी... 
उड़ गया पंछी तोड़ पिटारी.. 
अंतिम गोली ख़ुद को मारी ... 
जियो तिवारी जनेऊधारी

©Kavi Aditya Shukla आज ही के दिन महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित चंद्रशेखर आजाद जी ने 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के अल्फ्रेड पार्क में बलिदान दिया था।

चंद्रशेखर आ

VEER NIRVEL

ये जो लड़कियां मुंह पर हाथ रखने वाली डीपी लगाती है न, ये वही होती है जिनके मुंह पर हल्की-हल्की मूंछे होती है.... #Chai_Lover

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ये जो लड़कियां 
मुंह पर हाथ रखने वाली डीपी लगाती है न,
ये वही होती है 
जिनके मुंह पर हल्की-हल्की मूंछे होती है....
#Chai_Lover

©VEER NIRVEL ये जो लड़कियां मुंह पर हाथ रखने वाली डीपी लगाती है न,
ये वही होती है जिनके मुंह पर हल्की-हल्की मूंछे होती है....
#Chai_Lover

Vaibhav's Poetry

सिर कटवा लेना पर मूंछें नहीं 😎🔥 . . #moustache #Rajput #Suryavanshi #thakursahab #dadahukm #Reels #pic #Trending #Fashion Sircastic #films

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Rajnish Shrivastava

# जिसके पास न होती मूंछ ,उसकी कहीं न होती पूछ #कॉमेडी

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सुसि ग़ाफ़िल

मेरा प्यारा हरियाणा आज शेरा की धरती का जन्म होया रै , नाम हरियाणा प्रदेश यो ट्रेंड होया रै , यहां लोगों की आदत है अच्छे काम करण की, न्यू ह

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आज शेरां की धरती का जन्म होया रै ,
नाम हरियाणा प्रदेश यो ट्रेंड होया रै ,

यहां लोगों की आदत है अच्छे काम करण की,
न्यू है तो हरियाणा नंबर वन होया रै !

दूध दही देशी खाना घात में जान झौटे बरगी रै,
सारे दंगला में कब्जा हरियाणा का होया रै!!

टूबल के ऊपर महफिल जमावें , चाले पहले तोड़ की
मारे दौले बलदा की जोड़ी रे जावे ठोकर में गोली फोड़ दी।

6-6 के फुट के छोरे , खेल कुश्ती कबड्डी जिगरी होया रै,
यहां के रूके किल्की और भगत भोले के फेमस होये रै !

यहां के पहनावे में धोती खंडका खानदानी होया रै,
गुंडी आली मूंछ और हुक्का वाली बैठक का चर्चा होया रै!

भारत की बात अलग है पूरे विश्व में फेमस होया रै ,
यहां की छोरियां न पूरे विश्व में तिरंगा लहराया रे!

इतनी खूबियां गैल म्हारा हरियाणा ट्रेंडिंग में आया रे
रवा यहां सब मिलजुल कर भाईचारे में नाम कमाया रै ।। मेरा प्यारा हरियाणा

आज शेरा की धरती का जन्म होया रै ,
नाम हरियाणा प्रदेश यो ट्रेंड होया रै ,

यहां लोगों की आदत है अच्छे काम करण की,
न्यू ह

Shree

दूरियों के मुसाफ़िर बहुत कुछ सह लेते हैं, मर्द भी कहां आसानी से मर्द बने रहते हैं... पिता, पुत्र, भाई, सखा, पति बनते हुए... खुद को वो भी भू #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #a_journey_of_thoughts #दूरियोंकेमुसाफ़िर

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बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...
पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भूल ही जाते हैं। दूरियों के मुसाफ़िर
बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...

पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भू

Insprational Qoute

पूरे दिन खेल के साथ बिताना,गुड्डे,गुड़ियों का ब्याह रचना, बन बाराती ,डोल नगाड़े ले जाते थे घोड़े हाथी, ऐसे ही था पूरा दिन मैं बिताती, खेलों के #बचपन #yqbaba #yqdidi #लड़कपन #hkkhindipoetry #अभिव्यक्ति_challange

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पूरे दिन खेल के साथ बिताना,गुड्डे,गुड़ियों का ब्याह रचना,
बन बाराती ,डोल नगाड़े ले जाते थे घोड़े हाथी,
ऐसे ही था पूरा दिन मैं बिताती,
खेलों के नाम तो वो भी गजब थे,
आँख मिचौली ,ऊंच नीच का पहाड़,बर्फ पानी,सुनते थे परियों की कहानी,
पंचतंत्र और चंपक की किताब, चाचा चौधरी के मूंछें थी वाकई नवाब,
आया सावन  बारिश की आई बहार, हम रज के नहाते थे और चलाते थे कागज की नाव
बस ऐसा ही खूबसूरत था ये लड़कपन,
पीछे छूट गया मेरा प्यारा बचपन ,
आ गई नये जमाने मे,सच पूछो तो दुनिया के फसाने में,
आज भी याद आते है बीते बचपन के किस्से दीवाने से,
अब तो बस जिंदगी जी रहे हैं या बोले कि बस जी ही रहे हैं,
कोई सुख का राग अलाप रहे हैं तो कोई दुख का राग अलाप रहे हैं,
पहले बचपन फिर लड़कपन जवानी ले गया,
वक़्त जालिम हमारी जिंदगानी ले गया,
हमे ऐसे सफर पर छोड़ गया,
न मुड़कर मेरा लड़कपन आया,
जहाँ न मुझे मिला किसी मोड़ पर मेरा सुहाना बचपन,
उसमे जीवन की यादे थी  अधिकतम,
आँखों मे लिए आँसू अब दिल जिंदगी से करता गुहार,
लौटा दो कोई अल्हड़ लड़कपन,
लौटा दो कोई आवारा बचपन,
Part-2 पूरे दिन खेल के साथ बिताना,गुड्डे,गुड़ियों का ब्याह रचना,
बन बाराती ,डोल नगाड़े ले जाते थे घोड़े हाथी,
ऐसे ही था पूरा दिन मैं बिताती,
खेलों के

यशवंत कुमार

विधाता का फ़रमान ! मेरे जन्म से पहले विधाता ने मुझको, संदेशा भेज बुलवाया, भरी सभा में मेरे पहुँचते ही, फ़रमान अपना सुनवाया। "बहुत

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विधाता का फ़रमान !

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 विधाता का फ़रमान !


मेरे जन्म से पहले विधाता ने मुझको, संदेशा भेज बुलवाया,
भरी  सभा  में  मेरे  पहुँचते  ही,  फ़रमान  अपना  सुनवाया।

"बहुत

Shakuntala Sharma

#MemeBanano मेरी मूंछ में साइकिल के ब्रेक नही लगे है। #मीम

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