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Satendra Sharma
दुनिया की शतरंजी चालें समझ में आती नहीं, बनावटी रौनकें मन को सुकुन दे पाती नहीं। झूठी महफिलों से तन्हा रहना अच्छा है, ये वो दुनिया है जो किसी पे तरस खाती नहीं । बेमुरब्बती दिल की चेहरे से नजर आती नहीं, कोरे अल्फाज़ से दिल को राहत आती नहीं। झूठी तारीफों से खामोशी सहना अच्छा है, ये वो दुनिया है जो टूटे को हौसला दिलाती नहीं। लिबास चमकते हैं कद्र किरदार की होती नहीं, दिल के भावों से हैसियत आंकी जाती नहीं। रंगीन तस्वीरों से गुमनाम रहना अच्छा है, ये वो दुनिया है जो तस्वीरों के रंग देख पाती नहीं। ..... सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के 💝 से......
Anisha Dodke
विनम्र अभिवादन सिडको कर्मभूमी असलेले श्रेष्ठ नागरिक सर्वांच्या मनावर अधिराज्य गाजवणारे एक अनुभवी वेक्तिमहत्व म्हणून पाहण्याचा सर्वांचाच दृष्टिकोन बा..... जय भीम जय भीम हा नारा मुखीं बाळगत लहान थोरांना संभाषित करणारे लहान मुलापासून ते मोठयान पर्यन्त सर्वांचेच काका...... दिलखुलास जगणं सदा हसऱ्या चेहऱ्याने मनसोक्त पणे वावरणारे असे सर्वांचे लाडके काका...... आज तुम्ही जगाचा निरोप घेतला अस म्हणतात की जी वेक्ती निसर्गाला प्रिय असते त्या व्यक्ती साठी निसर्गही दुःख व्यक्त करतो अगदी तेच झालं ढगांना ही तुमचं अचानक निरोप न देता अस जाण्याच दुःख रावलं नाही म्हणून त्यांची ही आपना साठी अश्रू डाळले........ तुम्ही आज जगाचा निरोप घेतला पण तुमची महती माणुसकी मात्र आजही शिल्लक आहे...........! कवयित्री:कु अनिषा दिलीप दोडके ©Anisha Dodke काका कविता काका कविता #friends
jay Ravray
फूलो जैसी जिदंगी वो शेर कि तरह जिकर गए ; वादा किया था साथ निभाने का पर बीच मे हि साथ छोड़ दिया ©jay Ravray काका
Satendra Sharma
रांझा मैं बन न सका हीर तुम भी हो ना पाये। घ्रणित मैं बन न सका प्रेम तुम भी हो ना पाये। तरुण 'तरंग' तृष्णा का सदा दास रहा प्रिये, पूर्णकाम मैं बन न सका तृप्त तुम भी हो ना पाये। ...... सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के ❤️दिल❤️ से.....
Satendra Sharma
#2YearsOfNojoto दरमियान तेरे-मेरे, फासले यूं तो बेशुमार थे। बेमुरब्बत जमाने ने, कहानी यूं ही लिख दी हमारी।। ....... सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के 💝दिल💝 से......
Satendra Sharma
गमों में साथ देने वाला ही गम देकर चला जाता है, तन्हाई दूर करने वाला ही वीरानी देकर चला जाता है। न जाने कैसी किस्मत लेकर आते हैं ये आशिक 'तरंग', साहिल पर आते ही समन्दर साथ छोड़कर चला जाता है। ...... सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के 💝दिल💝 से......
Satendra Sharma
💕💕 यूँ ही नहीं चीर जाते कलेजे को नश्तर की माफ़िक कुछ लफ्ज़, महबूब की ठोकर से उड़ती खाक़ से वाबस्ता होना पड़ता है। दर्द की मीनार पर खडे़ होकर गम की गज़ल गाना आसां नहीं, अपनी हस्ती फनाह करके खुद के वज़ूद को मिटाना पड़ता है। यूं ही नहीं दर्ज होती इतिहास के पन्नों में मोहब्बत की दास्ताँ, हर खुशी से बेज़ार होकर गम-ए-दौर को दिल से लगाना पड़ता है। मोहब्बत का फलसफ़ा लिखना इस जहां में सबके लिए मुमकिन नहीं, कलम खून के आँसूओं में डुबोकर किस्सा-ए-उल्फ़त लिखना पड़ता है। यूं ही नहीं बन जाते आशिक जमाने में फख्र-ए-मौहब्बत की मिसाल, कत्ल करके जज्बातों का खुद को कातिल की कतार में लाना पड़ता है। मोहब्बत में मंजिल मिल ही जाये आशिकों को यह लाज़िमी नहीं, दर्द-ए-दरिया में खुदी को डुबोकर 'तरंग' पार जाना पड़ता है। .......सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के 💝दिल💝 से.....
Satendra Sharma
#OpenPoetry 💕💕 अरमान दिल के बेदर्दी से कुचले किसी ने, बेमुरव्वत फ़ितरत से आये न वो बाज़। हमने मोहब्बत की उसने की हमसे जफ़ा, वो हमारे नहीं, बड़ी संगदिली से कह गये। तोहफ़ा उल्फ़त में बस ये दिया है किसी ने, नग़में गमों के और टूटा हुआ दिल-ए-साज़। एक बार नहीं वो बेवफ़ा हुए सौ दफ़ा, हम मुस्कराकर हर बार हर वार सह गये। सूनी आँखों में झाँककर जो पूछा किसी ने, नम आँखों की तड़फ और सूनेपन का राज़। बता ना सके दिल टूटने का फलसफ़ा, सर झुकाकर चंद आँसू टपकाकर रह गये। ......... सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग' के 💝दिल💝 से......