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M. Vats Maratha

मुझ अंतहीन आकाश को भला! क्या चंद मुठ्ठी भर दुनिया बांध पाएगी? मैं हूं विस्तृत और रहस्यमयी शक्ति, जैसे शब्दों ने रची हो भावों की अभिव्यक्ति।

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अंतहीन आकाश

(read in caption) मुझ अंतहीन आकाश को भला!
क्या चंद मुठ्ठी भर दुनिया बांध पाएगी?
मैं हूं विस्तृत और रहस्यमयी शक्ति,
जैसे शब्दों ने रची हो भावों की अभिव्यक्ति।

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की किसी याचक के पात्र में दूर से -अहंका #समाज

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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की किसी याचक के पात्र में दूर से -अहंकार से -उसका उपहास उड़ाते हुए सिक्का फेंकना आपकी उदारता या दान नहीं अपितु उसकी गरीबी -लाचारी और बेबसी का मजाक उड़ाना है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हम अक्सर आपसी बातचीत में कहते हैं की अमुक व्यक्ति  आपकी बुराई -निंदा कर रहा था -आपके बारे में अनर्गल बोल रहा था पर जरा सोच कर देखिये चूँकि आपको भी सुनने में आनंद आ रहा था -आपके लिए भी ये एक गॉसिप थी -और सबसे बड़ी बात आप सुन रहे थे इसलिए सामने वाले को मौका मिल रहा था ,अगर आप एक क्षण के किये भी सामने वाले को ये अहसास करा देते की आपकी इसमें कोई रूचि नहीं है या वो आपसे इस तरह की बातें ना किया करे तो सामने वाले को मौका ही नहीं मिलता ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बुरे वक़्त के दौर में गर मात्र दुःख ही सहना पड़े तो कोई बात नहीं परन्तु की तरह यहाँ दुःख के साथ दूसरों से ज्यादा अपनों के ताने -अपमान -रूखापन -बेरुखी -मुफ्त सलाह ना जाने क्या क्या और सहना पड़ता है ...,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की बहुत मुश्किल -पीड़ादायक -आंसू भरा होता है किसी ऐसे इंसान के द्वारा रोज विषपान करना जिसने हर बुरे वक़्त में चाहे दिखावे और अहंकार के लिए ही सही पर आपका साथ दिया हो ...,

आखिर में एक ही बात समझ आई की घर -परिवार -कार्यालय -समाज में रामायण की सकारात्मकता का माहौल पैदा करना है तो नम्र  -धैर्य -गंभीरता -श्रद्धा -भाव -समर्पण -त्याग -समभाव  -दान -क्षमा  आदि को सुनना -समझना -धारण एवं पालन करना होगा ,नहीं तो छल -झूठ -कपट -लालच -ईर्ष्या -द्वेष -अहंकार -नफरत -पञ्च विकारों द्वारा रोज महाभारत तो रची ही जा रही है !

अपनी दुआओं में हमें याद रखें🙏

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की किसी याचक के पात्र में दूर से -अहंका

Divyanshu Pathak

5. पांचवां दिन और स्कंदमाता की उपासना। -- हमने आपको मैया शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघण्टा,कूष्मांडा क्रमशः अंक 9,8,7,6 के बारे में बताया क #yqdidi #नवरात्रि #पाठकपुराण

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5. पांचवां दिन और स्कंदमाता की उपासना।
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हमने आपको मैया शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघण्टा,कूष्मांडा क्रमशः अंक 9,8,7,6 के बारे में बताया कि जीवन के आरंभ और पोषण के साथ सृष्टि में होने वाले कौतूहल के साथ ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति में प्रथम चार देवियों का योग निहित हुआ। स्कंदमाता के दिन में सुमार नवरात्रों का ये 5 वां दिन है।आज के दिन तिथि भी पञ्चमी है। सम्पूर्ण सृष्टि का सूक्ष्मतम रूप पंच महाभूत ( आकाश Space , वायु Air- Quark, अग्नि fire-Energy, जल water- Force तथा पृथ्वी Earth-Matter ) माने गए हैं जिनसे सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ बना है। देवताओं को भोग लगाने के लिए 5 तरह के द्रव्य मिलाए जाते हैं जिनसे पंचामृत बनता है।
देहधारियों में 5 ज्ञानेंद्रिय और 5 ही कर्मेन्द्रीयाँ हैं।शब्द ,रूप, रस, गंध और स्पर्श ये 5 इंद्रियों के विषय हैं।किसी मसले को सुलझाने के लिए पाँच लोगों का आगे आकर निराकरण करने में सहयोग 'पञ्च परमेश्वर' के रूप में देखा जाता है। हमारे राजस्थान में पंच पीरों को लोक देवता के रूप में पूजा जाता है। उनके बारे में एक प्रसिद्ध दोहा है-
पाबू, हड़बू, रामदे, मांगलिया, मेहा ।
पांचो पीर पधारज्यों, गोगाजी जेहा।। 5. पांचवां दिन और स्कंदमाता की उपासना।
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हमने आपको मैया शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघण्टा,कूष्मांडा क्रमशः अंक 9,8,7,6 के बारे में बताया क

Aprasil mishra

जब हम संघर्ष के दिनों में होते हैं, तो प्रायः परिवार, समाज, अपनी परिस्थिति व प्रस्थिति, सगे- संबंधियों... आदि को लेकर हमारे अं #diary #yqhindi #idealism

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"""हमारे संघर्ष और हमारे प्रवर्धित मूल्य """


 
             जब हम संघर्ष के दिनों में होते हैं, तो प्रायः परिवार, समाज, अपनी परिस्थिति व प्रस्थिति, सगे- संबंधियों... आदि को लेकर हमारे अं

Jaydeep Yadav

कृपया पुरा पढें 🕯🕯 अधूरा_ज्ञान_खतरनाक_होता_है। 33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी देवता हैं हिंदू धर्म में ; कोटि = प्रकार । देवभाषा संस्कृत में #nojotophoto

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 कृपया पुरा पढें 🕯🕯
#अधूरा_ज्ञान_खतरनाक_होता_है।

33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी देवता हैं हिंदू धर्म में ;

कोटि = प्रकार । 
देवभाषा संस्कृत में
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