Find the Latest Status about चुनावी माहौल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, चुनावी माहौल.
नवनीत ठाकुर
तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से लिपटी बहार गुज़री है। तेरी राहों में जो ठहरे थे सिलसिले, वो सब रातों में बनके खुमार गुज़री है। तू जो आया तो एहसास यूँ हुआ नवनीत, ज़िंदगी अब तलक बेकरार गुज़री है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से ल
#नवनीतठाकुर तेरी आमद ने दिये दिल को सुकून ऐसे, कि हर लम्हा ख़ुशी में गुलज़ार गुज़री है। तेरा ज़िक्र आया तो माहौल महक उठा, कि जैसे गुलों से ल
read moreHimanshu Prajapati
जब बात किया पुराने दोस्तों से वो दिन तो वापस आया नहीं, लेकिन माहौल पहले से भी ज्यादा अपनेपन का था..! ©Himanshu Prajapati #friends जब बात किया पुराने दोस्तों से वो दिन तो वापस आया नहीं, लेकिन माहौल पहले से भी ज्यादा अपनेपन का था..! #36gyan #hpstrange
#friends जब बात किया पुराने दोस्तों से वो दिन तो वापस आया नहीं, लेकिन माहौल पहले से भी ज्यादा अपनेपन का था..! #36gyan #hpstrange
read moreArjun Singh Rathoud #Gwalior City
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
read moreRakesh frnds4ever
White वो पुरुष कैसे संभाले खुद को जो कि ना तो नशा करता है ,,,,,,,,ना ही गाली देता है जिसका न कोई संगी साथी है ,,,,,,,,,,,,न की प्रेमी न दुश्मन जिसके ना कोई अपने हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,न कोई पराये जिसमें ना कोई चालाकी है ,,,,,,,,,,,,,,,,न कोई बेईमानी जो इस कलियुगी युग के माहौल जैसा नहीं है ,,,,, वो जो कि दिल, दिमाग ,आत्मा, तन - मन ,शरीर से इस नरकीय, क्रूर, जहन्नुम जैसी दुनिया में आर्थिक, सामाजिक ,शारीरिक, संवेदनात्मक, भावात्मक ,मानसिक बौद्धिक, संवेगात्मक, आत्मिक ,वंशानुगत, पारिवारिक आदि सभी स्वरूपों में निरंतर प्रताड़ित किया जा रहा है,,,नोचा जा रहा है,,, मारा जा रहा है,,,... कैसे संभाले वो खुद को ©Rakesh frnds4ever वो #पुरुष कैसे #संभाले खुद को जो कि ना तो #नशा करता है ना ही गाली देता है जिसका न कोई संगी #साथी है न की #प्रेमी न दुश्मन जिसके
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है, ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उछलते है//२ चारसू देश मे दंगा ना हो जाए कहीं,ऐसे माहौल मे क्या लोग संभल सकते है//३ हो गया इंसा-इंसा के लहूं का प्यासा,अपने घर में ही अब अपनों से सब सिहरते है//४ "शमा"कुंद-ज़हनों मे उल्फत की*मेह बरसा दों, के नफरतों मे तो मुर्दे ही लोग जलते है//५ *जंग लगे दिमाग़*वर्षा #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #life_quotes जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है,ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उ
#life_quotes जिनके ज़हनो मे अदावत के सुर मचलते है,ऐसे अदुओ को आइन नहीं मसलते है//१ जो*जांसिता झूंडो मे टूट पड़ते है,वो रहनुमाओ के*सरमायो पे उ
read moreRakesh frnds4ever
White बर्फ बनकर जी रहे हैं हम इस मोम से जलते पिघलते कखोल में जूझ रहें हैं अकेले ही इस अंधकार, धुएं से धुंधलेपन में धूप होना लग रहा है मुश्किल झुलस सिकुड़ रहें हैं आत्मा से नरकीय माहौल में ©Rakesh frnds4ever #बर्फ बनकर जी रहे हैं #हम इस #मोम से जलते #पिघलते कखोल में जूझ रहें हैं अकेले ही इस #अंधकार , धुएं से धुंधलेपन में