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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White उम्र रसीदा औरते भी नादान होती है,वो अक्सर ये जानते हुए भी प्रेम में पड़ जाती है कि,इस उम्र में ठगी जाएंगी.... मगर फिर भी संजीदा होती है,आ जाता है उन्हें खुदके लिए वक्त निकाल कर जुल्म से निपटना, शौहर के गुमराह नैनो पे पैनी नजर रखना.... रिश्तों में दोहरेपन झेलती हुए,बावर्ची खाने में खुदको मसरूफ कर लेना,तो कभी पुराने नोट्स के पन्ने पलटने_लिखने में, खुदको तरन्नुम में गुनगुना लेना,कभी खुद पर तवज्जो से निहारकर निखार लेना,इस मानिंद खुदको खुद में तलाशती, अपने ही घर में खामोशी इख्तियार कर लेना,दर हकीकत ये औरतें बहुत नादान होती है,बाहर से शालीन,और अंतर्मन में गमगीन होती है... सच में उम्र रसीदा औरतें कितनी नादान होती है... Blog By....✍️ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Nightsउम्र रसीदा औरते भी नादान होती है,वो अक्सर ये जानते हुए भी प्रेम में पड़ जाती है कि,इस उम्र में ठगी जाएंगी,बिसराई जाएंगी....?? मगर फि
Gopal Pandit
यूंही भटकते भटकते गुज़र ना जाए ये वक्त सारा कसम तुम्हारी यकीन कर लो बिन तुम्हारे अब ना होगा गुज़ारा हर पल गुजरता सदियों के जैसा नाम ले ले कर के तुम्हारा जब तक ना देखें तस्वीर तेरी कहीं भी लगता ना अब दिल हमारा तेरी गली से हम जब भी गुजरें आंखों से बरसे अंसुओं धारा इतना यकीं तुम हमारा भी कर लो तुम्हारे सिवा नही कोई अपना सहारा नाम ले ले के जी लें तन्हा उमर भर जो श्याम तू ना हुआ हमारा के लिखने लगा जबसे तेरी कृपा को "पंडित" की जीवन में मेरे हुआ उजाला जब टूट कर मैं बिखर रहा था तेरे नाम मुझको संभाला दुनियां में तेरी चर्चा करूं मैं , मुझे भव सागर से तूने निकाला तू ही संभाले उसको सांवरे जिसने भी दिल(श्रद्धा) से तुझको पुकारा अब तो बचा ले ओह खाटू वाले तेरे सिवा नहीं कोई हमारा संभलने लगा हूं मैं दर पे तेरे आकर वरना मैं फिर रहा था दर बदर मारा मारा ज़माने को मैं बस इतना कहूंगा मुझे बेबसी से तूने निकाला इस दुनियां में ऐसा कोई नही है जिसको मुसीबत से ना तूने निकाला तेरी कृपा से ये धरती थमी है ये अंबर भी है श्याम तूने संभाला "पंडित"को आरजू बस तेरी है तेरे बिना ना मेरा होगा गुज़ारा हारा हूं श्याम मैं अब तुम मुझको संभालो हारे श्याम तुम ही हो सहारा। #गोपाल_पंडित ©Gopal Pandit #Janamashtmi2020 यूंही भटकते भटकते गुज़र ना जाए ये वक्त सारा कसम तुम्हारी यकीन कर लो बिन तुम्हारे अब ना होगा गुज़ारा हर पल गुजरता सदियों क
Kapil Saini
Mahadev Son
मनोरंजन के लिए न सौदा कर संस्कारों का भटक दर बदर न मिटा धरोहर पूर्वजों की जन्म हुआ जहाँ तेरे कर्मों के हिसाब से सोच जब यहाँ बनी कुंडली क्या वहाँ न होगी बस थाम कुल का हाथ हो जायेगा बेड़ापार माँ बाप से पहचान प्रमाण रगो बहता खून उनका कुल वंश का नाम रोशन करेगा पाला तुझको मुक्ति दिलएगा वंश उनका कर्म करेगा ऐसा खुद तो भटक रहा न भटका अपनी पीढ़ी को खोला जायेगा जब बहीखाता तेरा फिर से.... ©Mahadev Son मनोरंजन के लिए न सौदा कर इन संस्कारों का भटकर दर बदर मिटा रहा क्यूँ पूर्वजों की धरोहर जायेगा जब ऊपर तब क्या ज्वाब व हाल होगा दूसरे देश जात
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White शिर्क किया न कभी रब्बे जुलजलाल से,इ सलिए पशेमा ना हुई महशर ए अंजाम से//१ मैं यक़ीं मुनाफिको पर कैसे करूं,जो करे वादा खिलाफी और मुकर जाएं खुद के ही कलाम से//२ माजरा बेकसो_बेबसो का हमसे सुनो जो रह गए तिश्ना लब नहर ए फरात से//३ वो मुजाहिद क्यूं डरे भला किसी जल्लाद से, उम्र तमाम हो जिसकी जिहाद ए मकाम से//४ गर हो जाए बंटवारा रिश्तों का जहां,तो फिर नहीं पुकारते हमशीरी मुहब्बत ए कलाम से//५ चश्म में अश्क लिये और तिश्न लब लिए,क्यूं दिल मिलाएं हम,ऐसे*हाकीम ए हुक्काम से//६ माह ओ साल रदीफ और काफिया,लिख रही हूंअपने सुखन मे हालेजार*अय्याम से//७ बंद करे जो दर दरीचे आपकी*इखलास के, होते है कुछ*बाब हासिद ए हिसाब से//८ कभी चलती सांसों का हाल तो पूछा नहीं,अब क्यूं लेते हो पल्ले शमा*क मय्यत के *तआम से//९ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #SAD शिर्क किया न कभी रब्बे जुलजलाल से,इसलिए *पशेमा ना हुई महशर ए अंजाम से//१* लज्जित मैं यक़ीं*मुनाफिको पर कैसे करूं,जो करे वादा खिलाफी और
Kapil Saini
Mahadev Son
झुका दो सिर जहाँ तहाँ इसका अर्थ यह नहीं की हाजिरी लग गई या मुराद हो जायेगी पूरी तेरी जिस दर पे झुक जाये सिर तेरा खुद ब खुद आशीर्वाद भी वहाँ अपने आप मिल जाता ©Mahadev Son झुका दो सिर जहाँ तहाँ इसका अर्थ यह नहीं की हाजिरी लग गई या मुराद पूरी हो जायेगी दर कहते उसको जिस दर पे झुक जाये सिर खुद ब खुद तेरा आशीर्वा
Ravindra Singh
हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बेटा समझ कर । उठाया ज़मीन से ,इस लायक़ बनाया , ज़रूरतें हुई पूरी, माँ तूने रास्ता दिखाया । टूट गया था एक रोज़ मैं माँ , थे दरवाज़े सभी के, मेरे लिये बंद यहाँ । एक तू ही थी जो मेरे साथ खड़ी थी , थामी मेरी अंगुली जब मेरी कठिन घड़ी थी । तेरा उपकार माँ मैं सदैव याद रखूँगा , तेरे बुलाने पर तेरे दरबार आऊँगा ,मैंने है ठानी । हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा, दिल की बात मेरी जानी । ©Ravindra Singh #navratri हे माँ भवानी हे माता रानी , हे माँ भवानी तूने समझा मुझे, दिल की बात मेरी जानी । मुझको बुलाया तेरे दर पर , दिया आशीर्वाद तेरा बे
Shivkumar
बैल पर सवार होकर , माँ शैलपुत्री आ गई l शिव शंकर की प्यारी भवानी , दिल पर देखो वो छा गई ll घी का सुंदर दीप जलाएँ , नारियल का भोग हम सब लगाएँ l श्रद्धा भाव से शीश झुकाकर, माँ के सुंदर भजन को चलो गाएँ ll मनोकामना को पूरी करती , ख़ुशियों से झोली को है भरती l आशाएँ ये पूर्ण करती , ये रिद्धि- सिद्धी कि परवान है करती l भाग्य सबका ये सँवारती , भक्ति की राह पे हमें चलाती l ठिकाना हमको दर पर देती, विनती न किसी की वो ठुकराती ll जय-जय माँ शैलपुत्री , तू नारायणी तू कल्याणी l नवरात्रि का शुभारंभ करती , तू महारानी इस जग की है ll ©Shivkumar #navratri #नवरात्रि #navratri2024 #navratri2025 बैल पर सवार होकर , माँ #शैलपुत्री आ गई l