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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी आहार पानी मे मिला,केमिकल्स यूरिया पेस्टीसाइड से,जहर फसलो में लहराता है इंजेक्शन लगाकर दूध पशुओ का हानि कर नसों को गलाता है प्रयोगशाला बना है मानव रोगों का घर कहलाता है केंसर के सामान, ड्रग,चरस,शराब,गुटका सत्ता और सियासतों के संरक्षण में पलते है चेतावनी छापना नाटक लगता है इनके चुनावी खर्चे का जरिया यही से बनता है जुर्माना और कुछ धरपकड़ कर,दिखावा करना आता है घर बार बेच बेचकर ,रोगों से हर परिवार डूब जाता है रंग बदलती सियासतों के दवाब में केंसर जैसी बीमारियों से, भारत का नागरिक असमय में मरजाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" प्रयोगशाला बना है मानव,रोगों का घर कहलाता है
Kumar vishal rawat
Mind and Heart जो दिल से किया जाता है उसे तो प्यार कहते हैं।सोच समझ कर करना तो setting कहलाता है setting कहलाता है।
shastri ji
यदि आप फ्री हो तो कृपया ये बताना कि आज तक आपने कमाया क्या है।या फिर खोया ही खोया है चिंतन अवश्य करें। सर्व अध्ययन जरूरी है।
Ek villain
बजट उनके आने की आहट मात्र से धरा पर अद्भुत प्रभाव दृष्टिगोचर हो ना आप आराम हो जाता है नौकर पर स्लो गायकार के बिल्कुल का प्रयास बढ़ाने के अनुमान में खोए खोए से रहने लगते हैं टीवी पर चलने वाली बहस कंगना के बोल श्वेता तिवारी के बकलोल और विराट की कप्तानी छोड़ने की रोचक विषयों को पहचानते हुए सकल घरेलू उत्पाद राजकोषीय घाटा जैसी अजूबी पहेलियों उस पर केंद्रित हो जाती आम आदमी बजट में राहत तलाश आरंभ कर देते हैं बजट का दर्शन चा वकवादी होना के पर्याप्त आधार हैं इससे बनते वक्त सरकारी अनासन ही जितनी चादर है उतने ही पांव पसारना जैसे अलौकिक सिद्धांत के दायरे को तोड़ फोड़ते हैं यही श्रेणी में लाते हैं यद्यपि सरकार की नजर नहीं आती उसके अफसरों और मंत्रियों की उंगलियों को भी में होने वाली बात अवश्य सुनने में आती है बजट वाली श्रेणी में सब्सिडी दी जाती है सब्सिडी से वोट आते हैं वोट को सरकार के लिए भी मान लिया जाए तो चारों दर्शन इति सिद्ध हो जाता है बजट अपरिग्रह बाद का भी पोषक होता है इसमें अक्सर विनय के लक्ष्य रखे जाते हैं इसी सिद्धांत पर एयर इंडिया जैसे परी कराओ से मुक्त होना संभव हुआ है बजट को देखा लगता है जैसे कि भगवान कुरुक्षेत्र में वित्त मंत्री अर्जुन की शंका का समाधान कर रहे हो ©Ek villain #अर्थशास्त्र का आध्यात्मिक अध्ययन #friends
Ek villain
यूक्रेन संकट के चलते जब विश्व व्यवस्था में कई तरह के परिवर्तन होते दिख रहे थे तब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार को लेकर समझौता होना बेहद महत्वपूर्ण है इस समझौते के माता इसलिए बड़े जाती है क्योंकि आस्ट्रेलिया उन देशों में शामिल है जो यूक्रेन पर हमले के बाद उस पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा हुआ है यदि यू खेल में भारत का रूप ऑस्ट्रेलिया से अलग होने के बाद भी दोनों देशों के आर्थिक व्यापार सहयोग बढ़ाना पसंद किया तो इसके बाद यही है कि वह देशों में अपने हितों में प्राथमिकता देने के साथ ही आपसे सहयोग करना वक्त की जरूरत समझा जायेगा कि इसके लिए सबसे लंबे अरसे में चर्चा हो रही थी कि लगता है करीब 10 दिनों में देश के प्रधानमंत्री के अधिकांश रखने का काम किया इस तरह की शिकायत भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिए ही ©Ek villain #सहयोग का नया अध्ययन #ramadan
Ek villain
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी चाहिए न्यून की नई कुलपति के रूप में प्रवेश अशांति श्री डोली उड़ी पंडित की नियुक्ति के विरोध में उठा रहे आवाज शांत होने का नाम नहीं ले रहे शांति श्री देश की प्रतिष्ठा उच्च शिक्षा संस्थान के कुलपति के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला शिक्षा वादे है वह इस विद्यालय की पूर्व छात्र भी है इसलिए यह भी उपलब्ध है विशेष रूप से स्वागत योग्य है परंतु उनकी नियुक्ति अंदर संक्षेप लेफ्ट लीवर बुद्धिजीवी कुछ सामाजिक कार्यकर्ता हैं और आत्मा जातिवादी नेताओं को रास नहीं आ रही परमेश्वर शांति श्री ने कुलपति नियुक्ति किए जाने के बाद अपनी कार्यशैली प्राथमिकता और भावी योजनाओं के बारे में मीडिया में एक बयान जारी किया मंत्री ने बनाए जाने के बाद से मोदी सरकार के खफा चल रहे वरुण गांधी ने इसमें व्याकरण की अशुद्धि को व्यक्त करते हुए उनके अंग्रेजी भाषा ज्ञान पर सवाल खड़े किए और उसे निरक्षरता का प्रदर्शन करा दिया इसी तरह का तिथि किसान नेता योगेंद्र यादव ने उनके ऊपर किए कांग्रेसी सांसद शशि थरूर ने भी जेएनयू कुलपति शांति शिक्षा अंग्रेजी ट्यूशन की जरूरत होने के बाद कहते हुए उनका माहौल खड़ा यह मंडली उसके बयान का पोस्टमार्टम करते समय अंग्रेजी भाषा उनके विचारों और औरतें औपचारिक होते हैं सब बता विरोध के जो हमें भूल गए की भाषा माध्यम मात्र हैं मूल नहीं ©Ek villain #वैचारिक का नया अध्ययन #Nofear
कवि मनीष
है बंधन ये रक्षा का जो कहलाता है रक्षाबंधन, है बंधन ये प्रेम का जो कहलाता है रक्षाबंधन, बस ये बंधन कभी टूटे ना यही है कामना, है मौसम ये बहार